जयपुर. 14 जून वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World Blood Donor Day) के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि रक्तदान से किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है और रक्तदान को महादान भी बताया गया है. इसी मुहिम को सार्थक करते हुए जयपुर के पंकज दायमा, पंकज अग्रवाल और अर्जुन काफी लोगों को रक्तदान की मुहिम से जोड़ चुके हैं. यहां तक की जयपुर के पंकज दायमा अपनी हर खुशी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रक्तदान के रूप में मनाते हैं और अब तक 24 कपल्स को रक्तदान की मुहिम से जोड़ चुके हैं.
जयपुर का एक परिवार ऐसा भी है जो अपने हर खुशी को रक्तदान करके मनाता है. जयपुर के पंकज दायमा और उनका परिवार अपनी हर खुशी के मौके पर परिवार सहित रक्तदान करते हैं. पंकज दायमा का कहना है कि वे अपने जन्मदिन या अपने परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिन के अवसर पर अपने पूरे परिवार के साथ रक्तदान करते हैं. इसमें पंकज खुद उनकी पत्नी और बहन शामिल है. हालांकि उनके दो छोटे बच्चे भी हैं और हर रक्तदान के वक्त उनके बच्चे भी उनके साथ मौजूद होते हैं ताकि आने वाले समय में उनके बच्चे भी सीख सके कि रक्तदान कितना जरूरी है.
पढ़ें- कर्नाटक : मधुरा अशोक का 117 बार रक्तदान के साथ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
जन्मदिन के अलावा अन्य किसी भी खुशी के मौके पर पूरा परिवार रक्तदान जैसे पुनीत कार्य में शामिल होता है और अन्य लोगों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते हैं. अब तक 26 अलग-अलग मौकों पर पंकज और उनका पूरा परिवार रक्तदान कर चुका है और अब तक 24 अलग-अलग कपल्स को भी अपनी इस मुहिम से जुड़ा है और वे भी रक्तदान की मुहिम से जुड़ गए हैं. चिकित्सकों का कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता बल्कि रक्तदान के अपने कुछ फायदे हैं और स्वास्थ्य ठीक बना रहता है.
डेंगू से बचाई कई जिंदगी- पिछले वर्ष प्रदेश में डेंगू एक भयानक बीमारी के रूप में सामने आया था और पिछले वर्ष ही रिकॉर्ड मामले डेंगू के सामने आए थे. जिसके बाद मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की काफी जरूरत पड़ी थी क्योंकि इसके माध्यम से हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती थी. जयपुर के रहने वाले पंकज अग्रवाल पिछले 7 सालों से रक्तदान कर रहे हैं और अब तक 155 बार सिंगल डोनर प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं जिससे तकरीबन 200 से अधिक जिंदगी बचाई जा सकी है.
पंकज का कहना है कि रक्तदान को महादान के रूप में बताया गया है और आपके रक्तदान से किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे खुद काफी सालों से अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं और बता रहे हैं कि रक्तदान कितना जरूरी है. खासकर जब मौसमी बीमारियों का समय आता है तो डेंगू से पीड़ित गंभीर मरीज को रक्त और इससे निकलने वाले सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की काफी जरूरत होती है.
पंकज अब तक 155 बार एसडीपी डोनेट कर चुके हैं और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करते रहते हैं. इसके अलावा जयपुर के ही रहने वाले अर्जुन भी पिछले 7 सालों से रक्तदान जैसी मुहिम से जुड़े हुए हैं और अब तक 76 बार एसडीपी डोनेट कर चुके हैं. अर्जुन का कहना है कि उन्हें काफी खुशी होती है जब वे किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए रक्तदान करते हैं और उनकी कोशिश होती है कि अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान जैसी मुहिम से जोड़ा जा सके.