ETV Bharat / city

जयपुर: अपार्टमेंट ओनरशिप नियम 2020 पर परिचर्चा, प्राइवेट बिल्डर्स और मोहल्ला विकास समितियों ने रखी राय

author img

By

Published : Feb 16, 2020, 6:16 PM IST

जयपुर में रविवार स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें अपार्टमेंट ओनरशिप बिल को लेकर बनाए गए नियमों पर चर्चा की गई. इस कार्यशाला में यूडीएच सचिव भास्कर ए सावंत, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा मौजूद रहे.

जयपुर की खबर, Apartment Ownership Bill
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन

जयपुर. फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में भूखंड को शामिल करने और बिल्डर को 6 महीने के अंदर भूमि का मालिकाना हक फ्लैट खरीदार को देने जैसे नियमों के साथ नगरीय विकास विभाग ने अपार्टमेंट ओनरशिप नियम बनाए हैं. राज्य सरकार के नए प्रारूप के संबंध में परिचर्चा के लिए रविवार को साहित्य शासन विभाग की ओर से कार्यशाला रखी गई. जिसमें मोहल्ला विकास समिति और प्राइवेट बिल्डर्स ने प्रशासन के सामने अपनी राय रखी.

पढ़ें- जयपुरः स्कूटी पर जा रही महिला कांस्टेबल को डंपर ने मारी टक्कर, मौके पर मौत

अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलाने के लिए साल 2003 में बीजेपी सरकार ने अपार्टमेंट ओनरशिप बिल का प्रारूप तैयार किया था. इसके बाद कई बार राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेजा, लेकिन हर बार बिल में सुधार की बात कहकर इसे वापस लौटा दिया गया.

स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन

हालांकि अप्रैल 2018 में जब प्रदेश सरकार ने इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा, तो उसका जवाब पॉजिटिव आया. बीते साल 3 जुलाई को राष्ट्रपति की ओर से इस बिल को मंजूरी दे दी गई. जिसके बाद राज्य सरकार ने बिल के तहत नियम बनाए. इन्हीं नियमों पर चर्चा के लिए रविवार को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया.

इस कार्यशाला में यूडीएच सचिव भास्कर ए सावंत, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने प्राइवेट बिल्डर्स और मोहल्ला विकास समिति के प्रतिनिधियों से राय मशवरा किया. अपार्टमेंट ओनरशिप बिल को लेकर भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य सरकार ने एक्ट बनाने से पहले नियमों को वेबसाइट पर डाला था. इस पर आपत्तियां आमंत्रित की थी.

वहीं आरडब्ल्यूएस के मेंबर से सुझाव मांगे गए हैं. यहां मिले सुझाव और आपत्तियों का निस्तारण करते हुए बिल को मजबूत बनाया जाएगा. वहीं, भवानी सिंह देथा ने बताया कि फ्लैट ओनर को सभी सुविधा मिले और उनका अपार्टमेंट भी बेहतर हो. इसे ध्यान में रखते हुए अपार्टमेंट ओनरशिप बिल तैयार किया गया है और इसके लिए रेसिडेंट वेलफेयर्स का एसोसिएशन बने, वो रेवेन्यू इकट्ठा करें और अपने अपार्टमेंट को बेहतर बनाएं.

पढ़ें- विराटनगर: राजकीय विद्यालय में भामाशाह और पूर्व विद्यार्थी सम्मान समारोह का आयोजन

बता दें कि अब तक बिल्डर फ्लैट खरीदार के नाम पर रजिस्ट्री कराता रहा है. लेकिन रजिस्ट्री को स्वामित्व का आधार नहीं माना जाता. ऐसे में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होने के बाद बिल्डर्स को फ्लैट खरीदारों की लिस्ट जेडीए या निगम को सौंपनी होगी. उसी के आधार पर डीड ऑफ अपार्टमेंट जारी होगी. जिससे खरीदार को फ्लैट के साथ-साथ बिल्डिंग की जमीन पर भी अनुपातिक हक मिलेगा.

जयपुर. फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में भूखंड को शामिल करने और बिल्डर को 6 महीने के अंदर भूमि का मालिकाना हक फ्लैट खरीदार को देने जैसे नियमों के साथ नगरीय विकास विभाग ने अपार्टमेंट ओनरशिप नियम बनाए हैं. राज्य सरकार के नए प्रारूप के संबंध में परिचर्चा के लिए रविवार को साहित्य शासन विभाग की ओर से कार्यशाला रखी गई. जिसमें मोहल्ला विकास समिति और प्राइवेट बिल्डर्स ने प्रशासन के सामने अपनी राय रखी.

पढ़ें- जयपुरः स्कूटी पर जा रही महिला कांस्टेबल को डंपर ने मारी टक्कर, मौके पर मौत

अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलाने के लिए साल 2003 में बीजेपी सरकार ने अपार्टमेंट ओनरशिप बिल का प्रारूप तैयार किया था. इसके बाद कई बार राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेजा, लेकिन हर बार बिल में सुधार की बात कहकर इसे वापस लौटा दिया गया.

स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन

हालांकि अप्रैल 2018 में जब प्रदेश सरकार ने इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा, तो उसका जवाब पॉजिटिव आया. बीते साल 3 जुलाई को राष्ट्रपति की ओर से इस बिल को मंजूरी दे दी गई. जिसके बाद राज्य सरकार ने बिल के तहत नियम बनाए. इन्हीं नियमों पर चर्चा के लिए रविवार को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया.

इस कार्यशाला में यूडीएच सचिव भास्कर ए सावंत, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने प्राइवेट बिल्डर्स और मोहल्ला विकास समिति के प्रतिनिधियों से राय मशवरा किया. अपार्टमेंट ओनरशिप बिल को लेकर भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य सरकार ने एक्ट बनाने से पहले नियमों को वेबसाइट पर डाला था. इस पर आपत्तियां आमंत्रित की थी.

वहीं आरडब्ल्यूएस के मेंबर से सुझाव मांगे गए हैं. यहां मिले सुझाव और आपत्तियों का निस्तारण करते हुए बिल को मजबूत बनाया जाएगा. वहीं, भवानी सिंह देथा ने बताया कि फ्लैट ओनर को सभी सुविधा मिले और उनका अपार्टमेंट भी बेहतर हो. इसे ध्यान में रखते हुए अपार्टमेंट ओनरशिप बिल तैयार किया गया है और इसके लिए रेसिडेंट वेलफेयर्स का एसोसिएशन बने, वो रेवेन्यू इकट्ठा करें और अपने अपार्टमेंट को बेहतर बनाएं.

पढ़ें- विराटनगर: राजकीय विद्यालय में भामाशाह और पूर्व विद्यार्थी सम्मान समारोह का आयोजन

बता दें कि अब तक बिल्डर फ्लैट खरीदार के नाम पर रजिस्ट्री कराता रहा है. लेकिन रजिस्ट्री को स्वामित्व का आधार नहीं माना जाता. ऐसे में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होने के बाद बिल्डर्स को फ्लैट खरीदारों की लिस्ट जेडीए या निगम को सौंपनी होगी. उसी के आधार पर डीड ऑफ अपार्टमेंट जारी होगी. जिससे खरीदार को फ्लैट के साथ-साथ बिल्डिंग की जमीन पर भी अनुपातिक हक मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.