जयपुर. नगर निगम की टिकट को लेकर प्रत्याशी फिलहाल जनता की जगह बड़े नेताओं के दरवाजों पर खड़े हैं. चूकी कांग्रेस पार्टी की सरकार है, ऐसे में टिकट के दावेदारों की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसे में किसे टिकट दें और किसे नहीं, इसे लेकर कांग्रेस नेता लगातार मंथन भी कर रहे हैं. टिकट के दावेदार किस तरह से टिकट की लाइन में खड़े हैं, इसका अंदाजा उस निजी होटल के दरवाजे के बाहर खड़े होकर आसानी से लगाया जा सकता है, जहां पर कांग्रेस पार्टी का टिकट देने के लिए आए एआईसीसी के को-ऑर्डिनेटर और पर्यवेक्षक मौजूद हैं.
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बड़ी तादाद में कार्यकर्ता अपने को-ऑर्डिनेटर और पर्यवेक्षक से टिकट की मांग को लेकर अपने बायोडाटा के साथ लाइन में खड़े हैं. स्थिति यह है हो गई कि पर्यवेक्षक राजधानी के नेताओं के साथ मीटिंग भी नहीं कर पा रहे हैं. कई बार तो इस तरह की स्थिति बन जा रही है कि पर्यवेक्षकों को बाहर आकर बायोडाटा इकट्ठे करने पर पड़ रहे हैं.
वाल्मीकि समाज ने कांग्रेस को चेताया...
वाल्मीकि समाज की तरफ से कांग्रेस को चेताया गया है कि हर विधानसभा में से एक उम्मीदवार को टिकट जरूर दें नहीं तो हाथरस मामले में जिस तहर से भाजपा को नुकसान उठाना पड़ रहा है वैसा कांग्रेस के साथ भी हो सकता है. कांग्रेस नेता विक्रम वाल्मीकि ने कांग्रेस को चेताते हुए कहा कि हर विधानसभा से एक वाल्मीकि समाज के नेता को टिकट नहीं दिया गया तो हाथरस मामले में जिस तरीके से भाजपा की खिलाफत हो रही है, टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस पार्टी को भी समाज की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां...
कांग्रेस पर्यवेक्षक जिस निजी होटल में मौजूद हैं, वहां टिकट दावेदारों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है. इसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हवा हो गई है. सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में किए गए कामों के बायोडाटा के साथ पहुंच रहे हैं. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन की पालना के हिसाब से स्थिति कंट्रोल से बाहर हो गई है.