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गहलोत 'राज' के 1 साल: सरकार को घेरने में BJP भी नहीं रही पीछे, लेकिन मिले ये जख्म

प्रदेश में गहलोत सरकार को एक साल होने जा रहे है. ऐसे में साल भर के कार्यकाल के दौरान विपक्ष की भी भूमिका अहम रही है. गहलोत सरकार की घोषणाओं को याद दिलाने के लिए भाजपा सड़कों पर उतरी तो वहीं एक साल में गहलोत सरकार से भाजपा को भी जख्म मिले है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

गहलोत सरकार 1 साल, one year Gehlot government
गहलोत सरकार को घेरने में बीजेपी भी नहीं रही पीछे
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Published : Dec 10, 2019, 3:15 PM IST

जयपुर. आगामी 17 दिसंबर को प्रदेश की गहलोत सरकार के 1 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस 1 साल में मौजूदा सरकार के पास गिनाने को कई उपलब्धियां हैं और इसका सरकार के स्तर पर पूरा प्रचार-प्रसार भी हो रहा है. लेकिन बीते 1 साल में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में भाजपा ने भी सरकार की नाक में नकेल डालने का कोई मौका नहीं छोड़ा. चाहे चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे कराने का मामला हो या फिर बढ़ते अपराध से जुड़ा मामला.

गहलोत सरकार को घेरने में बीजेपी भी नहीं रही पीछे...

हर मामले में विपक्ष के रूप में भाजपा ने सड़कों पर आकर सरकार को घेरा ओ सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते रहे. वहीं अगर भाजपा की बात करें तो प्रदेश में विपक्ष के रूप में गहलोत सरकार को एक साल में इन मुद्दों पर घेरने का काम किया है.

पढ़ें- सरकार की पहली सालगिरह : कांग्रेस के जश्न के बीच भाजपा जारी करेगी ब्लैक पेपर

  • किसानों की कर्ज माफी के वादे पर सरकार को घेरा.
  • बेरोजगारी भत्ते के वादे पर सरकार को घेरा.
  • प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले पर कई बार किया आंदोलन.
  • बिजली के बिल में फ्यूल चार्जेस के नाम पर बढ़ोतरी के मामले में घेरा.
  • पेट्रोल डीजल पर वेट की दर पर बढ़ोतरी के मामले में सरकार को घेरा.
  • पिछली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को ठंडे बस्ते पर डालने के मामले में घेरा.
  • केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रदेश में नाम बदलाव के मामले में घेरा.
  • निकाय व पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म करने के मामले में घेरा.
  • निकाय चुनाव प्रक्रिया में बार-बार बदलाव को लेकर सरकार को घेरा.

यह तो वे मामले थे, जिस पर विपक्ष के नाते भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार को बार-बार सड़क और सदन में घेरा और कई आंदोलन भी चलाएं. भाजपा ने विपक्ष रूप में सरकार को घेरने का ही काम किया तो प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने भी बीते 1 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा को कई गहरे जख्म दिए हैं. इन जख्मों में विधानसभा उपचुनाव और निकाय चुनाव प्रमुख है.

पढ़ें- सरकार 'राज' - 1 साल : घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज में किया शामिल, कई योजनाएं की शुरू

मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराया तो वहीं 49 निकायों में हुए चुनावों में भी भाजपा को करारी शिकस्त मिली. निकाय चुनाव में 37 पर कांग्रेस और 12 पर भाजपा ने फतेह हासिल की. मतलब सरकार की उपलब्धियों में उपचुनाव निकाय चुनाव में जीत भी शामिल हो गई और विपक्ष को इन 1 साल में चुनाव हारने का गहरा जख्म मिला.

जयपुर. आगामी 17 दिसंबर को प्रदेश की गहलोत सरकार के 1 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस 1 साल में मौजूदा सरकार के पास गिनाने को कई उपलब्धियां हैं और इसका सरकार के स्तर पर पूरा प्रचार-प्रसार भी हो रहा है. लेकिन बीते 1 साल में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में भाजपा ने भी सरकार की नाक में नकेल डालने का कोई मौका नहीं छोड़ा. चाहे चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे कराने का मामला हो या फिर बढ़ते अपराध से जुड़ा मामला.

गहलोत सरकार को घेरने में बीजेपी भी नहीं रही पीछे...

हर मामले में विपक्ष के रूप में भाजपा ने सड़कों पर आकर सरकार को घेरा ओ सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते रहे. वहीं अगर भाजपा की बात करें तो प्रदेश में विपक्ष के रूप में गहलोत सरकार को एक साल में इन मुद्दों पर घेरने का काम किया है.

पढ़ें- सरकार की पहली सालगिरह : कांग्रेस के जश्न के बीच भाजपा जारी करेगी ब्लैक पेपर

  • किसानों की कर्ज माफी के वादे पर सरकार को घेरा.
  • बेरोजगारी भत्ते के वादे पर सरकार को घेरा.
  • प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले पर कई बार किया आंदोलन.
  • बिजली के बिल में फ्यूल चार्जेस के नाम पर बढ़ोतरी के मामले में घेरा.
  • पेट्रोल डीजल पर वेट की दर पर बढ़ोतरी के मामले में सरकार को घेरा.
  • पिछली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को ठंडे बस्ते पर डालने के मामले में घेरा.
  • केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रदेश में नाम बदलाव के मामले में घेरा.
  • निकाय व पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म करने के मामले में घेरा.
  • निकाय चुनाव प्रक्रिया में बार-बार बदलाव को लेकर सरकार को घेरा.

यह तो वे मामले थे, जिस पर विपक्ष के नाते भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार को बार-बार सड़क और सदन में घेरा और कई आंदोलन भी चलाएं. भाजपा ने विपक्ष रूप में सरकार को घेरने का ही काम किया तो प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने भी बीते 1 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा को कई गहरे जख्म दिए हैं. इन जख्मों में विधानसभा उपचुनाव और निकाय चुनाव प्रमुख है.

पढ़ें- सरकार 'राज' - 1 साल : घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज में किया शामिल, कई योजनाएं की शुरू

मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराया तो वहीं 49 निकायों में हुए चुनावों में भी भाजपा को करारी शिकस्त मिली. निकाय चुनाव में 37 पर कांग्रेस और 12 पर भाजपा ने फतेह हासिल की. मतलब सरकार की उपलब्धियों में उपचुनाव निकाय चुनाव में जीत भी शामिल हो गई और विपक्ष को इन 1 साल में चुनाव हारने का गहरा जख्म मिला.

Intro:special report
गहलोत सरकार की साल भर के कार्यकाल के दौरान विपक्ष की ये रही भूमिका

सरकार की घोषणाओं को याद दिलाने के लिए सड़कों पर उतरी भाजपा

एक साल में गहलोत सरकार से भाजपा को मिले ये जख्म

जयपुर (इंट्रो)
आगामी 17 दिसंबर को प्रदेश की गहलोत सरकार के 1 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस 1 साल में मौजूदा सरकार के पास गिनाने को कई उपलब्धियां है और इसका सरकार के स्तर पर पूरा प्रचार-प्रसार भी हो रहा है लेकिन बीते 1 साल में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में भाजपा ने भी सरकार की नाक में नकेल डालने का कोई मौका नहीं छोड़ा। चाहे चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे कराने का मामला हो या फिर बढ़ते अपराध से जुड़ा मामला, हर मामले में विपक्ष के रूप में भाजपा ने सड़कों पर आकर सरकार को घेरा ओ सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते रहे।

ग्राफिक्स इन...
एक साल में इन मुद्दों पर भाजपा ने सरकार को घेरा-
1- किसानों की कर्ज माफी के वादे पर घेरा
2- बेरोजगारी भत्ते के वादे पर सरकार को घेरा
3- प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले पर कई बार किया आंदोलन
4- बिजली के बिल में फ्यूल चार्जेस के नाम पर बढ़ोतरी के मामले में घेरा।
5- पेट्रोल डीजल पर वेट की दर पर बढ़ोतरी के मामले में सरकार को घेरा
6- पिछली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को ठंडे बस्ते पर डालने के मामले में घेरा
7- केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रदेश में नाम बदलाव के मामले में घेरा
8- निकाय व पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म करने के मामले में घेरा
9- निकाय चुनाव प्रक्रिया में बार-बार बदलाव को लेकर सरकार को घेरा
ग्राफिक्स आउट....

(बाईट-अरुण चतुर्वेदी,पूर्व प्रदेशाध्यक्ष)

यह तो वह मामले थे जिस पर विपक्ष के नाते भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार को बार-बार सड़क और सदन में घेरा और कई आंदोलन भी चलाएं। भाजपा ने विपक्ष रूप में सरकार को घेरने का ही काम किया तो प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने भी बीते 1 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा को कई गहरे जख्म दिए हैं। इन जख्मों में विधानसभा उपचुनाव और निकाय चुनाव प्रमुख है। मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराया तो वही 49 निकायों में हुए चुनावों में भी भाजपा को करारी शिकस्त मिली। निकाय चुनाव में 37 पर कांग्रेस और 12 पर भाजपा ने फतेह हासिल की। मतलब सरकार की उपलब्धियों में उपचुनाव निकाय चुनाव में जीत भी शामिल हो गई और विपक्ष कोई 1 साल में मिला यह चुनाव हारने का गहरा जख्म।

(Edited vo pkg)



Body:(Edited vo pkg)


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