जयपुर. महिला समानता दिवस राजस्थान की सशक्त महिला के गौरव का दिन होगा. 24 से 26 अगस्त तक महिला सशक्तिकरण की दिशा में राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि आगामी 26 अगस्त को मनाया जाने वाला महिला समानता दिवस राजस्थान की सशक्त महिला के गौरव का दिन हो और प्रदेश की हर महिला को समर्पित हो. उन्होंने निर्देश दिए कि यह दिवस महिला सशक्तिकरण की थीम पर आधारित होना (Womens equality Day theme) चाहिए.
प्रदेश की हर महिला उनसे प्रेरित हो: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने गुरुवार को शासन सचिवालय में राजस्थान ग्रामीण आजीविका परिषद (राजीविका) की ओर से आगामी 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए आयोजित बैठक ली. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि महिला समानता दिवस सशक्त महिला का पर्याय बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में प्रदेश की सफल और सशक्त महिलाओं को भी बुलाया जाए ताकि प्रदेश की हर महिला उनसे प्रेरित हो अपनी मंजिल प्राप्त कर सके.
पढ़ें: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है महिला समानता दिवस
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा ने सभी प्रतिभागी विभागों के उच्चाधिकारियों को संबंधित भूमिका और दायित्वों का उचित प्रकार से निर्वहन करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह कॉन्क्लेव राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की सशक्त महिला की पहचान बनेगा. इस अवसर पर राजीविका की स्टेट मिशन डायरेक्टर मंजू राजपाल ने बताया कि 24 से 26 अगस्त तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम थीम आधारित होंगे. इन्हें ऑफलाइन एवं ऑनलाइन हाइब्रिड मोड में आयोजित कर ब्लॉक स्तर तक 2 लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. 26 अगस्त का मुख्य समारोह प्रदेश की राजधानी जयपुर में आयोजित किया जाएगा.
पढ़ें: विश्व महिला समानता दिवस : महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही है निर्भया स्क्वायड टीम
आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंद घर के रूप में विकसित किया जाए: मुख्य सचिव ने कहा कि नंद घर योजना के तहत 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को समयबद्व नंद घर के रूप में विकसित किया जाए. शर्मा ने गुरुवार को नंद घर योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2021-22 की पालना में 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि योजना के तहत चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों में भवन अपग्रेडेशन, ई लर्निंग सामग्री के वितरण के लिए एलईडी प्रोजेक्टर, पानी का शुद्धिकरण यंत्र सहित विभिन्न कार्य सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए की योजना के बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में स्टेट कोऑर्डिनेट कमेटी भी बनाई जाए. नंद घर योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और जिला कलेक्टर की ओर से भी चयनित आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी, बिजली, इंटरनेट कनेक्शन सहित विभिन्न कार्य किये जाएं.
पढ़ें: महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का हक, जानें इस दिन की खासियत
वेदांता से किया था एमओयू : महिला एवं बाल विकास के सचिव दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बजट घोषणा 2021-22 की पालना में 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार तथा वेदांता लिमिटेड के मध्य 8 फरवरी, 2022 को एमओयू किया गया था. उन्होंने बताया कि विभागीय भवनों, सरकारी भवनों और अन्य सामुदायिक भवनों में संचालित 32 हजार 507 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 26 हजार 6 को नंद घर के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है.