जयपुर. राजस्थान ही नहीं, विश्व में कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक हालात बिगड़े हैं. लेकिन अब धीरे-धीरे सब सामान्य होने लगा है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक बार फिर बड़ी एनर्जी के साथ जनजीवन पटरी पर दौड़ेगा. एक साल तक कोरोना का सामना करने के बाद नए विकल्प भी सामने आए हैं. खासकर वर्किंग वुमन्स की बात करें तो अब इनका ज्यादा रुझान स्टार्टअप की ओर बढ़ रहा है. इन महिलाओं को लगता है कि सरकार इस बार अपने बजट में स्टार्टअप करने वालों को किस तरह से ज्यादा से ज्यादा राहत देगी, उस पर फोकस करने की जरूरत है.
फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन वंदना परनामी बताती हैं कि बजट में इंपोर्टेंट यह देखना होगा कि सरकार एंपॉवरमेंट को किस तरह से बढ़ावा देती है. कोरोना के बीच जिस तरह के हालात बने हैं, उसको लेकर अब ज्यादातर लोगों का खासकर महिलाओं का अपने खुद के स्टार्टअप की ओर ज्यादा रुझान बढ़ा है. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि जो कानूनी अड़चनें उनके सामने आती हैं. उसकी वजह से वह अपने स्टार्टअप को शुरू नहीं कर पा रही है. इस बार पेश होने वाले बजट से उम्मीद है कि सरकार लोन उपलब्ध कराने की जो प्रक्रिया है, उसका सरलीकरण करेगी.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के दामों में किस तरह से राज्य सरकार के स्तर पर कमी की जा सकती है. उसको लेकर भी सरकार को सोचना होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से एक साल तक लोगों का व्यवसाय काफी ज्यादा प्रभावित रहा. हालांकि अब धीरे-धीरे चीजें नॉर्मल होने लगी हैं. लेकिन इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि व्यवसाय जगत के लिए सरकार कुछ अच्छी घोषणा करे.
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आर्किटेक्ट मीनल जैन बताती हैं कि सरकार को महिलाएं किस तरह से अपने खुद के काम को आगे बढ़ाएं. इसके लिए सरकार को अलग से कुछ राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए. साथ ही टूरिज्म सेक्टर में महिलाओं को किस तरह से अधिक से अधिक जोड़ा जाए, इस पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि टूरिज्म इंडस्ट्रीज पर महिलाओं को सरकार ज्यादा से ज्यादा कामकाज का मौका दे सकती है. सरकार को चाहिए कि अपने इस बजट में ऐसी कुछ पॉलिसिज की घोषणा करें, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनने में सफल हो सकें.
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प्रोफेसर डॉक्टर पूनम मदान कहती हैं कि राजस्थान जिस तरीके से पिछले एक साल तक कोरोना की जद में रहा, इसके बाद युवाओं के सामने रोजगार का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. खासतौर से युवा उद्यमी महिलाओं के लिए बड़ी दिक्कतें हैं. सरकार को बिजनेस के लिए बनी पॉलिसी में सरलीकरण करना चाहिए, जो लोन की लिमिट है, उसे भी बढ़ाया जाए. उसमें किसी भी तरह की गारंटर या उसके अलावा जो नियम शर्ते हैं, उन्हें भी रियायत दे. ताकि महिलाएं अधिक से अधिक काम कर सकें. अक्सर देखा जाता है कि लोन प्रक्रिया की शर्तों को पूरी नहीं करने की वजह से कई महिला उद्यमी अपने स्टार्टअप को शुरू नहीं कर पाती हैं.
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अनुश्री फाउंडेशन की फाउंडर अनुश्री दासोत का कहना है कि वर्तमान में सबसे ज्यादा जरूरी है कि महंगाई पर कंट्रोल किया जाए, जिस तरीके से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, उसकी वजह से हर एक चीज महंगी हो रही है. ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने की वजह से व्यापार पर भी इसका खासा असर पड़ रहा है. सरकार को अपने इस बजट में कुछ ऐसी घोषणा ही करनी चाहिए, ताकि लगातार बढ़ रही महंगाई पर कंट्रोल किया जा सके. उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास फैमिली की महिलाओं के लिए सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को किस तरह से अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ा जा सके. इस तरह की योजनाओं को लेकर सरकार को इस बजट में घोषणा करनी चाहिए.