जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में अहम निर्णय लिया है. गहलोत सरकार नौकरी छोड़ने वाली कामकाजी महिलाओं को जॉब दिलाने या वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराने के लिए ‘बैक टू वर्क’ (Back to work plan) योजना लेकर आई है. सीएम अशोक गहलोत ने योजना को मंजूरी दे दी है. गहलोत सरकार योजना के तहत निजी क्षेत्र के सहयोग से कामकाजी महिलाओं को फिर से जॉब दिलाने या वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराएगी.
इस योजना में आगामी 3 वर्षों में 15 हजार महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है. विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी, जो महिलाएं कार्यस्थल पर जाने में सक्षम नहीं होंगी, उन्हें वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा.
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रोजगार से जुड़ने की इच्छुक महिलाओं को महिला अधिकारिता निदेशालय (Directorate of Women's Empowerment) और सीएसआर संस्था के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की सुविधा विकसित की जाएगी. इसके अलावा आरकेसीएल के माध्यम से स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिए सहयोगी संस्था/सीएसआर संस्था के पोर्टल अथवा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर लक्षित श्रेणी की महिलाओं से आवेदन लिए जाएंगे.
ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड महिलाओं को श्रेणीवार डाटाबेस के आधार पर निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने का कार्य सीएसआर संस्था की ओर से किया जाएगा. आवश्यकता होने पर सीएसआर संस्था की ओर से ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लक्षित श्रेणी की महिलाओं को री-स्किलिंग/अप-स्किलिंग हेतु प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की जाएगी. जिसका अपडेशन पोर्टल पर किया जाएगा.योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट 2021-22 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी.