जयपुर. गुलाबी नगरी को वर्ल्ड क्लास और ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए तकरीबन 1,000 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. इसे पूरा करने का लक्ष्य साल 2022 निर्धारित किया गया है. लेकिन जेडीए के पुराने प्रोजेक्ट की गति को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि ये प्रोजेक्ट हकीकत बनेंगे या सपना बनकर रह जाएंगे.
जयपुर में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर हो, इसके लिए यूडीएच मंत्री के निर्देश पर जेडीए ने नौ प्रोजेक्ट आईडेंटिफाई किए हैं. इनमें रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट हैं. कुछ ऐसे स्थान जहां ट्रैफिक दबाव ज्यादा रहता है, वहां अंडरपास, एलिवेटेड रोड और क्लोवरलीफ बनाए जाने हैं. साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण के नजरिए से जवाहर सर्किल, स्टैचू सर्किल जबकि ट्रैफिक के नजरिए से B2 बायपास, रामबाग सर्किल, ओटीएस तिराहा, लक्ष्मी मंदिर तिराहा सहित नौ प्रोजेक्ट हैं. जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि पहले चरण में इन नए प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम जल्द शुरू किया जा रहा है.
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वहीं डायरेक्टर इंजीनियर वीरेंद्र सुंडा ने बताया कि शहर में यातायात का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है. जहां ट्रैफिक का दबाव ज्यादा है, ऐसे चौराहों पर यातायात निर्विघ्न चलता रहे. इसे ध्यान में रखते हुए नए प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं. उससे लोगों का समय, फ्यूल कंजम्पशन और पॉल्यूशन तीनों फैक्टर पर असर पड़ेगा. शहर में नौ स्थान चिन्हित किए गए हैं. जहां इंजीनियरिंग सॉल्यूशन से ट्रैफिक लाइट हटाई जा सके, जिससे ट्रैफिक निरंतर चलता रहेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल तकनीकी राय मशवरा किया जा रहा है कि कहां अंडरपास, कहां ओवरब्रिज और क्लोवरलीफ बनाया जाए.
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हालांकि इन नए प्रोजेक्ट्स के साथ जेडीए के सोडाला एलिवेटेड, झोटवाड़ा, बस्सी और सीतापुरा आरओबी प्रोजेक्ट भी अब तक अधूरे हैं. इन प्रोजेक्ट को भी जल्द पूरा करना जेडीए के लिए चुनौती है. जबकि यूडीएच मंत्री द्वारा नए प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन भी साल 2022 दी गई है. ऐसे में अब सवाल यही उठा रहा है कि जो सपना यूडीएच मंत्री और जेडीए ने दिखाया है, क्या वो हकीकत बन पाएगा.