जयपुर. डेंगू बुखार मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से पैदा होता है. ये मच्छर खास तौर पर सुबह काटते हैं. बारिश के मौसम और उसके बाद यह बुखार तेजी से फैलता है. इस बुखार की वजह मच्छर पनपने की अनुकूल स्थितियां होती हैं.
डेंगू बुखार से पीड़ित के ब्लड में डेंगू वायरस की मात्रा अधिक होती है. मच्छर जब डेंगू मरीज को काटता है तो वह वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है. डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वह भी डेंगू वायरस के पीड़ित हो जाता है.
मच्छर के मरीज को काटे जाने के लगभग तीन से पांच दिनों में डेंगू बुखार के सिमटम्स दिखने लगते हैं. बुखार होने में 10 दिन का समय भी लग सकता है. डेंगू के साधारण बुखार के अलावा हेमरेजिक और शॉक सिंड्रोम बुखार भी होते हैं. रेमरेजिक और शॉक सिंड्रोम ज्यादा खतरनाक होते हैं. दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू ज्यादा खतरनाक होता है. इनमें समय से इलाज शुरू न हो तो जान भी जा सकती है.
डेंगू बुखार के लक्षण
ठंड लगना, अचानक तेज बुखार, सिर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, बहुत कमजोरी महसूस होना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द, शरीर चेहरे गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी चिकत्ते होना.
बच्चों में अधिक खतरा
बच्चों का इम्युन सिस्टम कमजोर होता है. वे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए सचेत रहें. बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं. आस-पास गंदा पानी जमा न होने दें. बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क करें.
इस मौसम में एहतियात बरतें
पानी उबाल कर ठंडा कर पीयें, गुनगुना पानी पीयें, मैदा से बनी बासी चीजें न खाएं, भोजन में हल्दी अजवाइन, अदरक हींग का ज्यादा इस्तेमाल करें. पत्तेदार सब्जियों से परहेज करें. हल्का भोजन करें. ज्यादा मिर्च मसाले का या तला भुना खाने से बचें. पानी छाछ नारियल पानी नीबू पानी का सेवन करते रहें. विटामिस सी वाली चीजों का अधिक सेवन करें. जैसे आंवले, संतरा या मौसमी. बुखार में कोई भी दवा अपने से न लें. डॉक्टर को दिखाएं. झोलाछाप डॉक्टरों से बचें. सरकार के निर्देशों का पालन करें.
कोरोना से राहत के बाद अब मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. डेंगू, स्क्रब टायफस और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. राजधानी जयपुर में अब तक 300 से अधिक केस डेंगू के, 200 से अधिक चिकनगुनिया के और 100 से अधिक स्क्रब टायफस के मरीज आ चुके हैं.
अस्पतालों में डेंगू वार्डों में बेड भी भरने लगे हैं. मरीजों में बच्चों की संख्या में भी अधिक देखने को मिल रही है. प्रदेश में अभी तक डेंगू के करीब 369 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. डॉक्टर भी डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के लिए लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं.
राजस्थान में भी डेंगू के लगातार बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम जनता से सावधानी बरतने की अपील की थी. सीएम गहलोत ने कहा था कि डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए सावधानी बरती जाए.
सीएम गहलोत ने ट्वीट कर की थी अपील
सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मानसून में डेंगू बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में डेंगू बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है. प्रदेश में भी डेंगू बुखार के कुछ मरीज मिले हैं. राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर उठाए गए कदमों और आमजन के सहयोग से कोविड-19 के नियंत्रण में राजस्थान देश में अग्रणी है. डेंगू बुखार के साथ अन्य मौसमी बीमारियों (वायरल सहित) के नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से लगातार निर्देश दिये जा रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि वर्तमान में डेंगू के काफी संख्या में मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं.
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लगातार बढ़ रहे मामले
जयपुर में चिकनगुनिया, डेंगू और स्क्रब टायफस के मरीज बढ़ रहे हैं. अब तक जयपुर में 369 डेंगू के मामले, चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 217 और 113 मरीज स्क्रब टायफस के भी सामने आ चुके हैं.
ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की संख्या
राजधानी जयपुर के सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो बीते 2 महीने में ओपीडी की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर 5 से 6 हजार मरीजों की ओपीडी अस्पताल में हुआ करती है लेकिन मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों के बाद ओपीडी 7 से 8 हजार तक पहुंच गई है. इसके अलावा जिला अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और सेटेलाइट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इन दिनों मौसमी बीमारी ने लोगों को अपनी गिरफ्त में जकड़ रखा है. अकेले राजधानी जयपुर की बात करें तो यहां पर 300 से ज्यादा डेंगू के मामले अब तक सामने आ चुके हैं. बढ़ते डेंगू के मामलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से आसपास सफाई रखने की अपील की है.