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नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज, क्या कहती है जोधपुर की जनता, देखिए स्पेशल रिपोर्ट... - Jodhpur latest news

जोधपुर में आगामी नगर निगम के चुनाव को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. कहीं टूटी सड़कें तो कहीं गंदगी का अंबार. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बात की. लोगों का कहना है कि पार्षद ने चुनाव जीता फिर उसके बाद नजर नहीं आए. जब भी बुलाने की कोशिश की तो कोई न कोई बहाना बना लिया. लोग चाहते हैं कि इस बार ऐसे पार्षद को मौका दिया जाए जो उनके वार्ड से बाहर का ना हो.

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जोधपुर नगर निगम का हाल
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Published : Oct 25, 2020, 5:41 PM IST

जोधपुर. नगर निगम का चुनाव अब परवान चढ़ चुका है. ऐसे में जनता भी इस बार जागरूक नजर आ रही है. उनका कहना है कि इस बार ऐसे पार्षद को मौका दिया जाए जो उनकी मूलभूत परेशानियों को बढ़ावा नहीं देकर उनमें सुधार करें. ईटीवी भारत में शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों से बात की तो जोधपुर शहर में सबसे बड़ी समस्या टूटी सड़कें गड्ढे और गंदगी है.

जोधपुर नगर निगम का हाल

खास बात यह कि युवा भी मुखर होकर अपनी बात कह रहे हैं. लोगों की यह शिकायत बहुत ज्यादा है कि 5 साल पहले पार्षद ने चुनाव जीता उसके बाद नजर नहीं आए. जब भी बुलाने की कोशिश की तो कोई न कोई बहाना बना लिया. लोग चाहते हैं कि इस बार ऐसे पार्षद को मौका दिया जाए जो उनके वार्ड से बाहर का ना हो. जिससे उसे समय-समय पर बुलाकर बताया जा सके कि हमारी क्या परेशानी है.

शहर में बारिश शुरू होने के साथ ही सड़कों का टूटना शुरू हो जाता है. क्योंकि जोधपुर में पानी की निकासी का उचित प्रबंधन नहीं है. इसके चलते मानसून के बाद भी एक से डेढ़ महीने तक शहर के लोग सड़कों पर बने गड्ढों में उछलने को मजबूर रहते है और यह गड्डे दिवाली तक बने रहते हैं. हालांकि इस बार चुनाव होने से सरकार के निर्देश पर गड्ढों को भरने का काम शुरू हो गया है. लेकिन मुख्य सड़कों के अलावा गलियों में हालात जस के तस बने हुए हैं.

पढ़ेंः जोधपुर नगर निगम चुनाव में 608 प्रत्याशियों की किस्मत लगेगी दांव पर

क्योंकि 1 साल से जोधपुर नगर निगम पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था के तहत चल रहा है. ऐसे में न तो वहां महापौर है और ना पार्षद. इस तरह जगह-जगह होने वाली गंदगी का निस्तारण भी नहीं हो पा रहा है. जनता इस बात को लेकर ज्यादा परेशान है कि इस दौरान अपनी शिकायत किसको दें. क्योंकि सरकारी कर्मचारी सुनवाई नहीं करते हैं.

बता दें कि जोधपुर नगर निगम गत वर्ष 65 वार्डो का बोर्ड था. जिसका कार्यकाल गत वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया. सरकार ने परिसीमन के चलते नगर निगम के चुनाव लंबित किए और उसके बाद पहले 100 वार्ड बनाकर परिसीमन घोषित किया. लेकिन इसके बाद सरकार ने फिर नया परिसीमन बनाकर जोधपुर को 2 नगर निगम में विभक्त कर दिया. जिसमें 80-80 वार्ड बनाये गए. यह प्रक्रिया पूरी हुई तो कोरोना का शुरू हो गया. जिसके चलते चुनाव पर लंबित हो गए और अब 29 अक्टूबर 1 नवंबर को जोधपुर में मतदान होगा.

जोधपुर. नगर निगम का चुनाव अब परवान चढ़ चुका है. ऐसे में जनता भी इस बार जागरूक नजर आ रही है. उनका कहना है कि इस बार ऐसे पार्षद को मौका दिया जाए जो उनकी मूलभूत परेशानियों को बढ़ावा नहीं देकर उनमें सुधार करें. ईटीवी भारत में शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों से बात की तो जोधपुर शहर में सबसे बड़ी समस्या टूटी सड़कें गड्ढे और गंदगी है.

जोधपुर नगर निगम का हाल

खास बात यह कि युवा भी मुखर होकर अपनी बात कह रहे हैं. लोगों की यह शिकायत बहुत ज्यादा है कि 5 साल पहले पार्षद ने चुनाव जीता उसके बाद नजर नहीं आए. जब भी बुलाने की कोशिश की तो कोई न कोई बहाना बना लिया. लोग चाहते हैं कि इस बार ऐसे पार्षद को मौका दिया जाए जो उनके वार्ड से बाहर का ना हो. जिससे उसे समय-समय पर बुलाकर बताया जा सके कि हमारी क्या परेशानी है.

शहर में बारिश शुरू होने के साथ ही सड़कों का टूटना शुरू हो जाता है. क्योंकि जोधपुर में पानी की निकासी का उचित प्रबंधन नहीं है. इसके चलते मानसून के बाद भी एक से डेढ़ महीने तक शहर के लोग सड़कों पर बने गड्ढों में उछलने को मजबूर रहते है और यह गड्डे दिवाली तक बने रहते हैं. हालांकि इस बार चुनाव होने से सरकार के निर्देश पर गड्ढों को भरने का काम शुरू हो गया है. लेकिन मुख्य सड़कों के अलावा गलियों में हालात जस के तस बने हुए हैं.

पढ़ेंः जोधपुर नगर निगम चुनाव में 608 प्रत्याशियों की किस्मत लगेगी दांव पर

क्योंकि 1 साल से जोधपुर नगर निगम पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था के तहत चल रहा है. ऐसे में न तो वहां महापौर है और ना पार्षद. इस तरह जगह-जगह होने वाली गंदगी का निस्तारण भी नहीं हो पा रहा है. जनता इस बात को लेकर ज्यादा परेशान है कि इस दौरान अपनी शिकायत किसको दें. क्योंकि सरकारी कर्मचारी सुनवाई नहीं करते हैं.

बता दें कि जोधपुर नगर निगम गत वर्ष 65 वार्डो का बोर्ड था. जिसका कार्यकाल गत वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया. सरकार ने परिसीमन के चलते नगर निगम के चुनाव लंबित किए और उसके बाद पहले 100 वार्ड बनाकर परिसीमन घोषित किया. लेकिन इसके बाद सरकार ने फिर नया परिसीमन बनाकर जोधपुर को 2 नगर निगम में विभक्त कर दिया. जिसमें 80-80 वार्ड बनाये गए. यह प्रक्रिया पूरी हुई तो कोरोना का शुरू हो गया. जिसके चलते चुनाव पर लंबित हो गए और अब 29 अक्टूबर 1 नवंबर को जोधपुर में मतदान होगा.

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