जयपुर. हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए कृषि कानून को लेकर देशभर में सियासत गरम है. इस बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार रिफॉर्म करेगी, परफॉर्म करेगी और देश के किसानों की तकदीर बदलने का प्रयास करेगी. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को गैर मुद्दा को मुद्दा बनाने की आदत हो गई है, लेकिन देश का किसान जागरूक है.
शेखावत ने कांग्रेस शासित प्रदेशों में इस कानून के खिलाफ कानून लेकर आने के मामले में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के पास 3 साल बचे हैं. इसके बाद प्रदेश की जनता कांग्रेस से गिन-गिन कर पाई-पाई का हिसाब लेगी. जयपुर में पत्रकारों से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कृषि कानून के विरोध में भाजपा के निर्णय का विरोध करने वाले उनके सहयोगी रहे अकाली दल से जुड़े सवाल के जवाब में कही.
पढ़ें- पीएम का 'एक देश, एक मंडी' का सपना पूरा होने में कितने पेंच? देखिए रिपोर्ट
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उन्हें उनका फैसला मुबारक, लेकिन केंद्र सरकार किसानों के हित में लगातार काम करेगी. उन्होंने कहा कि अकाली दल की अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरियां हैं. शेखावत के अनुसार जब यह अध्यादेश केंद्र सरकार लेकर आई तब भी अकाली दल और सांसद उनके साथ थे. अध्यादेश आने के बाद भी पंजाब में मोदी सरकार के मंत्रियों के साथ अकाली से जुड़े सांसदों ने किसानों के समक्ष इन विधायकों को लेकर चर्चा की, लेकिन वहां की मौजूदा राजनीति ही ऐसी है जिसके मजबूरी के चलते उन्हें यह फैसला लेना पड़ा होगा.
पढ़ें- Special: क्या किसानों को नए कृषि विधेयक से मिलेगा फायदा?
केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश सरकार पर केंद्र की जनता से जुड़ी योजना और कानूनों को जानबूझकर अमल नहीं करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के पास 3 साल बचा है, इसके बाद राजस्थान की जनता पाई-पाई का हिसाब लेगी. केंद्र के कई कानून हैं, जो जनता के हित में केंद्र सरकार लेकर आई लेकिन अपनी राजनीति के चलते इसे प्रदेश में लागू होने से रोका गया.
आयुष्मान भारत योजना का दिया उदाहरण
इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने आयुष्मान भारत योजना का भी उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे भी प्रदेश की गहलोत सरकार राजस्थान के किसानों का विश्वास खो चुकी है क्योंकि चुनाव के दौरान राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने एक से लेकर दस तक की गिनती गिनी थी और कहा था कि राजस्थान के एक भी किसान का कर्जा नहीं बचेगा.