जयपुर. प्रदेश में जुलाई महीने में राजस्थान में जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, 11 दिसंबर को उसे 6 महीने हो जाएंगे. राजनीतिक उठापटक के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के भी 14 दिसंबर को 6 महीने पूरे हो जाएंगे. लेकिन जिस रफ्तार से राजनीतिक उठापटक के समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत सभी अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष नए बनाए गए थे.
वह रफ्तार राजस्थान में कांग्रेस के संगठन के गठन को लेकर नहीं दिखाई दिए. हर कोई आश्चर्य कर रहा है कि जब कांग्रेस के नेता यह दावा कर रहे हैं कि आप कांग्रेस में सब कुछ ठीक है तो उसके बाद भी क्या कारण रहेगी कांग्रेस पार्टी को बिना संगठन के नगर निगम ,पंचायती राज और निकाय चुनाव में उतरना पड़ा और संगठन की कमी साफ तौर पर इन चुनाव में देखी गई. लेकिन अब दिसंबर महीने में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को उनकी टीम मिल जाएगी.
खास बात यह है कि जिन सचिन पायलट को इस पूरी उठापटक के लिए जिम्मेदार माना जाता है, वह सचिन पायलट भले ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हो लेकिन राजस्थान कांग्रेस के गठन में उनकी भूमिका अहम रहेगी. मंगलवार को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने माना कि अब तक प्रदेश में संगठन की नियुक्तियों में देरी हुई है.
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना के चलते पहले प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन काफी लंबे समय तक बीमार रहे और उसके बाद निगम, पंचायत और अब निकाय की व्यस्तता आ गई. डोटासरा ने कहा कि इसी बीच पहले मुख्यमंत्री अस्वस्थ रहे तो फिर सचिन पायलट को कोरोना हो गया. ऐसे में संगठन के गठन में कुछ देरी हुई है. अब 13 दिसंबर को सरकार की दूसरी वर्षगांठ के बाद हम सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि दिसंबर के अंत तक प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा कर दें.
गोविंद डोटासरा का यह बयान अब साफ तौर पर इस ओर इशारा कर रहा है कि सचिन पायलट फिलहाल भले ही राजस्थान में किसी पद पर ना हो, लेकिन संगठन में होने वाली नियुक्तियों में उनकी राय ली जाएगी और पायलट खेमे के नेताओं को भी संगठन में जगह मिलेगी. बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मंगलवार शाम को करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात हुई है, जिसमें प्रदेश संगठन को लेकर भी चर्चा इन दोनों नेताओं के बीच हुई है.