जयपुर. देश की ऊर्जा मंत्रियों की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भी केंद्र सरकार की ओर से बिजली बिल में लाए गए संशोधन का राजस्थान सहित कई राज्यों ने विरोध किया. तो वहीं इस वेबीनार में केंद्रीय मंत्री बीडी कल्ला की ओर से ऊर्जा विभाग में चायनीज उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किए जाने के आग्रह को भी सब ने सहर्ष स्वीकार किया.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में हुई इस वेबीनार में राजस्थान से ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा सहित प्रमुख अधिकारी जुड़े. वेबीनार के बाद ऊर्जा मंत्री से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की और जानें कि वह कौन से मुद्दे थे, जो इस बैठक में राजस्थान की तरफ से उठाए गए.
केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी बिल 2003 में संशोधन का हुआ विरोध
वेबीनार में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला सहित कई प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों ने केंद्र की ओर से केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी बिल 2003 में किए जा रहे संशोधन पर नाराजगी जताई गई. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ये केंद्र का नहीं बल्कि राज्य का विषय है. ऐसी स्थिति में इसको केंद्रीकृत नहीं किया जाना चाहिए.
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बीडी कल्ला ने बताया कि जो विषय राज्यों का है उसे राज्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए और यही मांग मुंबई, पंजाब, दिल्ली, केरल और बिहार सहित कुछ प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों ने भी उठाई. हालांकि, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की ओर से इस बारे में विचार करने का आश्वासन दिया गया है. कल्ला ने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है.
ऊर्जा विभाग में चाइनीज प्रोडक्ट्स का नहीं हो इस्तेमाल
वेबीनार में शुरुआत में ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सभी प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों से आग्रह किया कि वे मौजूदा स्थितियों में अपने विभागों में चाइनीज प्रोडक्ट का उपयोग किसी भी प्रोजेक्ट में ना करें, जिस पर सभी प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों ने सहमति दे दी. साथ ही केंद्रीय मंत्री ने 200 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्टों में स्थानीय भारतीय कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिए जाने का आग्रह भी किया, ताकि स्वदेशी कंपनियों को आगे बढ़ाया जा सके. प्रदेश के उर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने भी कहा कि वे और प्रदेश की सरकार इस बात से सहमत है.
11 करोड़ 98 लाख बकाया का करें भुगतान
बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने सौभाग्य योजना के तहत पूरे किए गए लक्ष्य के बाद केंद्र की ओर से मिलने वाले 11 करोड़ 98 लाख के बकाया राशि के भुगतान का भी निवेदन किया. कल्ला ने कहा कि राशि काफी समय से लंबित पड़ी है, ऐसे में केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस बारे में पत्र लिखें मंत्रालय इसका भुगतान कर देगा.
कुसुम योजना में सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाया जाए
वेबीनार में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री ने केंद्र के समक्ष कुसुम योजना के तहत राजस्थान को दिए गए 325 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को भी बढ़ाने का आग्रह किया. कल्ला ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मांग की कि राजस्थान के लिए ये लक्ष्य बढ़ाकर 725 मेगावाट किया जाए. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा की दृष्टि से राजस्थान में उत्पादन की प्रचुर उपलब्धता है, इसे देखते हुए केंद्र सरकार को लक्ष्य में इजाफा करना चाहिए.
वहीं, इसके अलावा एनटीपीसी और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन से हाल ही में हुए पांच 5000 मेगा वाट के एमओयू को लेकर भी इस वेबीनार में चर्चा हुई. प्रदेश से जुड़े कई ऐसे बिंदु इस बैठक में केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखे गए जो काफी समय से लंबित चल रहे थे. ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने उम्मीद जताई कि इस वेबीनार के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.