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10 जुलाई से जवाहर कला केन्द्र में होगा 'विरसा-2019' का आगाज

जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आगामी 10 जुलाई से 21 जुलाई तक 'विरसा 2019' के नाम से प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कला, संस्कृति व विरासत की विभिन्न शैलियों को दर्शाया जाएगा. आगंतुक इस प्रदर्शनी के माध्यम से 17वीं शताब्दी से लेकर आधुनिक राजस्थान की झलक देख सकेंगे.

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Published : Jul 8, 2019, 11:50 PM IST

जेकेके में होगा विरसा 2019 का आयोजन

जयपुर. जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित 'विरसा 2019' के तहत एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. प्रदर्शनी जेकेके में 10 जुलाई से 21 जुलाई के बीच मे लगेगी जिसमें कला, संस्कृति व विरासत की विभिन्न शैलियों को दर्शाया जाएगा. प्रदर्शनी का उदघाटन 10 जुलाई को शाम 6.30 बजे जेकेके परिसर में कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला करेंगे. साथ ही प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा भी मौजूद रहेगी.

जेकेके में होगा विरसा 2019 का आयोजन

आगंतुक इस प्रदर्शनी के माध्यम से 17वीं शताब्दी से लेकर आधुनिक राजस्थान की झलक देख सकेंगे. प्रदर्शनी राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, राजस्थान राज्य अभिलेखागार और मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी व फारसी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से आयोजित की जाएगी.

प्रदर्शनी में जहां जोधपुर के राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान की ओर से आर्ष रामायण के अरण्य कांड की प्रति कृतियां प्रदर्शित की जाएगी. इसमें विजिटर्स को अरण्य कांड से जुड़े प्रसंगों के 30 से अधिक क्षेत्र देखने को मिलेंगे. उदयपुर के महाराणा जगतसिंह प्रथम के शासनकाल में बनाए गए इन चित्रों में राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास के समय हुई विभिन्न प्रसंगों का चित्रण किया गया है. वहीं टोंक के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी और फारसी अनुसंधान संस्थान की ओर से अनोखे कैलीग्राफी पैनल व पांडुलिपि खंड प्रदर्शित किए जाएंगे. इसमें टोंक स्थित विश्व की सबसे बड़ी हस्त निर्मित कुरान शरीफ पर 7 से 8 मिनट की ऑडियो वीडियो प्रेजेंटेशन भी शामिल होगी. इस कुरान शरीफ को टोंक में अत्यंत कलात्मक के साथ लिखा वह सुसज्जित किया गया है.

इसी प्रकार प्रदर्शनी के एक अन्य सेक्शन में बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार की ओर से दांडी यात्रा,1857 की क्रांति में राजस्थान की भूमिका और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को दर्शाने वाले पैनल्स भी प्रदर्शित किए जाएंगे. इनमें प्रदर्शित ऐतिहासिक एवं दुर्लभ दस्तावेज सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे.

जयपुर. जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित 'विरसा 2019' के तहत एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. प्रदर्शनी जेकेके में 10 जुलाई से 21 जुलाई के बीच मे लगेगी जिसमें कला, संस्कृति व विरासत की विभिन्न शैलियों को दर्शाया जाएगा. प्रदर्शनी का उदघाटन 10 जुलाई को शाम 6.30 बजे जेकेके परिसर में कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला करेंगे. साथ ही प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा भी मौजूद रहेगी.

जेकेके में होगा विरसा 2019 का आयोजन

आगंतुक इस प्रदर्शनी के माध्यम से 17वीं शताब्दी से लेकर आधुनिक राजस्थान की झलक देख सकेंगे. प्रदर्शनी राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, राजस्थान राज्य अभिलेखागार और मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी व फारसी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से आयोजित की जाएगी.

प्रदर्शनी में जहां जोधपुर के राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान की ओर से आर्ष रामायण के अरण्य कांड की प्रति कृतियां प्रदर्शित की जाएगी. इसमें विजिटर्स को अरण्य कांड से जुड़े प्रसंगों के 30 से अधिक क्षेत्र देखने को मिलेंगे. उदयपुर के महाराणा जगतसिंह प्रथम के शासनकाल में बनाए गए इन चित्रों में राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास के समय हुई विभिन्न प्रसंगों का चित्रण किया गया है. वहीं टोंक के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी और फारसी अनुसंधान संस्थान की ओर से अनोखे कैलीग्राफी पैनल व पांडुलिपि खंड प्रदर्शित किए जाएंगे. इसमें टोंक स्थित विश्व की सबसे बड़ी हस्त निर्मित कुरान शरीफ पर 7 से 8 मिनट की ऑडियो वीडियो प्रेजेंटेशन भी शामिल होगी. इस कुरान शरीफ को टोंक में अत्यंत कलात्मक के साथ लिखा वह सुसज्जित किया गया है.

इसी प्रकार प्रदर्शनी के एक अन्य सेक्शन में बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार की ओर से दांडी यात्रा,1857 की क्रांति में राजस्थान की भूमिका और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को दर्शाने वाले पैनल्स भी प्रदर्शित किए जाएंगे. इनमें प्रदर्शित ऐतिहासिक एवं दुर्लभ दस्तावेज सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे.

Intro:जयपुर- जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित 'विरसा 2019' के तहत एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी जेकेके में 10 जुलाई से 21 जुलाई के बीच मे लगेगी जिसमें कला, संस्कृति व विरासत की विभिन्न शैलियों को दर्शाया जाएगा। प्रदर्शनी का उदघाटन 10 जुलाई को शाम 6.30 बजे जेकेके परिसर में कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला करेंगे साथ ही प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा भी मौजूद रहेगी।


Body:आगंतुक इस प्रदर्शनी के माध्यम से 17वीं शताब्दी से लेकर आधुनिक राजस्थान की झलक देख सकेंगे। प्रदर्शनी राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, राजस्थान राज्य अभिलेखागार और मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी व फारसी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से आयोजित की जाएगी।

प्रदर्शनी में जहां जोधपुर के राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान की ओर से आर्ष रामायण के अरण्य कांड की प्रति कृतियां प्रदर्शित की जाएगी। इसमें विजिटर्स को अरण्य कांड से जुड़े प्रसंगों के 30 से अधिक क्षेत्र देखने को मिलेंगे। उदयपुर के महाराणा जगतसिंह प्रथम के शासनकाल में बनाए गए इन चित्रों में राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास के समय हुई विभिन्न प्रसंगों का चित्रण किया गया है। वहीं टोंक के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी और फारसी अनुसंधान संस्थान की ओर से अनोखे कैलीग्राफी पैनल व पांडुलिपि खंड प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें टोंक स्थित विश्व की सबसे बड़ी हस्त निर्मित कुरान शरीफ पर 7 से 8 मिनट की ऑडियो वीडियो प्रेजेंटेशन भी शामिल होगी। इस कुरान शरीफ को टोंक में अत्यंत कलात्मक के साथ लिखा वह सुसज्जित किया गया है।

इसी प्रकार प्रदर्शनी के एक अन्य सेक्शन में बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार की ओर से दांडी यात्रा,1857 की क्रांति में राजस्थान की भूमिका और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को दर्शाने वाले पैनल्स भी प्रदर्शित किए जाएंग। इनमें प्रदर्शित ऐतिहासिक एवं दुर्लभ दस्तावेज सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे।

बाईट- फुरकान खान, एडीजी, जेकेके
बाईट- शिरेश कराले, फोटोग्राफर


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