जयपुर. राज्य सरकार की ओर से बजट सत्र के दौरान भाबरू पुलिस चौकी को पुलिस थाने में क्रमोन्नत करने की घोषणा के बाद 8 पंचायतों को शाहपुरा से विराटनगर क्षेत्र में जोड़ने के निर्णय के विरोध में ग्रामीण लामबद्ध होने लगे हैं. जिसके तहत आठ ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने जसवंतपुरा स्थित खेमजी महाराज के मंदिर में बैठक का आयोजन कर संघर्ष समिति का गठन किया. इसके बाद उनकी ओर से राज्यपाल के नाम शाहपुरा उपखंड अधिकारी मनमोहन मीणा को ज्ञापन सौंपा गया है.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान भाबरू पुलिस चौकी को थाने में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी. इसके बाद प्रशासन की ओर से शाहपुरा पुलिस थाने के अधीन आने वाली पंचायतों को तोड़कर नवक्रमोन्नत पुलिस थाना भाबरू से जोड़ने की कवायद शुरू की जा रही है. इस मामले की भनक लगते ही गोविंदपुरा धाबाई, चिमनपुरा, जाजेकला, बाड़ीजोडी, साईवाड़, नाथावाला, रामपुरा और छापुडा ग्राम पंचायत के ग्रामीण विरोध में आ गए हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त ग्राम पंचायतों को भाबरू पुलिस थाने से जोड़ने का निर्णय गलत है. जनता को परेशान करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही उनका कहना है कि इन ग्राम पंचायतों की दूरी शाहपुरा के नजदीक है. जबकि भाबरू की दूरी अधिक है. ऐसे में कोई आपराधिक घटना होने पर शाहपुरा से पुलिस त्वरित गति से समय पर पहुंच जाती है.
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जबकि भाबरू से पुलिस को पहुंचने में काफी समय लगेगा. इसी प्रकार उक्त ग्राम पंचायत शाहपुरा जलदाय व विद्युत निगम के अधीन आते है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की ओर से अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए इन ग्राम पंचायतों को शाहपुरा के बजाय विराटनगर तहसील से जोड़ा जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों को अपने कार्य संपादित करवाने के लिए विराटनगर जाना पड़ेगा, जो कि 30-40 किलोमीटर दूर स्थित है. ऐसे में ग्रामीणों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों ने उक्त ग्राम पंचायतों को शाहपुरा में पूर्व की भांति यथावत रखने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान साधुराम पलसानिया, सुरेंद्र, कजोड़मल, भागीरथ मल टाटला, जयराम तिवाड़ी समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे.
एक दिवसीय प्रशिक्षण में किशोर-किशोरियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दी गई..
आहोर के विद्यालयों में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में किशोर-किशोरियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान और जानकारी के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें किशोर अवस्था में समझ, व्यवहार में आशातीत सुधार, शारीरिक व मानसिक स्वस्थ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. वहीं, उपस्थित शिक्षकों ने कहा कि किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन जीवन को सही दिशा में ले जाने में अहम भूमिका निभाते हैं. साथ ही 11 से 19 साल के किशोरों में पोषण, शारीरिक सफाई, नशा मुक्ति, मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक बदलाव होंगे. निदेशन हनुमानसिंह बिठू ने कहा कि विद्यालयों में किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विद्यालय में समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा हैं.