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जयपुर : तेज बारिश में भी नहीं भरा कूकस बांध, बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की मांग - कूकस सरपंच राधेश्याम मीणा

प्रदेश में हो रही लगातार तेज बारिश के बाद भी कूकस बांध में पानी नहीं भर पाया. ग्रामीणों का कहना है कि बहाव क्षेत्र में जगह-जगह पर अतिक्रमण किया गया है. जिसके कारण बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पा रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने बांध से अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

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ग्रामीणों ने की बांध से अतिक्रमण हटाने की मांग
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Published : Aug 20, 2020, 10:01 PM IST

जयपुर. जिले में इस बार अच्छी बारिश होने से जलभराव स्रोतों में तो पानी आया है, लेकिन इतनी तेज बारिश होने के बावजूद भी आमेर का कूकस बांध अभी भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. कूकस बांध पूरे आमेर इलाके की प्यास बुझाता था, जो आज खुद सूखा पड़ा हुआ है.

ग्रामीणों ने की बांध से अतिक्रमण हटाने की मांग

जमवारामगढ़ बांध की तरह कूकस बांध के बहाव क्षेत्र में भी जगह-जगह पर अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है. कूकस बांध के बहाव क्षेत्र और बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में बड़े-बड़े फार्म हाउस और रिसोर्ट बनने से बांध में पानी नहीं भर पाया है.

स्थानीय लोगों की मानें तो सन 1998 तक कूकस बांध पानी से भरा हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे नदियों के रास्ते में अतिक्रमण होने से बांध का पानी दिन-ब-दिन सूखता गया. अब हालात ये हो चुके हैं कि बाद में केवल झाड़ियां- ही- झाड़ियां नजर आ रही है और बांध के आस-पास के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो चुके हैं. लोगों ने फार्म हाउस बनाकर कब्जे कर रखे हैं, तो वहीं अवैध कॉलोनी भी बनाई जा रही है. कुछ साल पहले जेडीए ने बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति की थी, लेकिन बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटा सके. इस बार हुई तेज बारिश से लोगों को उम्मीद थी कि कूकस बांध में पानी पहुंचेगा, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर ही पानी फिर गया.

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ग्रामीणों ने की अतिक्रमण हटाने की मांग

14 अगस्त को हुई तेज बारिश से आमेर के सभी जल स्रोत लबालब भर गए, लेकिन कूकस बांध अभी भी सूखा पड़ा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि कूकस बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया जाए, ताकि बारिश का पानी नदियों के रास्ते से बांध तक पहुंच सके. कूकस बांध में पानी भरेगा तो आसपास का जलस्तर भी ऊपर आएगा और पानी का संकट दूर होगा.

करीब 25 साल पहले कूकस बांध से आमेर और आस-पास के इलाकों में पानी पहुंचता था. यही नहीं कूकस बांध का पानी ओवरफ्लो होकर जमवारामगढ़ बांध तक भी पहुंचता था. कूकस बांध जमवारामगढ़ बांध से जुड़ा हुआ है. कूकस बांध से आमेर में पानी मिलता था अब बांध मर चुका है. आमेर के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रहे हैं.

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बांध तक नहीं पहुंच रहा बारिश का पानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सन् 1981 के बाद बांध में लबालब पानी रहता था. इसके बाद भी कई बार तेज बारिश से हुई, लेकिन बांध में पानी कैसे भरेगा जब बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो रहे है. अतिक्रमण होने की वजह से होने से पानी बांध में नहीं पहुंच पाता है. अगर प्रशासन बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाता है तो अब भी कूकस बांध में पानी भर सकता है.

बता दें कि कूकस बांध में पानी लाने वाले रास्ते में करीब 6 से 7 किलोमीटर के दायरे में दो दर्जन के करीब रिसोर्ट और फार्म हाउस बने हुए हैं. जिससे पानी आने के रास्ते भी बंद पड़े हैं. पहले काफी लंबी दूर से नदी आती थी, लेकिन अब वो नदी देखते ही देखते बिल्कुल बंद हो चुकी है. अगर प्रशासन जागे तो कूकस बांध एक बार फिर से लबालब हो सकता है.

पढ़ें- प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सदन से नदारद रहने वाले विधायकों पर कार्रवाई के दिए संकेत

कूकस सरपंच राधेश्याम मीणा ने बताया कि पहले बांध में पानी भरा रहता था. लेकिन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने के बाद बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है. जिससे बांध पूरी तरह सूख चुका है. बारिश अच्छी हो रही है, लेकिन बारिश का पानी बांध में नहीं पहुंच पा रहा. प्रशासन से मांग है कि बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर कूकस बांध को बढ़ने का प्रयास किया जाए.

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कूंकस बांध में नहीं है पानी

उन्होंने कहा कि कूकस बांध में दो रास्तों से पानी पहुंचता है. कचरावाला और शिश्यावास गांव से होते हुए बमध में पानी पहुचता है. कचरावाला से आने वाले रास्ते में कई फार्म हाउस और रिसोर्ट बने हुए हैं. जिनकी वजह से बारिश का पानी कूकस बांध में नहीं पहुंच पाता है.

जयपुर. जिले में इस बार अच्छी बारिश होने से जलभराव स्रोतों में तो पानी आया है, लेकिन इतनी तेज बारिश होने के बावजूद भी आमेर का कूकस बांध अभी भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. कूकस बांध पूरे आमेर इलाके की प्यास बुझाता था, जो आज खुद सूखा पड़ा हुआ है.

ग्रामीणों ने की बांध से अतिक्रमण हटाने की मांग

जमवारामगढ़ बांध की तरह कूकस बांध के बहाव क्षेत्र में भी जगह-जगह पर अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है. कूकस बांध के बहाव क्षेत्र और बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में बड़े-बड़े फार्म हाउस और रिसोर्ट बनने से बांध में पानी नहीं भर पाया है.

स्थानीय लोगों की मानें तो सन 1998 तक कूकस बांध पानी से भरा हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे नदियों के रास्ते में अतिक्रमण होने से बांध का पानी दिन-ब-दिन सूखता गया. अब हालात ये हो चुके हैं कि बाद में केवल झाड़ियां- ही- झाड़ियां नजर आ रही है और बांध के आस-पास के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो चुके हैं. लोगों ने फार्म हाउस बनाकर कब्जे कर रखे हैं, तो वहीं अवैध कॉलोनी भी बनाई जा रही है. कुछ साल पहले जेडीए ने बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति की थी, लेकिन बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटा सके. इस बार हुई तेज बारिश से लोगों को उम्मीद थी कि कूकस बांध में पानी पहुंचेगा, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर ही पानी फिर गया.

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ग्रामीणों ने की अतिक्रमण हटाने की मांग

14 अगस्त को हुई तेज बारिश से आमेर के सभी जल स्रोत लबालब भर गए, लेकिन कूकस बांध अभी भी सूखा पड़ा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि कूकस बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया जाए, ताकि बारिश का पानी नदियों के रास्ते से बांध तक पहुंच सके. कूकस बांध में पानी भरेगा तो आसपास का जलस्तर भी ऊपर आएगा और पानी का संकट दूर होगा.

करीब 25 साल पहले कूकस बांध से आमेर और आस-पास के इलाकों में पानी पहुंचता था. यही नहीं कूकस बांध का पानी ओवरफ्लो होकर जमवारामगढ़ बांध तक भी पहुंचता था. कूकस बांध जमवारामगढ़ बांध से जुड़ा हुआ है. कूकस बांध से आमेर में पानी मिलता था अब बांध मर चुका है. आमेर के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रहे हैं.

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बांध तक नहीं पहुंच रहा बारिश का पानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सन् 1981 के बाद बांध में लबालब पानी रहता था. इसके बाद भी कई बार तेज बारिश से हुई, लेकिन बांध में पानी कैसे भरेगा जब बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो रहे है. अतिक्रमण होने की वजह से होने से पानी बांध में नहीं पहुंच पाता है. अगर प्रशासन बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाता है तो अब भी कूकस बांध में पानी भर सकता है.

बता दें कि कूकस बांध में पानी लाने वाले रास्ते में करीब 6 से 7 किलोमीटर के दायरे में दो दर्जन के करीब रिसोर्ट और फार्म हाउस बने हुए हैं. जिससे पानी आने के रास्ते भी बंद पड़े हैं. पहले काफी लंबी दूर से नदी आती थी, लेकिन अब वो नदी देखते ही देखते बिल्कुल बंद हो चुकी है. अगर प्रशासन जागे तो कूकस बांध एक बार फिर से लबालब हो सकता है.

पढ़ें- प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सदन से नदारद रहने वाले विधायकों पर कार्रवाई के दिए संकेत

कूकस सरपंच राधेश्याम मीणा ने बताया कि पहले बांध में पानी भरा रहता था. लेकिन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने के बाद बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता है. जिससे बांध पूरी तरह सूख चुका है. बारिश अच्छी हो रही है, लेकिन बारिश का पानी बांध में नहीं पहुंच पा रहा. प्रशासन से मांग है कि बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर कूकस बांध को बढ़ने का प्रयास किया जाए.

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कूंकस बांध में नहीं है पानी

उन्होंने कहा कि कूकस बांध में दो रास्तों से पानी पहुंचता है. कचरावाला और शिश्यावास गांव से होते हुए बमध में पानी पहुचता है. कचरावाला से आने वाले रास्ते में कई फार्म हाउस और रिसोर्ट बने हुए हैं. जिनकी वजह से बारिश का पानी कूकस बांध में नहीं पहुंच पाता है.

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