जयपुर. रेल मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे के पीएसयू रेलटेल द्वारा देशभर के ए 1, ए, बी, सी, डी और ई कैटेगरी के स्टेशनों पर निर्भया फंड से हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे. इसी के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर सहित 10 स्टेशनों पर भी वीडियो सर्विलेंस सिस्टम लगाया जाएगा. रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला की मानें तो अब तक देश भर में 125 स्टेशनों पर इस सिस्टम को इंस्टॉल किया जा चुका है. अब उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर, गांधीनगर, रेवाड़ी, अलवर, आबूरोड, फालना, मारवाड़, फुलेरा, पाली, भीलवाड़ा और सूरतगढ़ स्टेशन पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम आधारित एडवांस इंटरनेट प्रोटोकॉल लगाया जाएगा.
इसे लगाने का काम शुरू भी कर दिया गया है. सभी रेलवे स्टेशन प्रीमियम और कोचों में वीडियो एनालिटिक्स एवं फैसियल रिकॉग्निशन प्रणाली आधारित आईपी उपलब्ध कराने का कार्य रेलटेल को सौंपा गया है. जिसके तहत रेलटेल A1, ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी के स्टेशनों और प्रीमियम ट्रेनों के कोच और उप नगरीय ईएमयू कोचों में वीडियो निगरानी प्रणाली उपलब्ध कराएगा. चावला की मानें तो कवरेज और क्लियर इमेज के लिए 4 तरह के फुल एचडी कैमरा, जूम टाइप, बुलेट टाइप, पेंट जूम टाइप और अल्ट्रा एचडी कैमरा उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
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मॉनिटरिंग के लिए रेलवे सुरक्षा बल नियंत्रण कक्ष के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लाइव प्रदर्शित किया जाता है. यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा में वृद्धि के मद्देनजर शीघ्र ही इन रेलवे स्टेशन परिसरों में उपलब्ध कराए गए सभी सीसीटीवी कैमरों को ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जुड़ जाएगा और सीसीटीवी कैमरे की वीडियो फीड 1 केंद्रीयकृत सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में लाया जाएगा. जहां वीडियो की निगरानी आरपीएफ कर्मियों द्वारा की जाएगी.
गौरतलब है कि रेलटेल प्रथम चरण में 200 स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगा रहा है. जिनमें से अब तक 81 स्टेशनों पर कार्य पूरा कर लिया गया है. वीडियो सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र ही अन्य स्टेशन और कोचों में लगाया जाएगा.
निर्भया फंड से सुदृढ़ होगी महिलाओं की सुरक्षा
ट्रेनों और रेलवे स्टेशन परिसरों में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फंड का उपयोग करते हुए इस कार्य को किया जा रहा है. स्टेशन पर प्रत्येक एचडी कैमरा करीब एक टीबी डाटा एवं 4 जीबी डाटा प्रतिमाह खपत करेगा. सीसीटीवी कैमरे की वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग को प्ले बैक, पोस्ट इवेंट, विश्लेषण और जांच संबंधी उद्देश्य के लिए 30 दिनों के लिए सुरक्षित रखा जा सकेगा. वहीं महत्वपूर्ण वीडियो रिकॉर्ड को लंबी अवधि के लिए भी सुरक्षित रखा जा सकेगा.