जयपुर. राजधानी की नॉर्थ जिला पुलिस ने एक बड़ी वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश किया (Vehicle theft gang arrested in Jaipur) है. पुलिस ने गैंग के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ई-रिक्शा, मोटरसाइकिल और एक्टिवा से रात के समय रेकी करके वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. आरोपी वाहनों के पुर्जे अलग-अलग कर स्क्रैप में बेचते थे. आरोपियों के कब्जे से करीब 200 से अधिक वाहनों के पार्ट्स बरामद हुए हैं.
आरोपी दोपहिया वाहनों के पुर्जे अलग-अलग करके कबाड़ियों को बेचते थे. चोरी का माल सप्लाई करने के उपयोग में लिया जाने वाला लोडिंग ऑटो, वारदात के उपयोग में लिया गया ई-रिक्शा, दो मोटरसाइकिल और एक एक्टिवा आरोपियों से जब्त की गई है. चोरी की एक मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है. चोर गिरोह ने जयपुर शहर समेत अन्य जगहों पर वाहन चोरी की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस ने चोर गिरोह के सात कबाड़ियों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मुख्य आरोपी इरफान, मोहम्मद मोहसिन, मोहम्मद हामिल उर्फ छोटू, इमरान उर्फ भूरा, इमरान उर्फ इम्मु, रवि सिंह राठौड़ उर्फ विक्की, जीलू कुरैशी, मोहम्मद आरिफ, जगदीश कुमार उर्फ जग्गी और इमरान कुरैशी को गिरफ्तार किया है.
मुख्य आरोपी इमरान दिहाड़ी पर लोगों को रखकर चोरी के वाहन काट कर अलग-अलग करवाने का काम करता था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता के आधार पर सूचना एकत्रित करते हुए वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर के उनके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है. आरोपियों ने जयपुर शहर में करीब 50 वारदातें करना कबूल किया है. आरोपी कोरोना काल के पहले से चोरी की वारदातें करते थे. लेकिन कोरोना काल में वारदातें करना बंद कर दिया था और कोरोना के बाद फिर से चोरी की वारदातें करना शुरू कर दिया था.
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डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक कबाड़ी का काम करने वाले मुख्य आरोपी इरफान ने वाहन चोरी के लिए संगठित गिरोह तैयार किया था. एडीसीपी धर्मेंद्र सागर और एसीपी शास्त्री नगर महेंद्र गुप्ता के निर्देशन में शास्त्री नगर थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत और भट्टा बस्ती थाना अधिकारी हुकुम सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. वाहन चोर गिरोह का खुलासा करने में शास्त्री नगर थाने के हेड कांस्टेबल अर्जुन लाल की विशेष भूमिका रही. आरोपी रेकी कर के रात के समय वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देते थे.
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वाहन चोरी करने के बाद वाहनों को कबाड़ी इरफान को सुपुर्द करते थे. जिसके बाद इरफान अपने घर में ही विभिन्न उपकरणों के माध्यम से वाहनों को काटकर पुर्जे अलग-अलग करके भेज देता था. आरोपी वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर मिटाने के बाद वाहन का अस्तित्व समाप्त कर देते थे, ताकि पहचान नहीं हो सके. इसके बाद लोडिंग ऑटो में रखकर अंतिम छोर पर काम करने वाले कबाड़ी जगदीश उर्फ जग्गी और इमरान को वाहनों के पार्ट्स स्क्रैप के रूप में बेच देते थे.