जयपुर. प्रदेश में बिजली संकट को लेकर एक तरफ किसान धरना दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी (BJP) ने भी बिजली संकट पर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने मौजूदा सरकार निशाना साधते हुए कहा कि कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है. जिसकी वजह से किसानों के सामने संकट गहरा गया है.
वसुंधरा राजे ने कहा कि गांवों में ही नहीं बिजली कटौती से शहरों में भी लोग परेशान है. सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर प्लांट ठप हो गया है. वहां कोल रैक नहीं मिलने के कारण 250-250 मेगावाट की सभी 6 इकाइयां बंद हो गई हैं. इसके अलावा भी कई बिजली घर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं. प्रदेश में विद्युत संकट पैदा हो गया है. प्रदेश की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को पर्याप्त बिजली दे.
राजे ने कहा कि राज्य सरकार कोयले का भुगतान नहीं कर रही इसलिए कोयला मिलना बंद हो गया. इससे बिजली उत्पादन खासा प्रभावित हुआ है. जबकि हमारे समय में कोयले का समय पर भुगतान होता था. इसलिये कोयले की कमी नहीं रहती थी.
बिजली के उत्पादन में भी बाधा नहीं आती थी. आज हालत ये हैं कि अब न आम उपभोक्ता को पर्याप्त बिजली मिल रही और न ही किसानों और इंडस्ट्री. उन्होंने कहा कि बिजली का स्थाई शुल्क और एनर्जी चार्ज बढ़ा कर इस सरकार ने उपभोक्ताओं पर भार तो डाल दिया गया. उपभोक्ताओं को वास्तविक रीडिंग की बजाय एवरेज बिल दिए जा रहे हैं.
उपभोक्ता पहले से ज्यादा भुगतान कर रहा है लेकिन उसे बिजली पहले के मुकाबले बहुत कम मिल रही है. जबकि हमारे समय में तकनीकी खराबी को छोड़ कर शहरों में ही नहीं गांवों में भी करीब 24 घंटे बिजली मिलती थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से मांग की है कि बिजली नागरिकों की मूलभूत सुविधा है. इसलिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाई जाए.