जयपुर. पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे रेयर डिजीज डे पर लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित दिव्यांग बच्चों से मिलकर भावुक हो उठीं. सरकार से सहारे की मांग करने वाले मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक विशेष जानलेवा बीमारी से ग्रसित ये वो बच्चे हैं जिनकी सहायता के लिए राज्य सरकार के पास कोई दिशा निर्देश नहीं है. बजट 2022 से पूर्व इनके अभिभावकों ने सहायता के लिए मांग भी की पर हुआ कुछ नहीं.
बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ राजे के सरकारी निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण वे अपनी वेदना पूर्व सीएम को नहीं बता सकते थे, इसलिए उनका दर्द उनके माता-पिता ने ही बयां किया. साथ ही उनके हाथों में पम्पलेट थे, जिन पर लिखा था हम भी राजस्थानी हैं और हम भी सम्मान पूर्वक जीना चाहते हैं. उनकी पीड़ा सुन (Vasundhara Raje Gets Emotional) राजे भी भावुक हो गईं.
एक बच्चा पीयूष रोने लगा तो पूर्व सीएम ने उसे उसकी व्हील चेयर पर घुमाया और उसे लाड़ किया. इसके बाद उन्होंने इस विषय में आयुक्त विशेष योग्य जन गजानंद शर्मा और आरयूएचएस के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी से बात की. राजे ने बच्चों के अभिभावकों को मदद करने का भरोसा दिलाया.
आंध्र प्रदेश सरकार हर माह देती है आर्थिक मदद : यह लाइलाज रोग वंशानुगत है, जिसमें धीरे-धीरे बच्चे की सारी मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है और वह कम उम्र में ही बेहद कमजोर होता चला जाता है. एक तरह से वह पराधीन हो जाता है. अभिभावकों की मांग है कि उनकी देख भाल और इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रति माह 15 हजार रुपए दिए जाएं. आंध्र प्रदेश राज्य में तो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित कई अन्य गम्भीर बीमारियों के लिए मासिक सहायता का प्रावधान है पर राजस्थान में नहीं.
यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट से वसुंधरा राजे ने की बात : यूक्रेन में रूस के हमले (Ukraine Russia War) के बीच अपने वतन लौटे कुछ स्टूडेंट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वीडियो कॉल के जरिए बात की. श्रेया, कैलाश, लालचंद और पुखराज से वसुंधरा राजे ने बातचीत के दौरान उनका कुशलक्षेम पूछा और भारत सरकार कि ओर से यूक्रेन में फंसे हुए लोगों की सकुशल वतन वापसी के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी. इन बच्चों ने भी सकुशल लौटने पर मोदी सरकार का आभार जताया.