जयपुर. राजस्थान में पिछले दिनों चल रही सियासी उठापटक के बाद अब प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ने लगी है. वसुंधरा राजे ने मंगलवार शाम प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से करीब 1 घंटे तक लंबी मंत्रणा की. बताया जा रहा है कि इस दौरान संगठनात्मक विषयों के साथ ही सदन से गायब रहने वाले 4 विधायकों और प्रदेश भाजपा में आगामी दिनों में होने वाली नियुक्तियों को लेकर चर्चा की हुई.
केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी है विधायकों की रिपोर्ट
राजस्थान विधानसभा में सरकार की ओर से जिस दिन विश्वास मत रखा गया, उस दिन सदन से भाजपा के 4 विधायक बिना किसी को जानकारी दिए गायब हो गए. पार्टी संगठन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और उन चारों विधायकों को तलब भी किया. अब पार्टी आलाकमान को इस संबंध में रिपोर्ट भेजनी है.
पढ़ें- राजस्थान : भाजपा प्रवक्ता और पैनलिस्ट की घोषणा, वसुंधरा राजे के करीबियों को भी जगह
संभवतः मंगलवार को जब वसुंधरा राजे भाजपा मुख्यालय पहुंची तो उस मंत्रणा के दौरान इस तमाम विषयों पर भी चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद ही यह रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी. बिना जानकारी दिए सदन से गायब होने वाले विधायकों में गौतम लाल मीणा, गोपीचंद मीणा, कैलाश मीणा और हरेंद्र निनामा के नाम शामिल हैं.
प्रदेश कार्यसमिति और मोर्चा प्रकल्प की होनी है घोषणा
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपनी नई प्रदेश पदाधिकारियों की टीम की घोषणा कर दी है. लेकिन अब प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा होनी है और इसके साथ ही पार्टी के अग्रिम मोर्चे और प्रकल्प के अध्यक्षों की भी घोषणा की जानी है.
पढ़ें- घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी की सुगबुगाहट के बीच क्या बोले सतीश पूनिया, सुनिए
संभवतः इन घोषणाओं में शामिल किए जाने वाले नेताओं के नामों पर इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ भी चर्चा की गई है, ताकि आगामी दिनों में प्रमुख नेताओं की सहमति से घोषणा हो सके. पार्टी ने आगामी 28 अगस्त, 31 अगस्त और 2 सितंबर को प्रदेश में धरना- प्रदर्शन तय किया है. इन विरोध प्रदर्शन को लेकर भी इस बैठक में नेताओं के बीच चर्चा हुई.
वी सतीश राजे को कार तक छोड़ने आए
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बैठक वसुधंरा राजे, सतीश पूनिया, चंद्रशेखर और वी सतीश के बीच हुई. लेकिन बैठक के बाद वसुंधरा राजे को नीचे उनकी गाड़ी तक छोड़ने के लिए केवल राष्ट्रीय संगठन मंत्री वी सतीश ही पहुंचे. हालांकि वसुंधरा राजे के जाने के बाद भी यह तीनों नेता करीब 1 घंटे तक बैठे और मंत्रणा करते रहे.