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गार्गी पुरस्कार में लगाई बाध्यता पर भड़के वासुदेव देवनानी...लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग

गार्गी पुरस्कार में लगाई गई बाध्यता पर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने सरकार से लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग (Devnani demands ban on loudspeakers) की है.

Vasudev Devnani targets Gehlot government
Vasudev Devnani targets Gehlot government
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Published : Apr 20, 2022, 1:04 PM IST

जयपुर. करौली हिंसा के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर सरकार से लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग (Devnani demands ban on loudspeakers) की है. साथ ही देवनानी ने गार्गी पुरस्कार में 90 फीसदी अंकों की बाध्यता लगाने पर भी सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार को बालिका शिक्षा विरोधी करार दिया है. देवनानी ने इस संबंध में ट्वीट कर अपनी बात रखी है.

गार्गी पुरस्कार मामले में सरकार पर बरसे देवनानी- गार्गी पुरस्कार के अंतर्गत 75 फीसदी अंक लाने वाली बालिकाओं के स्थान पर 90 फीसदी की बाध्यता लगाने के मामले में भी पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. देवनानी ने प्रदेश सरकार के इस कदम को बालिका शिक्षा विरोधी करार (Vasudev Devnani targets Gehlot government) दिया है. उन्होंने कहा कि इस बाध्यता से प्रदेश की 4.30 लाख बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से वंचित किया जा रहा है. बालिका शिक्षा का यह कैसा प्रोत्साहन?

पढ़ें- सपा नेता रुबीना खानम की धमकी, अजान बंद हुआ तो मंदिरों के सामने पढ़ेंगे कुरान

देवनानी ने कहा कि सरकार गार्गी पुरस्कार 1998 से प्रत्येक बसंत पंचमी पर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 75 फीसदी अंक या उससे अधिक लाने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान करती आई है. लेकिन यह सरकार न लैपटॉप दे पाई, न साइकिल दे पा रही है और अब गार्गी का हक भी छीना जा रहा है. यह सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना तो दूर अब बालिका फाउंडेशन द्वारा प्रदत पुरस्कार पर भी डाका डाल रही है. अनेक बालिकाएं संसाधनों के अभाव और वंचित होने पर भी 75 फीसदी अंक लाने पर प्रोत्साहन प्राप्त करती थी उनके लिए 90 फीसदी की बाध्यता उनके प्रोत्साहन को अप्रत्यक्ष रूप से रोकना है.

राजस्थान सरकार भी लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाए- वासुदेव देवनानी ने अपने ट्वीट में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2005 में सार्वजनिक स्थानों पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था, जो आज भी लागू है. अपने घर में अपनी इबादत, अकीदे (विश्वास) को सर्वश्रेष्ठ कहें ये आपका हक है. पर सबको रोज यही सुनाने का हक चाहेंगे तो एतराज हो सकता है. उन्होंने सरकार से लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग (Devnani demands ban on loudspeakers) की. बता दें कि वासुदेव देवनानी अजमेर से बीजेपी के मौजूदा विधायक हैं और पूर्व में प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. देवनानी संघ पृष्ठभूमि से आने वाले नेता हैं और कांग्रेस उनके इस बयान को ध्रुवीकरण की राजनीति का एक हिस्सा बता रही है.

जयपुर. करौली हिंसा के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर सरकार से लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग (Devnani demands ban on loudspeakers) की है. साथ ही देवनानी ने गार्गी पुरस्कार में 90 फीसदी अंकों की बाध्यता लगाने पर भी सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार को बालिका शिक्षा विरोधी करार दिया है. देवनानी ने इस संबंध में ट्वीट कर अपनी बात रखी है.

गार्गी पुरस्कार मामले में सरकार पर बरसे देवनानी- गार्गी पुरस्कार के अंतर्गत 75 फीसदी अंक लाने वाली बालिकाओं के स्थान पर 90 फीसदी की बाध्यता लगाने के मामले में भी पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. देवनानी ने प्रदेश सरकार के इस कदम को बालिका शिक्षा विरोधी करार (Vasudev Devnani targets Gehlot government) दिया है. उन्होंने कहा कि इस बाध्यता से प्रदेश की 4.30 लाख बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से वंचित किया जा रहा है. बालिका शिक्षा का यह कैसा प्रोत्साहन?

पढ़ें- सपा नेता रुबीना खानम की धमकी, अजान बंद हुआ तो मंदिरों के सामने पढ़ेंगे कुरान

देवनानी ने कहा कि सरकार गार्गी पुरस्कार 1998 से प्रत्येक बसंत पंचमी पर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 75 फीसदी अंक या उससे अधिक लाने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान करती आई है. लेकिन यह सरकार न लैपटॉप दे पाई, न साइकिल दे पा रही है और अब गार्गी का हक भी छीना जा रहा है. यह सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना तो दूर अब बालिका फाउंडेशन द्वारा प्रदत पुरस्कार पर भी डाका डाल रही है. अनेक बालिकाएं संसाधनों के अभाव और वंचित होने पर भी 75 फीसदी अंक लाने पर प्रोत्साहन प्राप्त करती थी उनके लिए 90 फीसदी की बाध्यता उनके प्रोत्साहन को अप्रत्यक्ष रूप से रोकना है.

राजस्थान सरकार भी लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाए- वासुदेव देवनानी ने अपने ट्वीट में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2005 में सार्वजनिक स्थानों पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था, जो आज भी लागू है. अपने घर में अपनी इबादत, अकीदे (विश्वास) को सर्वश्रेष्ठ कहें ये आपका हक है. पर सबको रोज यही सुनाने का हक चाहेंगे तो एतराज हो सकता है. उन्होंने सरकार से लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग (Devnani demands ban on loudspeakers) की. बता दें कि वासुदेव देवनानी अजमेर से बीजेपी के मौजूदा विधायक हैं और पूर्व में प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. देवनानी संघ पृष्ठभूमि से आने वाले नेता हैं और कांग्रेस उनके इस बयान को ध्रुवीकरण की राजनीति का एक हिस्सा बता रही है.

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