जयपुर. कोरोना काल में CBSE की ओर से अपने पाठ्यक्रम में की गई कटौती पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के उठाए गए सवालों पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने पलटवार किया है. देवनानी ने कहा कि CBSE ने ये कदम छात्रों के भविष्य के हित में उठाया है और इसे कांग्रेस को राजनीतिक चश्में से नहीं देखना चाहिए.
देवनानी ने प्रदेश सरकार से CBSE की तर्ज पर राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती करने की मांग की है. जयपुर में पत्रकारों से मुखातिब हुए देवनानी ने यह बात कही. देवनानी ने कहा कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी पत्र लिखेंगे. पूर्व शिक्षा मंत्री ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम में कटौती को लेकर आए डोटासरा के बयान को भी राजनीतिक करार दिया.
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उन्होंने कहा कि CBSE ने छात्रों के हित में जो पाठ्यक्रम कम किया है कि उसे 1 साल आगे बढ़ाया है. उसमें जो पाठ थे उस पर तो कांग्रेस या वामपंथियों को विश्वास भी नहीं था. देवनानी ने कहा कांग्रेस को लोकतंत्र, संघवाद और राष्ट्रवाद जैसे विषयों पर विश्वास भी नहीं है. अगर विश्वास होता तो जनता की चुनी हुई केंद्र सरकार के लिए गए निर्णय के खिलाफ कांग्रेस सरकारों के मुख्यमंत्री और मंत्री इस प्रकार विरोध नहीं करते. देवनानी ने कहा कि कांग्रेसी वह पार्टी है जिसने देश में आपातकाल लगाया. इसलिए लोकतंत्र की दुहाई कांग्रेस नेताओं के जरिए देना अच्छा नहीं लगता.
RBSE का सिलेबस भी होगा कम
शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने साफ कर दिया है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का सिलेबस भी कम किया जाएगा. डोटासरा ने जानकारी दी कि इस बार वर्किंग डे कम हों रहे हैं तो ऐसे में सिलेबस कम होगा. वहीं CBSE के सिलेबस में से धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीयता के पाठ हटाने पर उन्होंने कहा कि BJP का चुनाव जीतने के लिए और पढ़ाई के लिए अलग एजेंडा होता है.