जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी हलचल के बीच राजस्थान की राजनीति हर पल नया मोड़ ले रही है. इसी बीच कोर्ट के सख्त रवैए के बाद (RCA Election 2022 Row) राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन चुनाव भी खटाई में पड़ गए हैं. र कोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनावों पर 11 अक्टूबर तक रोक लगा दी है. ऐसे में 3 अक्टूबर के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद की कुर्सी का क्या होगा इसे लेकर संशय बरकरार है.
दरअसल 3 अक्टूबर को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष वैभव गहलोत और उनके पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. जबकि कोर्ट ने 11 अक्टूबर तक चुनाव पर रोक लगा दी है (HC on RCA Election). इस वजह से एक बार फिर राजस्थान की क्रिकेट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जूनियर गहलोत का कार्यकाल खत्म होने के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की बागडोर कौन संभालेगा इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
नान्दू सक्रिय: बताया जा रहा है कि वैभव गहलोत गुट के प्रतिद्वंदी और पूर्व राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेन्द्र सिंह नान्दू अब पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं. माना ये भी जा रहा है कि नान्दू ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को लेकर जो घटनाक्रम चल रहा है उसकी जानकारी बीसीसीआई को दी है. उन्होंने बीसीसीआई से ये गुजारिश की है कि 3 अक्टूबर के बाद बीसीसीआई अपना एक कन्वीनर आरसीए में अप्वॉइंट करें ताकि क्रिकेट से जुड़े कार्य प्रभावित नहीं हो.
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बीसीसीआई का रोल: ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि यदि तय समय पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव नहीं होते हैं तो एक बार फिर बीसीसीआई एडहॉक कमेटी का गठन कर सकती है या फिर अपना एक कन्वीनर आरसीए में नियुक्त कर सकती है. जिसके बाद राजस्थान की क्रिकेट का संचालन बीसीसीआई के हाथों में पहुंच जाएगा. ऐसे में एक बड़ा झटका सीपी जोशी गुट को लग सकता है, क्योंकि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष वैभव गहलोत कह चुके हैं कि इस बार होने वाले चुनाव विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के बैनर के तले लड़ा जा रहा था लेकिन ऐन वक्त पर कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी.
इस कारण लगी रोक: मामले को लेकर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजेंद्र सिंह नान्दू ने कहा था कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से करवाए जा रहे इन चुनावों में धांधली देखने को मिल रही थी. उन्होंने अपनी शिकायतों को लेकर कोर्ट का रुख किया.नान्दू ने कहा कि इस चुनावी कार्यक्रम में चुनाव अधिकारी राम लुभाया को लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई थी क्योंकि राम लुभाया पूर्व आईएएस हैं.
गौरतलब है कि, राज्य सरकार की ओर से नए जिलों के गठन को लेकर बनाई गई हाई पावर कमेटी के राम लुभाया अध्यक्ष हैं. इस आधार पर नान्दू गुट ने हाईकोर्ट की ओर अपना रुख किया जिसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए 11 अक्टूबर तक आरसीए के चुनाव पर रोक लगा दी.