जयपुर. उपयोग किए गए कुकिंग ऑयल का उपयोग बायोडीजल बनाने के लिए किया जाएगा. इसके लिए विभाग की ओर से पॉलिसी बनाई जाएगी और जिसे राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. राज्य स्तरीय समिति ने कुकिंग ऑयल के लिए 30 रुपये प्रति लीटर की खरीद की सिफारिश की गई है. राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं खाद्य सचिव नवीन जैन गुरुवार को आयोजित बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड ऑफ इण्डिया (एफएसएसएआई) के नियमानुसार कुकिंग ऑयल को तीन बार से ज्यादा तलने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. प्रदेश में बायोडीजल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बायोडीजल प्राधिकरण के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय समिति ने कुकिंग ऑयल के लिए 30 रुपये प्रति लीटर की खरीद दर की सिफारिश की गई है. शासन सचिव ने बताया कि एक ही कुकिंग ऑयल का बार-बार इस्तेमाल करने से कुकिंग ऑयल की प्रकृति एवं गुणवत्ता बदल जाती है, जिससे कुकिंग ऑयल में टोटल पॉलर कम्पाउण्ड पैदा हो जाते हैं.
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इस तरह के ऑयल को खाने में इस्तेमाल करने से सेहत पर गंभीर दुष्परिणाम होते हैं. उन्होंने बताया कि जिस कुकिंग ऑयल में टीपीसी 25 प्रतिशत से ज्यादा हो, उसका इस्तेमाल खाने में नहीं करना चाहिए. जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्यों में खाद्य उद्योग से जुडे़ हुए होटल, रेस्टोरेन्ट के लिए कुकिंग ऑयल को बायोडीजल के निर्माण के लिए बने हुए नियमों पर गहनता से चर्चा की गई है. बैठक में अतिरिक्त खाद्य आयुक्त अनिल कुमार अग्रवाल, आई.ओ.सी.एल. के कार्यकारी निदेशक सुनील गर्ग, बायोडीजल प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे.