ETV Bharat / city

गणेश चतुर्थी विशेष: इस गणेश चतुर्थी घर लाएं अंकुरित मूर्ति, विसर्जन के बाद होगा चमत्कार

पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लेकिन बप्पा के प्रति लोगों की आस्था कम नहीं हुई. गणेश चतुर्थी के उत्सव में इस बार जयपुर के मूर्तिकारों ने अनूठी पहल करते हुए प्रतिमा में अंकुरित बीज का इस्तेमाल किया है. जिससे विसर्जन के बाद उस स्थान पर पौधे उगेंगे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा. कारीगरों का कहना है कि इस प्रतिमा का लोग घरों में ही विसर्जन कर सकते हैं.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
अंकुरित बीज वाली मिट्टी से तैयार बप्पा की प्रतिमा
author img

By

Published : Aug 22, 2020, 7:03 AM IST

जयपुर. हर साल की भांति इस बार भी गणपति बप्पा घर-घर में विराजने वाले हैं. इस समय समूचा विश्व कोविड-19 से जूझ रहा है. इस वजह से पहले की तरह बड़े-बड़े पंडाल भी नहीं बन रहे हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना करते हुए लोगों ने गणपति की छोटी-छोटी मूर्तियों को घरों में स्थापित किया है.

गणपति की अंकुरित मिट्टी से बनी प्रतिमा

एक तरफ जहां पुलिस और प्रशासन लोगों से मास्क लगाने आग्रह कर रही है तो वहीं अब इस लड़ाई में गणपति भी शामिल हो गए हैं. भगवान गणेश भी मास्क लगाकर कोरोना संक्रमण के बचाव का संदेश दे रहे हैं. साथ-साथ प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी से अवगत करवाते भी नजर आ रहे हैं. ऐसे में भगवान गणेश की अंकुरित मूर्ति लाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लें, ताकि ऐसी महामारियों से बचा जा सके.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
बप्पा का श्रृंगार करती महिला कारीगर

मूर्ति कारीगरों ने अनूठी पहल करते हुए इको फ्रेंडली प्रतिमा के साथ ही मिट्टी में विभिन्न प्रजाति के बीच डालकर तैयार प्रतिमाएं तैयार की है. ऐसे में विघ्नहर्ता बप्पा खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी लाएंगे और घर को खुशनुमा बनाने के साथ ही जीवनभर प्राणदायिनी ऊर्जा देगी.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
मास्क लगाकर कोरोना से बचाव का संदेश देते बप्पा

पढ़ेंः प्रथम पूज्य के दरबार में सजी मोदक झांकी...भक्त इस बार करेंगे ऑनलाइन दर्शन

बता दें कि इन प्रतिमाओं के लिए मिट्टी कलकत्ता के समुद्र तट से मंगवाई गई है. जिसमें खड़िया मिट्टी और जुट से बलवा मिट्टी बनाकर गणपति मूर्ति के हिसाब से मूर्तरूप दिया जाता है. मूर्तिया जयपुर से राजस्थान के अन्य जिले कोटा, जोधपुर, भरतपुर और सीकर भी भेजी जाती है. वहां अंकुरित मूर्तियों की खूब डिमांड है.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
विघ्नहर्ता को घर ले जाता भक्त

अंकुरित प्रतिमाओं से क्या हैं फायदे

• घर के गमले और टब में 2-3 लीटर पानी में किया जा सकेगा विसर्जन

• कुछ दिनों में मूर्ति में डाले गए बीज लेंगे पौधे का स्वरूप

• इससे खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी बप्पा लेकर लाएंगे

• इससे जीवनभर प्राणदायिनी ऊर्जा भी मिलेगी और प्रदूषण भी नहीं होगा

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
मूर्ति को पेंट करता कारिगर

हर बार जहां अंकुरित मूर्तियों की अच्छी डिमांड रहती है वहीं, इस बार यह कोरोना की वजह से थोड़ी फीकी पड़ी है. मूर्तिकारों ने रिद्धि-सिद्धि के दाता गजानंद जी को चमकीले वस्त्रों के साथ, राजस्थानी गोटा, कुंदन-मीना से सजाया है. उन्हें उम्मीद है कि, यदि गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की अंकुरित मूर्तिया बिक जाए तो घर खर्च अच्छा चलेगा, नहीं तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

गणपति के भक्तों ने बताया कि, कोरोना के चलते इस बार गणेश चतुर्थी पर्व अलग तरह से मनाया जायेगा. जहां बाहर पंडाल नहीं लगने से रौनक कम देखने को मिलेगी. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा भक्त गणेशजी की अपने घर में ही स्थापना करेंगे. जिसके बाद आस्था के अनुसार गणपति बप्पा को विसर्जित करेंगे. इसके लिए इको फ्रेंडली बलवा मिट्टी से बनी अंकुरित मूर्ति को लाते हैं. जिससे पर्यावरण में प्रदूषण कम से कम हो. भक्तों का कहना है कि इस बार भी गणेश जी की प्रतिमा पूरी मिट्टी की खरीदी है और उसका भी विसर्जन विधिवत रूप से घर पर ही करेंगे.

पढ़ेंः Special Report: गणेश चतुर्थी पर ब्याज लेकर बनाई मूर्तियां, बिक्री नहीं होने से संकट में कारीगर

कोरोना हो या ना हो लेकिन इसी तरीके से अंकुरित गणेशजी की प्रतिमा लाकर उसकी स्थापना करें, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो. क्योंकि गणेश चतुर्थी के दिन घर आए बप्पा अनंत चतुर्दशी के दिन अपने घर वापस लौट जाते हैं लेकिन यदि अंकुरित मूर्ति हम घर लेकर आएंगे तो खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी आएगी और यदि पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो कोरोना जैसे अन्य महामारियों से बचा जा सकेगा.

जयपुर. हर साल की भांति इस बार भी गणपति बप्पा घर-घर में विराजने वाले हैं. इस समय समूचा विश्व कोविड-19 से जूझ रहा है. इस वजह से पहले की तरह बड़े-बड़े पंडाल भी नहीं बन रहे हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना करते हुए लोगों ने गणपति की छोटी-छोटी मूर्तियों को घरों में स्थापित किया है.

गणपति की अंकुरित मिट्टी से बनी प्रतिमा

एक तरफ जहां पुलिस और प्रशासन लोगों से मास्क लगाने आग्रह कर रही है तो वहीं अब इस लड़ाई में गणपति भी शामिल हो गए हैं. भगवान गणेश भी मास्क लगाकर कोरोना संक्रमण के बचाव का संदेश दे रहे हैं. साथ-साथ प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी से अवगत करवाते भी नजर आ रहे हैं. ऐसे में भगवान गणेश की अंकुरित मूर्ति लाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लें, ताकि ऐसी महामारियों से बचा जा सके.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
बप्पा का श्रृंगार करती महिला कारीगर

मूर्ति कारीगरों ने अनूठी पहल करते हुए इको फ्रेंडली प्रतिमा के साथ ही मिट्टी में विभिन्न प्रजाति के बीच डालकर तैयार प्रतिमाएं तैयार की है. ऐसे में विघ्नहर्ता बप्पा खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी लाएंगे और घर को खुशनुमा बनाने के साथ ही जीवनभर प्राणदायिनी ऊर्जा देगी.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
मास्क लगाकर कोरोना से बचाव का संदेश देते बप्पा

पढ़ेंः प्रथम पूज्य के दरबार में सजी मोदक झांकी...भक्त इस बार करेंगे ऑनलाइन दर्शन

बता दें कि इन प्रतिमाओं के लिए मिट्टी कलकत्ता के समुद्र तट से मंगवाई गई है. जिसमें खड़िया मिट्टी और जुट से बलवा मिट्टी बनाकर गणपति मूर्ति के हिसाब से मूर्तरूप दिया जाता है. मूर्तिया जयपुर से राजस्थान के अन्य जिले कोटा, जोधपुर, भरतपुर और सीकर भी भेजी जाती है. वहां अंकुरित मूर्तियों की खूब डिमांड है.

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
विघ्नहर्ता को घर ले जाता भक्त

अंकुरित प्रतिमाओं से क्या हैं फायदे

• घर के गमले और टब में 2-3 लीटर पानी में किया जा सकेगा विसर्जन

• कुछ दिनों में मूर्ति में डाले गए बीज लेंगे पौधे का स्वरूप

• इससे खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी बप्पा लेकर लाएंगे

• इससे जीवनभर प्राणदायिनी ऊर्जा भी मिलेगी और प्रदूषण भी नहीं होगा

jaipur ganesh festival news, जयपुर गणेश उत्सव समाचार
मूर्ति को पेंट करता कारिगर

हर बार जहां अंकुरित मूर्तियों की अच्छी डिमांड रहती है वहीं, इस बार यह कोरोना की वजह से थोड़ी फीकी पड़ी है. मूर्तिकारों ने रिद्धि-सिद्धि के दाता गजानंद जी को चमकीले वस्त्रों के साथ, राजस्थानी गोटा, कुंदन-मीना से सजाया है. उन्हें उम्मीद है कि, यदि गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की अंकुरित मूर्तिया बिक जाए तो घर खर्च अच्छा चलेगा, नहीं तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

गणपति के भक्तों ने बताया कि, कोरोना के चलते इस बार गणेश चतुर्थी पर्व अलग तरह से मनाया जायेगा. जहां बाहर पंडाल नहीं लगने से रौनक कम देखने को मिलेगी. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा भक्त गणेशजी की अपने घर में ही स्थापना करेंगे. जिसके बाद आस्था के अनुसार गणपति बप्पा को विसर्जित करेंगे. इसके लिए इको फ्रेंडली बलवा मिट्टी से बनी अंकुरित मूर्ति को लाते हैं. जिससे पर्यावरण में प्रदूषण कम से कम हो. भक्तों का कहना है कि इस बार भी गणेश जी की प्रतिमा पूरी मिट्टी की खरीदी है और उसका भी विसर्जन विधिवत रूप से घर पर ही करेंगे.

पढ़ेंः Special Report: गणेश चतुर्थी पर ब्याज लेकर बनाई मूर्तियां, बिक्री नहीं होने से संकट में कारीगर

कोरोना हो या ना हो लेकिन इसी तरीके से अंकुरित गणेशजी की प्रतिमा लाकर उसकी स्थापना करें, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो. क्योंकि गणेश चतुर्थी के दिन घर आए बप्पा अनंत चतुर्दशी के दिन अपने घर वापस लौट जाते हैं लेकिन यदि अंकुरित मूर्ति हम घर लेकर आएंगे तो खुशियों के साथ हरियाली की रिद्धि-सिद्धि भी आएगी और यदि पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो कोरोना जैसे अन्य महामारियों से बचा जा सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.