जयपुर. आज का समय सूचना प्रौद्योगिकी का समय है और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता को बनाए रखने में सूचना प्रौद्योगिकी का अहम योगदान है. यहीं वजह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी सिस्टम में अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग चाहते हैं.
ऐसे में राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी सिस्टम को पारदर्शी बनाने और नागरिकों की सुविधा के लिए सभी विभागों की सेवाओं को ऑनलाइन करवाने के लिए बेहद गंभीर हैं. सीएम गहलोत ने सीएमओ से लेकर सभी महकमों के प्रमुखों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द राजस्थान में सरकारी महकमों की नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किया जाए.
सीएम का कहना है कि आम लोगों की सहूलियत, समय की बचत और पारदर्शिता के लिए यह आवश्यक है कि अधिकाधिक नागरिक सेवाओं की आपूर्ति के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए. उन्होंने कहा कि जनता को परेशानी से राहत देने के लिए विभिन्न विभागों की शेष रही 176 नागरिक सेवाओं को जल्द से जल्द ऑनलाइन उपलब्ध किया जाना चाहिए.
दरअसल राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम, 2011 में विभिन्न नागरिक सेवाओं की नियत समय में उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रावधान है. इसके लिए आवश्यक है कि अधिकतम नागरिक सेवाएं ऑनलाइन की जाएं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में ग्रामीण क्षेत्रों में 6 हजार नये ई-मित्र केन्द्र स्थापित करने की योजना के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
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राजस्थान में अभी तक 6000 में से 2800 ई-मित्र केंद्र शुरू कर दिए गए हैं. सीएम ने अधिकारियों से कहा है कि शेष रहे ई-मित्र केंद्र जल्द शुरू हो इसके अलावा ई-मित्र प्लस मशीनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को जागरूक भी किया जाए.
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में राज्य सरकार के 14 विभागों की 30 विभिन्न योजनाओं से जुड़ी 80 से अधिक प्रकार की सूचनाएं पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई हैं. जल्द ही दूसरे विभागों की योजनाओं से संबंधित सूचनाओं को भी पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा. इसी तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गंभीरता का लाभ प्रदेश के नागरिकों को मिलेगा. सरकारी सूचना और जानकारी के लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात भी मिलेगी.