जयपुर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से जारी किए गए बोर्ड के मॉडल पेपर को लेकर सरकार ही सवालों के घेरे में आ गई है. उर्दू विषय के मॉडल पेपर जारी नहीं करने पर उर्दू शिक्षकों में नाराजगी है. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने आरोप लगाया है कि गहलोत सरकार और शिक्षा मंत्री तृतीय भाषा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तृतीय भाषा उर्दू, सिंधी और पंजाबी विषय के अलावा सभी विषयों के मॉडल पेपर जारी किए हैं और इसके कारण विभिन्न संगठनों में रोष व्याप्त हो गया है. साथ ही उन्होंने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने आरोप लगाया है कि गहलोत सरकार तृतीय भाषा के विरोध में है और शिक्षा मंत्री तृतीय भाषा उर्दू, पंजाबी के साथ भेदभाव कर रहे हैं. उर्दू सिंधी और पंजाबी विषय के मॉडल पेपर जारी नहीं करना सरकार की मानसिकता को दर्शाता है और सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. अमीन कायमखानी ने जल्द से जल्द मॉडल पेपर जारी करने की मांग की है.
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अमीन कायमखानी ने कहा कि दसवीं के बोर्ड में हिंदी, इंग्लिश, गणित, सामाजिक यहां तक कि तृतीय भाषा के रूप में संस्कृत का भी मॉडल पेपर जारी किया है. कायमखानी ने मांग की कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षा मंत्री को पाबंद करें, ताकि वे तृतीय भाषा के उर्दू, सिंधी और पंजाबी के भी मॉडल पेपर जारी करें.