जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति सचिवालय में आवश्यक सिंडिकेट बैठक हूई कुलपति प्रो. आरके कोठारी को भी खरी-खोटी सुनाई गयी. सिंडिकेट में कुलपति पर वित्तीय अनियमितता और भर्तियों में खामियों के चलते चल रही राजभवन की जांच का मुद्दा भी उठा. जिसमें सदस्यों ने कुलपति से कहा कि यह पद बहुत हाई मोरल का है, ऐसे में जांच प्रक्रिया के दौरान कुलपति को आर यू से अलग हो जाना चाहिए या छुट्टियों पर चले जाना चाहिए, जिससे निष्पक्ष जांच हो सके. इस पर कुलपति ने साफ कह दिया कि वह कहीं जाने वाले हैं.
दरअसल, बुधवार को आरयू प्रशासन ने सिंडिकेट के सदस्यों को एक सरकुलेशन भेजा जिसमें करीब 10 करोड़ का बजट पास करने के लिए कहा था. इस सरकुलेशन के चलते आज सिंडिकेट की आवश्यक बैठक बुलाई गई और सदस्यों ने कहा कि बजट सिंडिकेट का मामला है तो घर पर सरकुलेशन क्यों भेजे गए. ऐसे में सिंडिकेट सदस्यों ने सरकुलेशन को खारिज कर दिया. सदस्यों ने कहा कि ये मामला करोड़ों रुपए का है, इस तरह से घर पर भेजना का क्या तात्पर्य है. सिंडिकेट सदस्य प्रोफेसर राम लखन मीणा ने कहा कि आरयू के शैक्षणिक सत्र 2019 का बजट अब तक खामियों के चलते सिंडिकेट ने जारी नहीं किया है.
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अगर प्रशासन खामियों को दूर कर देता है तो सिंडिकेट बजट पारित कर देगा. मीणा ने कहा कि आरयू प्रशासन के कुलपति ने अप्रैल से जून 2019 तक का बजट बिना सिंडिकेट अप्रूवल के खर्च खर्च कर दिया जिसको अभी तक सिंडीकेट के सदस्यों ने मंजूरी नहीं दी है. विधायक अमीन कागजी ने कहा कि बजट सरकुलेशन से नहीं, बल्कि बैठक में चर्चा करने के बाद ही पारित किया जाएगा. आपको बता दे आरयू में दो माह का लेखानुदान पारित किया गया था जो भी अब पूरा होने वाला है. जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द बजट जारी करवाने में लगा हुआ है.