जयपुर. रात में बिजली सप्लाई के चलते ठंड के कारण किसानों की हुई मौत का मामला भी मंगलवार को सदन में गूंजा. इस दौरान मंत्री के जवाब से नाराज भाजपा विधायकों ने वेल में आकर प्रदर्शन भी किया. प्रश्नकाल में विधायक मदन दिलावर ने अपने विधानसभा क्षेत्र बारां में ठंड से किसानों की हुई मौत का आंकड़ा और पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की जानकारी मांगी.
जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा की कोटा संभाग में अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 तक 8 किसानों की मौत हुई हैं. जिनमें एक किसान की शाम को धनिया काटते समय खेत में तबीयत खराब हो गई और रात में ठंड लगने से मौत हो गई. धारीवाल ने कहा की इनमें से किसी भी किसान की रात को बिजली सप्लाई के चलते मौत नहीं हुई.
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धारीवाल ने यह भी कहा कि सर्दी के कारण मौत से मुआवजा नहीं दिया जाता, क्योंकि सर्दी दुर्घटना में शामिल नहीं है. धारीवाल ने कहा इनमें से जिन किसानों के परिजनों को मुआवजा मिला, उन्हें राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत मुआवजा दिया गया. ऐसे में भाजपा विधायक मदन दिलावर और सवाल पूछने के लिए खड़े हो गए, लेकिन स्पीकर ने उन्हें अनुमति नहीं दी. जिस पर भाजपा विधायक हंगामा करने लगे और वेल में आ गए.
कटारिया-जोशी में नोकझोंक, स्पीकर ने कहा मुझे डिक्टेट ना करें
इस दौरान स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी और भाजपा विधायकों के बीच तीखी तकरार भी हुई. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि स्पीकर साहब आप इतने गंभीर सवाल में नाराज ना हो. विषय में सीपी जोशी ने खड़े होकर कहा कि कृपया कर आप मुझे डिक्टेट ना करें.
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हालांकि इस दौरान कटारिया को सवाल करने की अनुमति मिल गई, तब कटारिया ने कहा की मंत्री जी आप यह बता दें कि सर्दी के कारण जिस किसान की मौत हुई उनके परिजनों को आपने मुआवजा नहीं दिया और तर्क आप देते हैं कि नियमों में नहीं आता. कटारिया ने कहा कृषि विभाग के पास अधिकार है कि वह किसान को खेत में काम के दौरान मौत होने पर 2 लाख का मुआवजा दे सकता है.
हालांकि जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मेरे पास नियमों के तहत दिए गए मुआवजे की पूरी कॉपी है और यह मुआवजा राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत दिया जाता है. यदि आप कोई और नियम इसमें बता दें तो मैं मान लूंगा.