जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में शुक्रवार को राजस्थान विनियोग संख्या 1 विधेयक 2022 पारित किया गया. लेकिन इस पर सदन में चर्चा की तैयारी के लिए समय नहीं दिए जाने से गुस्साए भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया. इस दौरान भाजपा विधायकों ने कार्य सलाहकार समिति में तय होने वाले कामकाज के अनुसार सदन में काम नहीं होने का आरोप लगाया.
दरअसल सदन में मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान विनियोग संख्या एक विधेयक 2022 पुन:स्थापित कर इसे पारित कराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई. लेकिन सदन में मौजूद भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया. प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अब यह हमारा अधिकार हो गया. इस पर प्रभारी मंत्री का वक्तव्य आ गया. इसलिए यह बिल सदन की संपत्ति हो गई और अब इस पर चर्चा करने का अधिकार हमारा है. इसलिए चर्चा के लिए समय तय कर दें.
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राठौड़ ने आरोप लगाया कि आप इस विनियोग विधेयक के साथ एक सप्लीमेंट्री ले आए. जिसके माध्यम से कंसोलिडेटेड फंड से 69 हजार 615 करोड़ रुपए सरकार ले रही है. राठौड़ ने कहा यह सप्लीमेंट्री डिमांड साल 2021-22 की है और पूर्व में आपने कहा था कि जब विनियोग विधेयक आएगा तो इसमें चर्चा का मौका दिया जाएगा.
इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा आप बोलिए इस बिल पर लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बात बीच में ही काटते हुए कहा कि हम आज सुबह स्पीकर से मिले थे और इस पूरे विषय को रखा कि हम बिना तैयारी के इस बिल पर कैसे चर्चा करेंगे. लेकिन 'मंत्रीजी' ने इस विधेयक पर सीधे बोलना शुरू कर दिया.
कटारिया ने कहा अब तक राजस्थान के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ कि बिना चर्चा का समय दिए इस विनियोग विधेयक को पास किया गया हो. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कम से कम इस विधेयक पर चर्चा की तैयारी के लिए सदस्यों को कुछ तो समय देना चाहिए, ताकि हम भी इस विधेयक पर सदन में बोल सकें. हालांकि सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा जो चर्चा आपकी हुई है वो मेरे संज्ञान में नहीं है. फिर उन्होंने विनियोग विधेयक को पारित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस पर भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर अपना विरोध जताया.