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सीवर की असुरक्षित सफाई कानूनी जुर्म, लेकिन जिम्मेदारों पर सजा के प्रावधान तय नहीं- वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ

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Published : Mar 19, 2022, 7:43 PM IST

Updated : Mar 19, 2022, 11:24 PM IST

देश में सीवर और सेप्टिक टैंक की असुरक्षित सफाई को कानूनी जुर्म माना गया है. बावजूद इसके प्रदेश में जिम्मेदार ठेकेदार और निकायों के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं. प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में अभी भी सीवर सफाई (unsafe manual cleaning of sewar and septic tanks in jaipur) का काम बिना सुरक्षा संसाधनों के किया जा रहा है.

Cleaning septic and Sewer in jaipur
जयपुर में मैनहोल की मैन्यूअल सफाई का मामला

जयपुर. सेप्टिक टैंक और सीवर की असुरक्षित सफाई करवाना (unsafe manual cleaning of sewar and septic tanks in jaipur) कानूनी जुर्म है. देश में मैनहोल का नाम मशीन होल भी कर दिया गया है. वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर मशीनें और सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही रेस्पॉन्स सैनिटेशन यूनिट का भी गठन करवाया गया है. लेकिन इन सब के बाद भी किसी ठेकेदार या निकाय के अधिकारी पर सीवर की असुरक्षित सफाई करवाने को लेकर सजा का प्रावधान तय नहीं किया गया है.

बिना सुरक्षा संसाधनों के साफ करवाया जा रहा सीवर: 2 अक्टूबर 2019 को राज्यस्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीवर सफाई कार्य में मानवीय उपयोग निषेध मानते हुए, ये काम मशीनों से करवाने और सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण देने के निर्देश दिए गए थे. इसके अलावा सीवरेज सिस्टम वाले निकायों में रेस्पॉन्स सैनिटेशन यूनिट का भी गठन किया गया था. वहीं समय-समय पर सीवर सफाई के दौरान रखी जाने वाली सावधानी, पंजीकृत संस्थाओं से कार्य करवाए जाने पर स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी तय करते हुए, विभिन्न आदेश भी जारी किए गए हैं.

वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ की चेतावनी

वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ ने दी चेतावनी: हाल ही में स्थानीय निकायों की ओर से सफाई प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने, सीवर सफाई कार्य के लिए सुपरवाइजर तय करने और सुपरवाइजर को भी आवश्यक मशीनों और उपकरणों के प्रशिक्षण को लेकर निर्देश दिए गए हैं. लेकिन नए परिपत्र में भी कहीं पर जिम्मेदारों पर की जाने वाली कार्रवाई का जिक्र नहीं किया गया. जबकि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में अभी भी सीवर सफाई का काम बिना सुरक्षा संसाधनों के किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार और निकायों के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ ने चेतावनी दी है कि सोमवार से यदि कोई भी कर्मचारी सीवरेज टैंक में सफाई करता हुआ पाया गया तो जो भी ये काम करवा रहा होगा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

पढ़ें-Ashok Lahoti Warning : सफाई और सीवर की समस्या दूर नहीं होने पर अपने ही बोर्ड के खिलाफ पार्षदों के साथ धरने पर बैठेंगे विधायक लाहोटी...

बता दें कि प्रदेश में सीवरेज सफाई में लगे कर्मचारियों को गैस मास्क, हेलमेट, गम बूट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है. यही नहीं मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर का होना भी जरूरी किया गया है. लेकिन निकायों में बिना संसाधनों के ही सफाई कर्मियों से कार्य कराया जा रहा है.

जयपुर. सेप्टिक टैंक और सीवर की असुरक्षित सफाई करवाना (unsafe manual cleaning of sewar and septic tanks in jaipur) कानूनी जुर्म है. देश में मैनहोल का नाम मशीन होल भी कर दिया गया है. वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर मशीनें और सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही रेस्पॉन्स सैनिटेशन यूनिट का भी गठन करवाया गया है. लेकिन इन सब के बाद भी किसी ठेकेदार या निकाय के अधिकारी पर सीवर की असुरक्षित सफाई करवाने को लेकर सजा का प्रावधान तय नहीं किया गया है.

बिना सुरक्षा संसाधनों के साफ करवाया जा रहा सीवर: 2 अक्टूबर 2019 को राज्यस्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीवर सफाई कार्य में मानवीय उपयोग निषेध मानते हुए, ये काम मशीनों से करवाने और सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण देने के निर्देश दिए गए थे. इसके अलावा सीवरेज सिस्टम वाले निकायों में रेस्पॉन्स सैनिटेशन यूनिट का भी गठन किया गया था. वहीं समय-समय पर सीवर सफाई के दौरान रखी जाने वाली सावधानी, पंजीकृत संस्थाओं से कार्य करवाए जाने पर स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी तय करते हुए, विभिन्न आदेश भी जारी किए गए हैं.

वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ की चेतावनी

वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ ने दी चेतावनी: हाल ही में स्थानीय निकायों की ओर से सफाई प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने, सीवर सफाई कार्य के लिए सुपरवाइजर तय करने और सुपरवाइजर को भी आवश्यक मशीनों और उपकरणों के प्रशिक्षण को लेकर निर्देश दिए गए हैं. लेकिन नए परिपत्र में भी कहीं पर जिम्मेदारों पर की जाने वाली कार्रवाई का जिक्र नहीं किया गया. जबकि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में अभी भी सीवर सफाई का काम बिना सुरक्षा संसाधनों के किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार और निकायों के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ ने चेतावनी दी है कि सोमवार से यदि कोई भी कर्मचारी सीवरेज टैंक में सफाई करता हुआ पाया गया तो जो भी ये काम करवा रहा होगा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

पढ़ें-Ashok Lahoti Warning : सफाई और सीवर की समस्या दूर नहीं होने पर अपने ही बोर्ड के खिलाफ पार्षदों के साथ धरने पर बैठेंगे विधायक लाहोटी...

बता दें कि प्रदेश में सीवरेज सफाई में लगे कर्मचारियों को गैस मास्क, हेलमेट, गम बूट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है. यही नहीं मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर का होना भी जरूरी किया गया है. लेकिन निकायों में बिना संसाधनों के ही सफाई कर्मियों से कार्य कराया जा रहा है.

Last Updated : Mar 19, 2022, 11:24 PM IST
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