जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद शांत बैठे कर्मचारियों ने एक फिर सरकार को आंख दिखाना शुरू कर दिया है. अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ स्वतंत्र ने मंगलवार को 10 सूत्री मांगपत्र मुख्य सचिव को सौंपा. साथ ही सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार वास्तव में मंत्रालयिक कर्मचारियों को कुछ लाभ देना चाहती है, तो कर्मचारियों की गैर वित्तीय मांगों पर तत्काल आदेश जारी करना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो फिर से आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा.
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महासंघ के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा से मुलाकात कर 10 बिंदुओं पर मांग रखते हुए वार्ता की. प्रदेश संरक्षक शेर सिंह चौधरी ने कहा कि सरकार अभी भी मंत्रालयिक कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित मांगों पर सकारात्मक रूख प्रदर्शित नहीं कर रही है. यदि सरकार वास्तव में मंत्रालयिक कर्मचारियों को कुछ लाभ देना चाहती है, तो कर्मचारियों की गैर वित्तीय मांगों पर तत्काल आदेश जारी कर विश्वास अर्जित करना चाहिए.
ये हैं मांगें
- कनिष्ठ सहायक को विशेष संवर्ग का दर्जा दिलवाकर योग्यता स्नातक करवाएं, इसके बाद ग्रेड 3600 प्रदान करवाएं.
- शेड्यूल 5 के तहत हो रही कटौती को निरस्त करवाकर समस्त विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के सातवें वेतन रिवाइज फिक्सेशन करवाएं.
- मंत्रालयिक उच्च पदों में बढ़ोतरी और पदोन्नति के अवसर प्रदान करें, ताकि नियमानुसार समयबद्ध पदोन्नति का लाभ मंत्रालयिक कर्मचारियों को मिल सके.
- ग्रेड 2800 के 2 लेवल और 2400 के 3 लेवल को एक करवाएं, ताकि सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों को एसीपी का वित्तीय लाभ प्राप्त हो सके.
- नवनियुक्त कनिष्ठ सहायकों की गृह जिला परिवेदना का निस्तारण करवाएं, ताकि हमारे नवनियुक्त अल्प वेतनभोगी कर्मचारी घर में परिवार सहित रहकर राज्यसेवा में नए आयाम स्थापित कर सकें. साथ ही इस कोरोना काल में अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.
- 1-1-2004 के पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों को पुराने पेंशन योजना के तहत समस्त लाभांश स्वीकृत की जाए.
- वित्त विभाग राजस्थान सरकार के आदेश क्रमांक-24-4-2017 को पंचायत राज संस्थाओं में मंत्रालयिक कर्मचारियों के 12 हजार कार्यरत पदों पर लागू कर राजस्थान के अन्य 122 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के तर्ज पर कनिष्ठ सहायक से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदोन्नति पद उपलब्ध करवाने और पंचायती राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों के अंतर जिला स्थानांतरण में शिथिलन दिलवाकर पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों को उचित न्याय दिलवाएं.
- कार्यालयों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के अलावा अन्य संवर्ग के कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नहीं हो. कार्यालयों में सिर्फ मंत्रालय कर्मचारी ही हो. अन्य वर्ग के लोगों के पदोन्नति पद कार्यालय में स्वीकृत नहीं हो और अन्य संवर्गों के कार्मिकों की प्रतिनियुक्ति सभी विभागों के कार्यालयों से समाप्त हो.
- मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए प्रथक से निदेशालय का गठन किया जाए.
- प्रदेश के समस्त विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारी, जो गत 2 वर्षों से घर से अधिक दूरी पर कार्यरत रहते हुए स्थानांतरण की प्रतीक्षा में है. ऐसे कार्मिकों का इच्छित स्थानों पर स्थानांतरण करवाकर कोरोना काल में कार्मिकों को राहत प्रदान करवाएं.