ETV Bharat / city

टिड्डी समस्या पर बोले केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री, राज्य सरकार कर रही है केवल राजनीति - राजस्थान में टिड्डी अटैक

प्रदेश में एक बार फिर से टिड्डियों ने अटैक किया है. ऐसे में शनिवार को टिड्डी समस्या पर केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिखने का झुनझुना बजाने के अलावा कोई काम नहीं कर रही है.

राजस्थान में टिड्डी अटैक, Locust attack in Rajasthan
टिड्डी समस्या पर बोले केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री
author img

By

Published : May 24, 2020, 12:18 AM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शनिवार को "टिड्डी समस्या और नियंत्रण के लिए प्रयास" को लेकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों और सक्रियता का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की निष्क्रियता और विफलताओं पर जमकर कटाक्ष किए.

चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत राजस्थान का कृषि कीट अधिनियम-1951 पढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि राजस्थान की जनता इस समय कोरोना महामारी के साथ ही टिड्डी समस्या के रूप में दोहरी मार झेल रही है, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार धरातल पर कोई काम किए बिना केवल प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर और केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रही है.

पढ़ेंःबांसवाड़ा में नहीं खुलेंगे शॉपिंग मॉल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री यह भूल गए हैं कि कृषि क्षेत्र राज्यसूची का विषय है. राज्य सरकारें अपने फसल क्षेत्रों में विभिन्न प्रावधानों और उनके द्वारा बनाई गई योजनाओं के अनुसार कीटों को नियंत्रित करती हैं. राजस्थान की तत्कालीन राज्य सरकार ने "राजस्थान कृषि कीट और रोग अधिनियम-1951" भी लागू किया, जो कीटों और पौधों के रोगों की शुरूआत, प्रसार या पुन: प्रकट होने से रोकने के लिए पारित किया गया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने टिड्डी दल पर कीटनाशक स्प्रे करने के लिए राज्य सरकार को 800 ट्रैक्टर किराए पर लेने का निर्देश दिया है. इसके लिए उसे डीजल और किराए के लिए एनडीआरएफ से पर्याप्त धनराशि भी आवंटित कर दी है. इसके साथ ही हमने ट्रैक्टरों की सहायता के लिए 55 गाड़ियों की भी अतिरिक्त व्यवस्था की है.

पढ़ेंःमर गई मानवताः Corona संक्रमित मृतकों की अस्थियां प्रदूषित बांडी नदी में बहाई...Video से खुली पाली प्रशासन की पोल

कैलाश चौधरी ने बताया कि ऊंचे स्थानों पर बैठी टिड्डी को हवाई स्प्रे से नष्ट करने के लिए इंग्लैंड से हवाई स्प्रे मशीनो का आयात समझौता किया, जोकि वैश्विक लॉकडाउन के कारण रुक गया. भुगतान सहित इसकी शेष प्रकिया सम्पन्न हो चुकी है. लॉकडाउन में कुछ छूट मिलते ही यह हेलिकॉप्टर भारत पहुंचेंगे, लेकिन तब तक टिड्डी दल को नष्ट करने के लिए कृषि मंत्रालय ने DGCA से ड्रोनों की भी परमिशन ले ली है.

भविष्य में टिड्डी दल के आगमन के प्रति जागरूकता को लेकर नियमित तौर पर एएफओ संगठन के सदस्य देशों की बैठक के साथ टिड्डी नियंत्रण की रणनीति को लेकर समन्वय भी बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शनिवार को केंद्र सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को 14 करोड़ रुपए और टिड्डी दल के हमले से किसानों की नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि 68 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है.

चौधरी ने कहा कि भारत में 2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र रेगिस्तान के अंतर्गत आता है. टिड्डी चेतावनी संगठन और भारत सरकार के 10 टिड्डी सर्किल कार्यालय में से राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, फलौदी, बाड़मेर, जालौर, चूरू, नागौर और सूरतगढ़ में और गुजरात के पालनपुर और भुज में स्थित हैं.

पढ़ें- राजगढ़ SHO सुसाइड मामला: CM गहलोत के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जांच

रेगिस्तानी क्षेत्र में टिड्डी दल के हमला होने पर उसकी निगरानी, सर्वेक्षण और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं. राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 30 अप्रैल से गुलाबी वयस्क हॉपरो (टिड्डी के नवजात शिशुओं) के हमले की सूचना दी गई थी, जिन्हें नियंत्रित किया गया है और नए झुंडों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चल रहा है.

जयपुर. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शनिवार को "टिड्डी समस्या और नियंत्रण के लिए प्रयास" को लेकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों और सक्रियता का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की निष्क्रियता और विफलताओं पर जमकर कटाक्ष किए.

चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत राजस्थान का कृषि कीट अधिनियम-1951 पढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि राजस्थान की जनता इस समय कोरोना महामारी के साथ ही टिड्डी समस्या के रूप में दोहरी मार झेल रही है, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार धरातल पर कोई काम किए बिना केवल प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर और केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रही है.

पढ़ेंःबांसवाड़ा में नहीं खुलेंगे शॉपिंग मॉल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री यह भूल गए हैं कि कृषि क्षेत्र राज्यसूची का विषय है. राज्य सरकारें अपने फसल क्षेत्रों में विभिन्न प्रावधानों और उनके द्वारा बनाई गई योजनाओं के अनुसार कीटों को नियंत्रित करती हैं. राजस्थान की तत्कालीन राज्य सरकार ने "राजस्थान कृषि कीट और रोग अधिनियम-1951" भी लागू किया, जो कीटों और पौधों के रोगों की शुरूआत, प्रसार या पुन: प्रकट होने से रोकने के लिए पारित किया गया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने टिड्डी दल पर कीटनाशक स्प्रे करने के लिए राज्य सरकार को 800 ट्रैक्टर किराए पर लेने का निर्देश दिया है. इसके लिए उसे डीजल और किराए के लिए एनडीआरएफ से पर्याप्त धनराशि भी आवंटित कर दी है. इसके साथ ही हमने ट्रैक्टरों की सहायता के लिए 55 गाड़ियों की भी अतिरिक्त व्यवस्था की है.

पढ़ेंःमर गई मानवताः Corona संक्रमित मृतकों की अस्थियां प्रदूषित बांडी नदी में बहाई...Video से खुली पाली प्रशासन की पोल

कैलाश चौधरी ने बताया कि ऊंचे स्थानों पर बैठी टिड्डी को हवाई स्प्रे से नष्ट करने के लिए इंग्लैंड से हवाई स्प्रे मशीनो का आयात समझौता किया, जोकि वैश्विक लॉकडाउन के कारण रुक गया. भुगतान सहित इसकी शेष प्रकिया सम्पन्न हो चुकी है. लॉकडाउन में कुछ छूट मिलते ही यह हेलिकॉप्टर भारत पहुंचेंगे, लेकिन तब तक टिड्डी दल को नष्ट करने के लिए कृषि मंत्रालय ने DGCA से ड्रोनों की भी परमिशन ले ली है.

भविष्य में टिड्डी दल के आगमन के प्रति जागरूकता को लेकर नियमित तौर पर एएफओ संगठन के सदस्य देशों की बैठक के साथ टिड्डी नियंत्रण की रणनीति को लेकर समन्वय भी बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शनिवार को केंद्र सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को 14 करोड़ रुपए और टिड्डी दल के हमले से किसानों की नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि 68 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है.

चौधरी ने कहा कि भारत में 2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र रेगिस्तान के अंतर्गत आता है. टिड्डी चेतावनी संगठन और भारत सरकार के 10 टिड्डी सर्किल कार्यालय में से राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, फलौदी, बाड़मेर, जालौर, चूरू, नागौर और सूरतगढ़ में और गुजरात के पालनपुर और भुज में स्थित हैं.

पढ़ें- राजगढ़ SHO सुसाइड मामला: CM गहलोत के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जांच

रेगिस्तानी क्षेत्र में टिड्डी दल के हमला होने पर उसकी निगरानी, सर्वेक्षण और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं. राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 30 अप्रैल से गुलाबी वयस्क हॉपरो (टिड्डी के नवजात शिशुओं) के हमले की सूचना दी गई थी, जिन्हें नियंत्रित किया गया है और नए झुंडों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.