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आतंक से लड़ाई में जमीनी अड़चन : NIA को नहीं मिल रही जमीन, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिखा राज्य सरकार को पत्र - Union home ministry writes to Raj govt for land for NIA

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जयपुर में कार्यालय और आवासीय परिसर के लिए राजस्थान में उपयुक्त जमीन नहीं मिल रही है. अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. NIA को जयपुर में ऑफिस और आवासीय परिसर के लिए 92.03 एकड़ भूमि (Land for NIA office and residential premise in Jaipur) चाहिए.

Union home ministry writes to Raj govt for land for NIA
NIA को नहीं मिल रही जमीन, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिखा राज्य सरकार को पत्र
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Published : Apr 26, 2022, 7:03 PM IST

जयपुर. आतंकवाद से लड़ाई लड़ने वाली नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA को राजस्थान में खुद के ऑफिस के लिए जमीन की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. जयपुर में कार्यालय और आवासीय परिसर के लिए राज्य सरकार से एनआईए को उपयुक्त जमीन नहीं मिलने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए (Union home ministry writes to Raj govt for land for NIA) हैं.

जमीन के लिए लड़ाई: दरअसल देशभर में अलग-अलग राज्यों में आतंकवाद के खिलाफ जांच करने वाली एनआईए के ऑफिस खोले जाने हैं. इसी में जयपुर में भी ऑफिस खोलना है, लेकिन कार्यालय और आवासीय परिसर के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पा रही है. आलम यह कि बार-बार राज्य सरकार से जमीन को लेकर प्रस्ताव भेजने पर भी उन्हें उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं हुई. अब NIA आईजी संतोष रस्तोगी ने जमीन के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा को पत्र लिखकर एनआईए के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: NIA की हनुमानगढ़ में बड़ी कार्रवाई, स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर की हार्ड डिस्क चुराने वाले युवक को किया अरेस्ट

पद स्वीकृत लेकिन जमीन नहीं: केंद्र सरकार ने हाल ही में जयपुर में NIA शाखा कार्यालय की मंजूरी दी. इस कार्यालय के साथ ही 48 पद भी स्वीकृत किए हैं. शाखा कार्यालय का क्षेत्र राजस्थान रहेगा. इस NIA टीम का नेतृत्व एसपी रैंक का अधिकारी करेगा. केंद्र सरकार ने तो कार्यालय की मंजूरी दे दी, लेकिन NIA के लिए धरातल पर ही जमीन ही नहीं है. कार्यालय के साथ ही आवासीय परिसर के लिए भी एनआईए को जमीन की आवश्यकता है.

पढ़ें: 'क्या जयपुर को दहलाने की थी साजिश', राजस्थान में विस्फोटक मिलने के बाद NIA सक्रिय

इतनी चाहिए जमीन: NIA को जयपुर में ऑफिस और आवासीय परिसर के लिए 92.03 एकड़ भूमि चाहिए. NIA के अपने नियमों के अनुसार NIA शाखा के लिए एक सुरक्षित स्थान पर स्वतंत्र कार्यालय के साथ आवासीय परिसर जरूरी है. NIA कार्यालय के लिए सरकारी भूमि आसानी से उपलब्ध नहीं है, तो गैर सरकारी-अर्द्ध सरकारी पूर्ण भूमि की भी मांग की गई है. पत्र में कहा गया है कि भूमि के अधिग्रहण और उस पर भवन के निर्माण के लिए लगभग 10000 वर्ग फुट जगह चाहिए. पिछले 14 साल में NIA ने नई दिल्ली मुख्यालय के साथ हैदराबाद, गुवाहाटी, मुम्बई, कोच्चि, लखनऊ, कोलकाता, रायपुर, जम्मू, चंडीगढ़, चैन्नई और रांची में ऑफिस खोले हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जयपुर में भी ऑफिस खोलने की स्वीकृति दे दी है.

पढ़ें: जयपुर बम ब्लास्ट : 8 सिलसिलेवार धमाकों ने मचाई थी ऐसी तबाही, कांप उठा था पूरा देश

2008 में हुई एनआईए की स्थापना: दरअसल राजस्थान में 26 नवंबर, 2008 को मुंबई आतंकी हमले के बाद एनआईए की स्थापना की गई थी. देश में आतंकवाद, उग्रवाद, आतंकवादियों को फंडिंग के अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले जटिल मामलों की जांच करने का, देश की सम्प्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए एनआईए काम कर रही है. जयपुर में 13 मई, 2008 को शृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए. विस्फोट घनी आबादी वाले स्थानों पर किए गए. इन विस्फोटों को हवामहल के पास सहित विभिन्न इलाकों में साइकिल बम के जरिए अंजाम दिया गया.

जयपुर. आतंकवाद से लड़ाई लड़ने वाली नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA को राजस्थान में खुद के ऑफिस के लिए जमीन की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. जयपुर में कार्यालय और आवासीय परिसर के लिए राज्य सरकार से एनआईए को उपयुक्त जमीन नहीं मिलने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए (Union home ministry writes to Raj govt for land for NIA) हैं.

जमीन के लिए लड़ाई: दरअसल देशभर में अलग-अलग राज्यों में आतंकवाद के खिलाफ जांच करने वाली एनआईए के ऑफिस खोले जाने हैं. इसी में जयपुर में भी ऑफिस खोलना है, लेकिन कार्यालय और आवासीय परिसर के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पा रही है. आलम यह कि बार-बार राज्य सरकार से जमीन को लेकर प्रस्ताव भेजने पर भी उन्हें उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं हुई. अब NIA आईजी संतोष रस्तोगी ने जमीन के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा को पत्र लिखकर एनआईए के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

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पद स्वीकृत लेकिन जमीन नहीं: केंद्र सरकार ने हाल ही में जयपुर में NIA शाखा कार्यालय की मंजूरी दी. इस कार्यालय के साथ ही 48 पद भी स्वीकृत किए हैं. शाखा कार्यालय का क्षेत्र राजस्थान रहेगा. इस NIA टीम का नेतृत्व एसपी रैंक का अधिकारी करेगा. केंद्र सरकार ने तो कार्यालय की मंजूरी दे दी, लेकिन NIA के लिए धरातल पर ही जमीन ही नहीं है. कार्यालय के साथ ही आवासीय परिसर के लिए भी एनआईए को जमीन की आवश्यकता है.

पढ़ें: 'क्या जयपुर को दहलाने की थी साजिश', राजस्थान में विस्फोटक मिलने के बाद NIA सक्रिय

इतनी चाहिए जमीन: NIA को जयपुर में ऑफिस और आवासीय परिसर के लिए 92.03 एकड़ भूमि चाहिए. NIA के अपने नियमों के अनुसार NIA शाखा के लिए एक सुरक्षित स्थान पर स्वतंत्र कार्यालय के साथ आवासीय परिसर जरूरी है. NIA कार्यालय के लिए सरकारी भूमि आसानी से उपलब्ध नहीं है, तो गैर सरकारी-अर्द्ध सरकारी पूर्ण भूमि की भी मांग की गई है. पत्र में कहा गया है कि भूमि के अधिग्रहण और उस पर भवन के निर्माण के लिए लगभग 10000 वर्ग फुट जगह चाहिए. पिछले 14 साल में NIA ने नई दिल्ली मुख्यालय के साथ हैदराबाद, गुवाहाटी, मुम्बई, कोच्चि, लखनऊ, कोलकाता, रायपुर, जम्मू, चंडीगढ़, चैन्नई और रांची में ऑफिस खोले हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जयपुर में भी ऑफिस खोलने की स्वीकृति दे दी है.

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2008 में हुई एनआईए की स्थापना: दरअसल राजस्थान में 26 नवंबर, 2008 को मुंबई आतंकी हमले के बाद एनआईए की स्थापना की गई थी. देश में आतंकवाद, उग्रवाद, आतंकवादियों को फंडिंग के अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले जटिल मामलों की जांच करने का, देश की सम्प्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए एनआईए काम कर रही है. जयपुर में 13 मई, 2008 को शृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए. विस्फोट घनी आबादी वाले स्थानों पर किए गए. इन विस्फोटों को हवामहल के पास सहित विभिन्न इलाकों में साइकिल बम के जरिए अंजाम दिया गया.

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