देश की जीडीपी में रियल एस्टेट की 7 फिसदी भागीदारी है. जिससे लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है. कोरोना के चलते यह सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ. लेकिन अब धीरे-धीरे यह पटरी पर लौटने लगा है. लेकिन इस सेक्टर को केंद्र सरकार के बजट से राहत मिल जाए तो इसमें बूस्ट आ सकता है. देखिये यह खास रिपोर्ट...
केंद्र सरकार की ओर से 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाएगा. कोरोना के आने के बाद इस बजट को लेकर सभी लोगों को काफी उम्मीदें हैं. खास तौर पर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आस है बजट कुछ खास लेकर आएगा और पर्यटन व्यवसाय फिर पटरी पर लौटेगा. कोरोना महामारी के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पर्यटन व्यवसाय पर सरकार को खास फोकस करना चाहिए. टैक्स में छूट दी जानी चाहिए. जिससे पर्यटन व्यवसाय एक बार फिर पहले की तरह पटरी पर दौड़ने लगेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करेंगी. बजट को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मोदी सरकार का बजट किसान, युवा सहित सभी वर्गों के लिए लोक कल्याणकारी होगा.
पहले से संकट में चल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को कोविड-19 महामारी की वजह से दोहरी मार पड़ी है. ऐसे में फंसे हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डेवलपर्स ने 1 फरवरी को आने वाले केंद्रीय बजट से उम्मीद जताई है. रियल एस्टेट डेवलपर्स बजट में टैक्स में राहत और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में बैंकों से दिए गए लोन के ब्याज में राहत मिलने की उम्मीद लगाए बैठा है.
राजस्थान भारत का एक राज्य है जो पर्यटन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. यहां की कला संस्कृति, पुरासम्पदा, किले महल हर जिले में दर्शनीय स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं. राजस्थान के कोने-कोने में बिखरी पड़ी संस्कृति और पुरासम्पदा के लिए पर्यटन विभाग का स्लोगन है 'कब कहां जाने क्या दिख जाए'. पिछले एक साल से कोरोना संक्रमण के बीच पर्यटन जगत को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. तो पर्यटन उद्योग को सरकार से क्या उम्मीदें हैं, देखिये इस रिपोर्ट में...
बजट में आम आदमी को घर का सपना संजोने के लिए कुछ राहत मिल जाए. कोटा के निवासियों को किस तरह उनके आशियाने के निर्माण में छूट मिले. इस पर ईटीवी भारत में बिल्डरों और जानकारों से बात कर राय जानी. सभी ने बिल्डिंग मैटेरियल पर लगने वाले जीएसटी की दरों को कम करने की मांग की है. सब्सिडी बढ़ाने के साथ लोन के प्रोसीजर को भी ठीक करने की मांग की गई है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आगामी केंद्रीय बजट राजस्थान के लिए निराशाजनक रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 25 सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपना मौन व्रत तोड़े और राजस्थान के लिए स्पेशल पैकेज की मांग करें.
1 फरवरी को आने वाले केंद्रीय बजट को लेकर राजस्थान के कांग्रेस नेताओं अपनी प्रतिक्रया दी है. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार इस बार महंगाई कम करने वाला बजट लाए. वहीं मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कोरोना काल में कष्ट झेल चुकी जनता को राहत पहुंचाने वाले बजट की उम्मीद जताई है. विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा कि उन्हें आने वाले बजट से किसी तरीके की कोई उम्मीद नहीं है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2021 पेश करने जा रही हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने कोटा के चार्टर्ड अकाउंटेंट से बजट की उम्मीदों को लेकर लोन के मुद्दे पर बात की. जिसमें कोटा के सीए ने अपना पक्ष रखा कि किस तरह से लोन की व्यवस्था और उसमें जो कमियां है, उनके दूर किया जाए. जिससे लोगों को फायदा मिल सके. इस संबंध में चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए व्यापारियों को बिजनेस लोन की आवश्यकता होती है.
भरतपुर के किसानों को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत ने भरतपुर के किसानों से मिलकर जाना कि वो केंद्र के आम बजट से क्या उम्मीद रखते हैं. विशेष बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि राजस्थान में चकबंदी कानून, समर्थन मूल्य की सख्ती से पालना जैसे कई नियमों की सख्त जरूरत है, जो कि किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे.
महज कुछ घंटों बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही हैं. लंबे समय से देश और समाज कोरोना के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है. क्योंकि अब संक्रमण का खतरा कुछ कम हो गया है और जनजीवन फिर से पटरी पर लौट रहा है ऐसे में आने वाले बजट से समाज के हर वर्ग को कई प्रकार की उम्मीदें हैंं. बजट को लेकर ईटीवी भारत ने व्यापारी, व्यवसायी, युवा, गृहणी, राजनेताओं से बातचीत कर जाना कि आखिर वह बजट से क्या उम्मीद कर रहे हैं.
जोधपुर की जनता का कहना है कि जोधपुर के आसपास से आने वाले ग्रामीण लोगों के लिए भी रेलवे की ओर से अलग से इंतजाम किए जाने चाहिए. शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को भी ट्रेनों से जोड़ा जाना चाहिए. जिससे कि ग्रामीणों को भी किसी प्रकार की कोई समस्या ना आए.
महिलाओं का कहना था कि लगातार कोरोना के बाद सही सिलेंडर के दाम में निरंतर वृद्धि हुई जिससे रसोई के खर्च पर भारी बोझ पड़ने लगा है. सरकार से यही अपील है कि सिलेंडर की बढ़ी हुई दरों को कम करें. दूसरी तरफ रसोई के अन्य सामान जैसे तेल, दाल इनकी कीमतें भी कम करनी चाहिए, जिससे परिवार चलाने में राहत मिल सके.
केंद्रीय बजट 2021-22 में अजमेर के युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. युवा चाहते है कि शिक्षा के क्षेत्र में अजमेर को शिक्षा नगरी की पहचान मिले. अजमेर को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाए.
कोरोना महामारी के बाद आने वाले इस बजट को लेकर देशवासियों को काफी उम्मीद है. खासकर स्वास्थ्य महकमे से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बार बजट में कुछ विशेष प्रावधान हेल्थ सेक्टर को लेकर करेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि देश में जब कोविड-19 महामारी फैल रही थी तो सामने आया था कि देश में हेल्थ इन्फ्राट्रक्चर की कमी देखने को मिली थी. साथ ही चिकित्सक और अन्य मेडिकल स्टाफ की कमी भी परेशानी का एक कारण बनी थी.
जट को लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जो किसानों के साथ हुआ उससे तो हमें निराशा है कि जब केंद्र सरकार वोट देने वाले किसान की नहीं सुन रही है तो फिर वह ऐसा ही बजट लाएंगे जो पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को फायदा देने वाला होगा.