जयपुर. सीएचओ भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में लिप्त परीक्षा केंद्र जागृति विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर युवा बेरोजगारों ने स्कूल का घेराव किया. बेरोजगारों ने सरकार से नए कानून का हवाला देते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने के साथ उनकी संपत्ति जब्त करने और दोषियों को 10 साल की सजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. 10 नवंबर, 2020 को हुई सीएचओ भर्ती पेपर लीक (CHO recruitment 2020 paper leak) को लेकर एसओजी ने निवारू रोड स्थित जागृति विद्या मंदिर स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
इस स्कूल के संचालक धीरज शर्मा पहले से ही कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में जेल में हैं. ऐसे में युवा बेरोजगार ने इस परीक्षा केंद्र से पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने कहा कि इस परीक्षा केंद्र के खिलाफ नए कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने सवाल किया कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले दोषियों के खिलाफ आखिर कब कार्रवाई होगी? आखिर जागृति स्कूल के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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आपको बता दें कि पेपर लीक का खुलासा होने के बाद एसओजी ने जागृति स्कूल की परीक्षा के बाद जमा कराई गई सामग्री जांची थी. इसके बाद बनी जांच कमेटी ने सेंटर की ओर से जमा कराए उन अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र खंगाले, जो परीक्षा में अनुपस्थित रहे थे. सामने आया कि स्कूल ने ऐसे 18 पेपर वापस जमा कराए, जिनमें से 2 पेपर की सील खुली हुई थी. जिन पेपर की सील खुली थी, वो उन छात्रों की थी, जो छात्र परीक्षा में नहीं आए थे. बताया जा रहा है कि परीक्षा से पहले उनके पेपर खोले गए और पेपर लीक कर दिया गया. वहीं एसओजी की ओर से राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार पांच मुल्जिम में से जागृति विद्या मंदिर स्कूल का संचालक धीरज शर्मा भी इन्हीं में एक है.