जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान 1 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. अभियान के पहले दिन यानी 2 अक्टूबर को जेडीए ने 10 हजार पट्टे देने से शुरुआत करने का दावा किया है.
हालांकि दावों के विपरीत अब तक जेडीए के पास महज 3 हज़ार 300 आवेदन ही आए हैं. जबकि अभियान शुरू होने में अब 4 दिन का समय बचा है. जेडीए को सबसे ज्यादा उम्मीद पृथ्वीराज नगर जोन से थी. लेकिन यहां से अब तक एक हजार आवेदन ही मिले हैं.
जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि इस अभियान की मूल मंशा शहरी क्षेत्र में लंबे समय से निवास कर रहे लोगों को राहत पहुंचाने की है, जिनके पास अपनी जमीन के पुख्ता दस्तावेज नहीं है. वह इस अभियान के दौरान लोगों को उप्लबध करवाए जाएंगे. चूंकि पट्टा एक क्लियर टाइटल्ड डॉक्यूमेंट है, जिससे बैंक से लोन, मकान निर्माण और भू उपयोग परिवर्तन जैसे कार्य किए जा सकते हैं. इससे फाइनेंशियल सिक्योरिटी के साथ-साथ सोशल सिक्योरिटी भी मिलती है.
आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कई तरह की छूट भी दी है, और जेडीए की ओर से लगातार शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं. ये अभियान 6 महीनों तक चलेगा. लेकिन जेडीए की मंशा है कि पहले दिन ही अच्छी शुरुआत की जाए. इसलिए 10 हजार का एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अब तक करीब 1000 पट्टे तैयार हो चुके हैं, और लगातार आवेदन आ रहे हैं. पहले जहां 100 या 200 आवेदन हर दिन आ रहे थे, उनकी संख्या बढ़कर अब 300 हुई है. धीरे-धीरे लोगों में अभियान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है.
पढ़ें. राजस्थान में 'जादूगर' का विकल्प नहीं, गहलोत आलाकमान के विश्वासपात्र : चांदना
राज्य सरकार ने अभियान को सफल बनाने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस और आरएएस को भी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है. जिन्हें फिक्स वेतनमान भी दिया जाएगा. जयपुर संभाग की जिम्मेदारी एनपी शर्मा को सौंपी गई है. इसके अलावा मास्टर और जोनल प्लान, सेक्टर लेआउट प्लान की समीक्षा और बाधा दूर करने के लिए मुख्य नगर नियोजक को प्रभारी और अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक (हेरिटेज नगर निगम) को अतिरिक्त प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है. इन सबके बीच अब तक प्राप्त हुए पट्टों के आवेदन इन सभी व्यवस्थाओं को मुंह चिढ़ा रहे हैं.