जयपुर. प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में एक समान कानून और संविधान से संचालित होंगे. इस संबंध में जल्द ही अंब्रेला एक्ट पर काम शुरू होगा, जो विशेष तौर पर प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए बनाया जा रहा है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है, उसके बाद इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. शुक्रवार को राजभवन में पत्रकारों से रूबरू हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसकी जानकारी दी.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि उनका पूरा जोर विश्वविद्यालय में रोजगार परक शिक्षा पर है. साथ ही विश्वविद्यालय स्मार्ट हो इस पर भी उन्होंने जोड़ दिया है. इस दौरान राज्यपाल ने अपने 100 दिवस के कार्यकाल में लिए गए निर्णय और कामकाज की जानकारी भी मीडिया को दी. मिश्र ने कहा कि उन्होंने सर्वाधिक समय सकारात्मक कार्य में ही लगाने का प्रयास किया है.
मिश्र ने बताया कि उन्होंने 100 दिन के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के 10 में से 6 विश्वविद्यालयों का दौरा कर लिया है. वहीं, मेवाड़, मारवाड़, हाड़ोती संभाग के जिलों का दौरा भी कर लिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति में यूजीसी के नॉर्म्स का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इसकी सख्ती से पालना की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि नॉर्म्स की पालना नहीं हुई तो ऐसी सर्च कमेटी की ओर से दिए गए नामों को वापस लौटा दिया जाएगा. इस दौरान राज्यपाल ने यह भी कहा कि मौजूदा सर्च कमेटी को भंग किया जाएगा.
जल के मामले में राजस्थान को विशेष दर्जा देने की मांग
राज्यपाल मिश्र ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली में हुए राज्यपालों के सम्मेलन में यह मांग भी की कि पूर्वोत्तर राज्यों की तरह राजस्थान को भी विशेष पैकेज मिले. कलराज मिश्र के अनुसार राजस्थान में जल की स्थिति देखें तो काफी विकट है, ऐसी स्थिति में उन्होंने केंद्र सरकार से यह मांग की थी. इस दौरान राज्यपाल ने अपने 100 दिन के कामकाज को लेकर एक बुकलेट भी पत्रकारों को दी, जिसमें विभिन्न अध्यायों के जरिए तमाम काम मीडिया के समक्ष गिनाए गए.