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हाउसिंग बोर्ड को जयपुर की बजाय दूसरे छोटे शहरों में रुख करना चाहिएः शांति धारीवाल

प्रदेशभर में आवासों को बेचने का रिकॉर्ड बनाने वाली हाउसिंग बोर्ड की क्षमता पर खुद यूडीएच मंत्री ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं. यूडीएच मंत्री ने सार्वजनिक मंच से हाउसिंग बोर्ड को जयपुर की बजाय दूसरे छोटे शहरों में रुख करने की नसीहत ही दे डाली है.

Jaipur news, जयपुर की खबर
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Published : Dec 9, 2019, 4:40 PM IST

जयपुर. प्रदेशभर में कई साल से अपने खरीददारों का इंतजार कर रहे आवासों को बेचने का रिकॉर्ड बनाने वाले हाउसिंग बोर्ड की क्षमता पर अभी भी सवाल उठाए जा रहे हैं और ये सवाल कोई और नहीं, बल्कि खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने उठाए हैं. जिन्होंने सीधे शब्दों में यह कह दिया कि हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा और इसलिए उन्हें छोटे शहरों में मकान बनाने की नसीहत भी दी है.

यूडीएच मंत्री ने आवासन मंडल की क्षमता पर उठाए सवाल
जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड ने 35 दिन में 1010 आवासों को बेचकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. इन आवासों के बेचने से बोर्ड को तकरीबन 162 करोड रुपए के राजस्व की भी प्राप्ति हुई. वहीं इस राशि को अब हाउसिंग बोर्ड नई योजनाओं में लगाने की तैयारी कर रहा है. लेकिन प्रदेश के यूडीएच मंत्री को अभी भी अपने विभाग की क्षमता पर संदेह है. यही वजह है कि यूडीएच मंत्री ने सार्वजनिक मंच से हाउसिंग बोर्ड को जयपुर के बजाय दूसरे छोटे शहरों में रुख करने की नसीहत दे डाली है.

पढ़ें- सरकार की पहली सालगिरह : गहलोत ने 'निरोगी राजस्थान' स्कीम का किया जिक्र

धारीवाल ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा. इसलिए उसे छोटे शहरों की तरफ जाना चाहिए. अच्छा है कि मंडल छोटे शहरों का रुख करे और वहां गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस-एलआईजी के मकान बनाकर मुख्यमंत्री के विजन को पूरा करे. धारीवाल के इस बयान ने अप्रत्यक्ष तौर पर बिल्डर और डेवलपर्स को संजीवनी देने का भी काम किया है. बता दें कि धारीवाल ने पहले तो हाउसिंग बोर्ड के विजन और कार्यप्रणाली को लेकर पीठ थपथपाई और उसके बाद खुद ही बोर्ड की क्षमता पर सवाल उठा दिए.

जयपुर. प्रदेशभर में कई साल से अपने खरीददारों का इंतजार कर रहे आवासों को बेचने का रिकॉर्ड बनाने वाले हाउसिंग बोर्ड की क्षमता पर अभी भी सवाल उठाए जा रहे हैं और ये सवाल कोई और नहीं, बल्कि खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने उठाए हैं. जिन्होंने सीधे शब्दों में यह कह दिया कि हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा और इसलिए उन्हें छोटे शहरों में मकान बनाने की नसीहत भी दी है.

यूडीएच मंत्री ने आवासन मंडल की क्षमता पर उठाए सवाल
जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड ने 35 दिन में 1010 आवासों को बेचकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. इन आवासों के बेचने से बोर्ड को तकरीबन 162 करोड रुपए के राजस्व की भी प्राप्ति हुई. वहीं इस राशि को अब हाउसिंग बोर्ड नई योजनाओं में लगाने की तैयारी कर रहा है. लेकिन प्रदेश के यूडीएच मंत्री को अभी भी अपने विभाग की क्षमता पर संदेह है. यही वजह है कि यूडीएच मंत्री ने सार्वजनिक मंच से हाउसिंग बोर्ड को जयपुर के बजाय दूसरे छोटे शहरों में रुख करने की नसीहत दे डाली है.

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धारीवाल ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा. इसलिए उसे छोटे शहरों की तरफ जाना चाहिए. अच्छा है कि मंडल छोटे शहरों का रुख करे और वहां गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस-एलआईजी के मकान बनाकर मुख्यमंत्री के विजन को पूरा करे. धारीवाल के इस बयान ने अप्रत्यक्ष तौर पर बिल्डर और डेवलपर्स को संजीवनी देने का भी काम किया है. बता दें कि धारीवाल ने पहले तो हाउसिंग बोर्ड के विजन और कार्यप्रणाली को लेकर पीठ थपथपाई और उसके बाद खुद ही बोर्ड की क्षमता पर सवाल उठा दिए.

Intro:जयपुर - बरसों से अपने खरीददार का इंतजार कर रहे आवासों को बेचने का रिकॉर्ड बनाने वाले हाउसिंग बोर्ड की क्षमता पर अभी भी सवाल उठाये जा रहे हैं। और ये सवाल कोई और नहीं खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने उठाये हैं। जिन्होंने सीधे शब्दों में यह कह दिया की हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा और इसलिए उन्हें छोटे शहरों में मकान बनाने की नसीहत दी है।


Body:हाउसिंग बोर्ड ने 35 दिन में 1010 आवासों को बेचकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इन आवासों के बेचान से बोर्ड को तकरीबन 162 करोड रुपए के राजस्व की भी प्राप्ति हुई। इस राशि को अब हाउसिंग बोर्ड नई योजनाओं में लगाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन प्रदेश के यूडीएच मंत्री को अभी भी अपने विभाग की क्षमता पर संदेह है। यही वजह है कि यूडीएच मंत्री ने सार्वजनिक मंच से हाउसिंग बोर्ड को जयपुर की बजाय दूसरे छोटे शहरों में का रुख करने की नसीहत दे डाली। धारीवाल ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड जयपुर में बिल्डरों का मुकाबला नहीं कर पाएगा। इसलिए उसे छोटे शहरों की तरफ जाना चाहिए। अच्छा है कि मंडल छोटे शहरों का रुख करें, और वहां गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस-एलआईजी के मकान बनाकर मुख्यमंत्री के विजन को पूरा करें।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:धारीवाल के इस बयान ने अप्रत्यक्ष तौर पर बिल्डर और डवलपर्स को संजीवनी देने का भी काम किया। आपको बता दें कि धारीवाल ने पहले तो हाउसिंग बोर्ड के विजन और कार्यप्रणाली को लेकर पीठ थपथपाई। और उसके बाद खुद ने ही बोर्ड की क्षमता पर सवाल उठा दिए।
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