जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. चुनाव से पहले किए गए वादे और दो साल के कार्यकाल में युवाओं को शिक्षा और रोजगार मुहैया करवाने के वादों को लेकर युवा क्या राय रखता है. ईटीवी भारत ने यह जानने के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय में युवाओं से बात की.
राजस्थान विश्वविद्यालय का युवा पढ़ाई के साथ ही राजनीतिक और सामाजिक सरोकारों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए भी जाना जाता है. उनसे जब सरकार के दो साल के कार्यकाल पर सवाल पूछा गया तो विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. रमेश भाटी का कहना है कि सरकार ने दो साल के कार्यकाल में शिक्षा और बेरोजगारी दूर करने की दिशा में काम किया है. खास तौर पर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉक स्तर पर कॉलेज खोलने की कवायद शुरू की है.
बेरोजगारों को दी राहत...
इसके साथ ही बेरोजगारों को राहत देते हुए पुलिस कांस्टेबल, जूनियर इंजीनियर, अन्वेक्षक और प्राध्यापक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करवाया गया. रीट भर्ती परीक्षा को लेकर भी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीब 16 लाख युवाओं ने आवेदन किया, जबकि रीट भर्ती परीक्षा के लिए 11 लाख युवाओं ने आवेदन किया हुआ है.
पढ़ें- दो साल पूरे होने पर बोले कारोबारी, 'प्रदेश में उद्योगों को लेकर बेहतर कार्य कर रही गहलोत सरकार'
रमेश भाटी का कहना है कि सरकार ने बेरोजगारों के लिए रीट में न्यूनतम अर्हक अंकों में भी राहत दी है और इसके प्रमाण पत्र की वैधता भी तीन साल तक के लिए की गई है. उनका कहना है कि बालिका शिक्षा को लेकर सरकार ने काफी उल्लेखनीय प्रयास किए हैं. इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा और ग्रामीण इलाकों में ब्लॉक स्तर पर कॉलेज खुलने से उच्च शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता भी बढ़ेगी.
इनको माना सरकार की उपलब्धि...
हालांकि, कई भर्ती प्रक्रियाओं के विवाद में फंसने और पेपर लीक होने के आरोपों पर रमेश भाटी का कहना है कि इस संबंध में जांच की जा रही है, जिस स्तर पर लापरवाही हुई है. उन्हें कड़ी सजा मिलने से युवाओं में विश्वास बहाल होगा. उन्होंने पत्रकारिता विश्वविद्यालय को फिर से शुरू करवाने और लॉ विश्वविद्यालय को भी सरकार की उपलब्धि माना है.
प्रदीप यादव का कहना है कि सरकार के दो साल के कार्यकाल में खेल कूद के क्षेत्र में सरकार ने अच्छा काम किया है. राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का मामला हो या उन्हें सुविधाएं मुहैया करवाने का मामला, गहलोत सरकार ने अच्छा काम किया है.
सरकार ने दो साल में कोई खास काम नहीं किया है...
नरेंद्र यादव का कहना है कि युवाओं और बेरोजगारों के लिए सरकार ने दो साल के कार्यकाल में कोई खास काम नहीं किया है. उल्टे छोटी बच्चियों और बेटियों के खिलाफ बढ़े अपराधों ने प्रदेश की छवि खराब की है. उनका कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणामों में आए दिन गड़बड़ियों की जानकारी सामने आती है. इस बार भी कई विद्यार्थियों की अंकतालिका में शून्य अंक दर्शाए गए हैं, जो कहीं न कहीं युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इससे पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मानसिक तनाव के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
पढ़ें- दो साल तक विवादों में ही उलझी रही सरकार, कभी कुर्सी बचाने में तो कभी विपक्ष से जूझते दिखे गहलोत
भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी...
उन्होंने सरकारी नौकरियों की भर्ती के मामलों को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि पहले तो सरकार घोषणा करने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया में देरी हो रही है. इसके साथ ही भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उचित कार्रवाई नहीं होने से पढ़ने वाले युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है.
सरकार के वादे धरातल पर पूरे होते नहीं दिख रहे...
नरेंद्र यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब राजस्थान विश्वविद्यालय आए तो बड़े-बड़े वादे करके गए थे, लेकिन वे वादे धरातल पर पूरे होते नहीं दिख रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव से पहले युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन कितने युवाओं को भत्ता मिल रहा है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है. एक अन्य युवा अजय का कहना है कि इन दो साल में ऐसा लग रहा है जैसे राजस्थान में तानाशाही शासन है.
'कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में जुटी हुई है'
कांग्रेस में गुटबाजी और सत्ता के संघर्ष का युवाओं पर क्या असर पड़ा है, इस सवाल पर नरेंद्र यादव का कहना है कि गुटबाजी के फेर में फंसी कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में जुटी हुई है. जबकि जनता बेहाल है. उन्होंने विधायकों की बाड़ेबंदी का हवाला देते हुए कहा कि जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा चरम पर था तब सत्ता बचाए रखने के लिए पूरी सरकार होटलों में थी. इससे बड़ी विडंबना क्या होगी.
आज राजस्थान की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है. बहरहाल, युवाओं का मानना है कि सरकार ने शिक्षा और युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने के लिए प्रयास तो कर रही है, लेकिन इनमें अभी और सुधार की दरकार है.