जयपुर. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान का फीस भुगतान को लेकर आंदोलन लगातार चल रहा है. फोरम की ओर से फीस भुगतान को लेकर दो महिला स्कूल संचालक आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं. एक ओर जहां लोग दिवली का त्योहार हर्षोल्लास से मना रहे हैं, तो वहीं दो महिलाएं आमरण अनशन पर बैठ कर फीस भुगतान की मांग कर रही है. शनिवार को महिला संचालकों के आमरण अनशन का पांचवा दिन था.
फीस माफी को लेकर अभिभावकों के आंदोलन के बाद प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालक भी आंदोलन की राह पर हैं. उन्होंने अनिश्चितकालीन बंद का एलान भी कर दिया है. प्रदेश के करीब 50 हजार निजी स्कूल हड़ताल पर हैं और उसके 11 लाख कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं. निजी स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन क्लासेज को बंद कर दिया है.
जयपुर में निजी स्कूल संचालकों ने अपना आंदोलन मंगलवार को शुरू किया था और शनिवार को इनके धरना प्रदर्शन को 5 दिन हो चुके हैं. दो महिला स्कूल संचालक हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा भी मंगलवार से फीस भुगतान की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है. अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि वार्ता के लिए उनके पास नहीं आया है. इस बात को लेकर निजी स्कूल संचालकों में रोष भी है. फिलहाल, इनका आमरण अनशन शहीद स्मारक पर चल रहा है.
'गहलोत सरकार असंवेदनशील हो चुकी है'
फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की प्रवक्ता हेमलता शर्मा भी अनशन पर बैठी हैं और सरकार की ओर से कोई पहल नहीं करने पर उन्होंने रोष भी जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रदेश की कांग्रेस सरकार असंवेदनशील हो चुकी है और उन्हें 11 लाख निजी स्कूलों के कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं है.
हेमलता शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 50 हजार स्कूलों के 11 लाख शिक्षक और कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. 2 महिला 5 दिन से आमरण अनशन पर है, लेकिन कोई उन्हें पूछने तक नहीं आया. लॉकडाउन के बाद कई स्कूल संचालक आर्थिक परिस्थितियों के कारण आत्महत्या तक कर चुके हैं. हेमलता शर्मा ने सरकार से अपील की कि स्थिति और ज्यादा भयावह हो उससे पहले सरकार इस मामले में संज्ञान लें.