जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है लेकिन इस दौरान कमेंट बॉक्स में अश्लील मैसेज भेजे जाने के अनेक मामले उजागर हुए हैं. कुछ प्रकरणों में स्कूल और कॉलेज ने अपने ही स्तर पर एक्शन लेते हुए ऑनलाइन क्लास के दौरान चैट बॉक्स में अश्लील मैसेज या फोटो भेजने वाले विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी ऑनलाइन क्लास बंद कर दी है. वहीं कुछ प्रकरणों में ही शिकायत जयपुर पुलिस के साइबर थाने तक पहुंची है.
बता दें कि विभिन्न एप्स के माध्यम से ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जा रहा है और इनविटेशन लिंक के जरिए ऑनलाइन क्लास में जुड़ कर चैट बॉक्स में अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं. राजधानी जयपुर में ऑनलाइन क्लास के दौरान चैट बॉक्स में अश्लील मैसेज और फोटो भेजने के तीन मामले पुलिस तक पहुंचे हैं और तीनों में ही पुलिस की जांच जारी है. जिनमें एक मामला कॉलेज तो दो मामले स्कूल की ऑनलाइन क्लास से जुड़े हुए हैं. स्कूल की ऑनलाइन क्लास के दौरान राजधानी के भांकरोटा और प्रताप नगर थाना इलाके में 2 निजी स्कूल की ऑनलाइन क्लास के दौरान दो छात्राओं को पर्सनल चैट पर अश्लील मैसेज भेजे गए. जिसकी शिकायत छात्रा के परिजनों द्वारा स्कूल प्रशासन को की गई. स्कूल की ओर से साइबर सेल को सूचित किया गया. दोनों ही प्रकरण में क्लास के ही 2 छात्र संलिप्त पाए गए. जिन्होंने ऑनलाइन क्लास के दौरान अश्लील मैसेज भेजे थे.
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वहीं कॉलेज से जुड़े प्रकरण में राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) में लॉ कॉलेज की एक छात्रा के इनवाइट लिंक के जरिए ऑनलाइन क्लास में अश्लील फोटो सेंड की गई. प्रकरण में जांच की गई तो पता चला की छात्रा को भेजी गई ऑनलाइन क्लास के इनवाइट लिंक के जरिए कोई तीसरा व्यक्ति जुड़ गया. जिसने यह हरकत की. फिलहाल, प्रकरण में साइबर सेल की जांच जारी है.
अश्लील मैसेज और फोटो भेजने पर हो सकती है 5 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना
ऑनलाइन क्लास के दौरान जाने-अनजाने में अश्लील मैसेज और फोटो भेजना काफी भारी पड़ सकता है. इसमें आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है और आईटी एक्ट की 67, 67ए और 68बी धारा के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है. पहली बार ऐसा करता पाए जाने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है. वहीं दोबारा यही गलती दोहराई जाए तो फिर 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए के जुर्माना का प्रावधान है. आईटी एक्ट के तहत दर्ज किए जाने वाले प्रकरण गैर जमानती होते हैं. जिसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.