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सरपंच संघ में दो फाड़ ! एक गुट ने आंदोलन वापस लिया तो दूसरा गुट धरने पर डटा, मंत्री गुढ़ा ने कही ये बड़ी बात

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Published : Sep 7, 2022, 3:56 PM IST

सरपंच संघ में दो गुट हो गए हैं. पहले गुट ने आंदोलन वापस की घोषणा कर दी, लेकिन दूसरा गुट अभी भी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बंगले धरना दे रहा है. सरपंचों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मंत्री भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन में गारंटी देता हूं सरपंच भ्रष्ट नहीं होता. सरपंच जमीन नहीं खरीद सकता, बल्कि सरपंचाई करने के लिए जमीन बेच देता है.

Minister Of Military Welfare in Rajasthan
राजेंद्र गुढ़ा

जयपुर. 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सरपंच संघ में दो फाड़ हो गई है. एक गुट ने मंगलवार रात को आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, जबकि दूसरा गुट अभी भी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आवास पर धरना दे रहा है. दूसरे गुट ने कहा कि फोटो खिंचवाने के चक्कर में एक गुट ने आंदोलन खत्म करने की बात कही. लेकिन हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं. आंदोलन जारी रहेगा, जब तक लिखित समझौता नहीं होता तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. उधर धरने पर बैठ सरपंचों के राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समर्थन में उतर आए. गुढ़ा ने कहा कि सरपंच संघ की मांगें जायज हैं और मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि मंत्री भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच भ्रष्ट नहीं होता.

सरपंचों में दो फाड़ : काम का तय समय पर भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित सरपंच संघ में फूट पड़ गई है. एक गुट ने मंगलवार शाम पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा से मुलाकात के बाद आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी, तो दूसरा गुट अभी भी राजधानी जयपुर में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के निवास पर धरने पर बैठा है. धरने पर बैठे सरंपचों का कहना है कि जयपुर आंदोलन के वक्त पुरानी कार्यकारिणी भंग हो चुकी थी. अब ये लोग समझौते की बात रहे हैं, लेकिन सिर्फ फोटो खिंचवाने लिए मंत्री मीणा के निवास पर गए. सरपंचों ने कहा कि प्रकरण को लेकर उन्होंनें संघर्ष समिति बनाई है. आज मंत्री गुढ़ा से मुलाकात हुई है. जब तक हमारी मांगों पर सरकार लिखित कार्रवाई का आश्वासन नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

क्या कहा राजेंद्र गुढ़ा ने

सरपंच भ्रष्ट नहीं हो सकता : उधर मामले को लेकर राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी सरपंचों के पक्ष में खड़े दिखाई दिए. गुढ़ा ने कहा कि सरपंच भ्रष्ट नहीं हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि मंत्री फिर भी (Rajendra Singh Gudha Big Statement) भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच कभी भ्रष्ट नहीं होता. वह कभी भ्रष्टाचार नहीं करता. मैं इनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करूंगा. इनकी मांगों को किस तरह से पूरा किया जाए, उसके लिए मजबूती से पक्ष रखूंगा. गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों के मकान और जमीनें बिकती हैं. सरपंच कभी जमीन नहीं खरीदता है. वैसे सरपंच के लिए भी सरकार को मानवीय दृष्टिकोण से सोचना चाहिए.

पढ़ें : Sarpanch Sangh Mahapadav: पंचायतीराज मंत्री के इस्तीफे की डिमांड कर रहा सरपंच संघ, कल जयपुर में सरपंच महापड़ाव

रमेश मीणा पर तंज : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों को जबरन टारगेट किया जा रहा है. इस तरह से सरपंचों को टारगेट (Rajasthan Sarpanch Union Strike) नहीं किया जा सकता. आईएएस, आरएएस, आईपीएस जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन यह सरपंच अपनी सरपंचाई करने के लिए जमीन तक बेच देते हैं. राजेंद्र गुढ़ा ने इस दौरान मंत्री रमेश मीणा पर तंज सकते हुए कहा कि जो कह रहे हैं सरपंचों के खिलाफ, वो उचित नहीं है. कौन भ्रष्ट है कौन नहीं, ये हर कोई जानता है ? मीणा का कद बड़ा है, लेकिन फिर भी उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सरपंचों के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचे.

जयपुर. 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सरपंच संघ में दो फाड़ हो गई है. एक गुट ने मंगलवार रात को आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, जबकि दूसरा गुट अभी भी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आवास पर धरना दे रहा है. दूसरे गुट ने कहा कि फोटो खिंचवाने के चक्कर में एक गुट ने आंदोलन खत्म करने की बात कही. लेकिन हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं. आंदोलन जारी रहेगा, जब तक लिखित समझौता नहीं होता तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. उधर धरने पर बैठ सरपंचों के राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समर्थन में उतर आए. गुढ़ा ने कहा कि सरपंच संघ की मांगें जायज हैं और मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि मंत्री भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच भ्रष्ट नहीं होता.

सरपंचों में दो फाड़ : काम का तय समय पर भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित सरपंच संघ में फूट पड़ गई है. एक गुट ने मंगलवार शाम पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा से मुलाकात के बाद आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी, तो दूसरा गुट अभी भी राजधानी जयपुर में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के निवास पर धरने पर बैठा है. धरने पर बैठे सरंपचों का कहना है कि जयपुर आंदोलन के वक्त पुरानी कार्यकारिणी भंग हो चुकी थी. अब ये लोग समझौते की बात रहे हैं, लेकिन सिर्फ फोटो खिंचवाने लिए मंत्री मीणा के निवास पर गए. सरपंचों ने कहा कि प्रकरण को लेकर उन्होंनें संघर्ष समिति बनाई है. आज मंत्री गुढ़ा से मुलाकात हुई है. जब तक हमारी मांगों पर सरकार लिखित कार्रवाई का आश्वासन नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

क्या कहा राजेंद्र गुढ़ा ने

सरपंच भ्रष्ट नहीं हो सकता : उधर मामले को लेकर राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी सरपंचों के पक्ष में खड़े दिखाई दिए. गुढ़ा ने कहा कि सरपंच भ्रष्ट नहीं हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि मंत्री फिर भी (Rajendra Singh Gudha Big Statement) भ्रष्ट हो सकता है, लेकिन सरपंच कभी भ्रष्ट नहीं होता. वह कभी भ्रष्टाचार नहीं करता. मैं इनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करूंगा. इनकी मांगों को किस तरह से पूरा किया जाए, उसके लिए मजबूती से पक्ष रखूंगा. गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों के मकान और जमीनें बिकती हैं. सरपंच कभी जमीन नहीं खरीदता है. वैसे सरपंच के लिए भी सरकार को मानवीय दृष्टिकोण से सोचना चाहिए.

पढ़ें : Sarpanch Sangh Mahapadav: पंचायतीराज मंत्री के इस्तीफे की डिमांड कर रहा सरपंच संघ, कल जयपुर में सरपंच महापड़ाव

रमेश मीणा पर तंज : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों को जबरन टारगेट किया जा रहा है. इस तरह से सरपंचों को टारगेट (Rajasthan Sarpanch Union Strike) नहीं किया जा सकता. आईएएस, आरएएस, आईपीएस जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन यह सरपंच अपनी सरपंचाई करने के लिए जमीन तक बेच देते हैं. राजेंद्र गुढ़ा ने इस दौरान मंत्री रमेश मीणा पर तंज सकते हुए कहा कि जो कह रहे हैं सरपंचों के खिलाफ, वो उचित नहीं है. कौन भ्रष्ट है कौन नहीं, ये हर कोई जानता है ? मीणा का कद बड़ा है, लेकिन फिर भी उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सरपंचों के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचे.

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