जयपुर. कोयले संकट से जूझ रहा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने अब छत्तीसगढ़ से अपने हक का कोयला लेने के लिए 'ट्वीट वार' शुरू (RVUNL tweets for Coal) कर दिया है. खास बात ये भी है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने इसके लिए अलग से टि्वटर अकाउंट "आरवीयूएनएल कोल ब्लॉक" भी बनाया (RVUNL Tweet Chattisgarh Over Coal) है. अब इसके जरिए छत्तीसगढ़ में कोयला खनन का विरोध करने वाले लोगों की पोल खोली जा रही है.
दरअसल, राजस्थान के थर्मल बिजली घरों में अब महज 7-8 दिन का ही कोयला बचा है. दिन घटते जा रहे हैं, कोयला घटता जा रहा है और निगम की चिंता बढ़ती जा रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ के सरगुजा चरण में 841 हेक्टेयर जमीन से खनन अब तक शुरू नहीं हो सका है. कुछ एनजीओ और स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वजह प्राकृतिक सम्पदा का दोहन बताई जा रही है. इसके पीछे वनभूमि होने और वहां से पेड़ काटने से पर्यावरण के नुकसान का हवाला दिया जा रहा है. कोयले का खनन कार्य अब तक अटका हुआ है जबकि राजस्थान को इस काम के लिए केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों ने निर्धारित शर्तों के साथ अनुमति दे दी है. पिछले दिनों खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस सिलसिले में मिल चुके (Gehlot met Baghel On Coal) हैं लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है.
विरोधियों को दिया जा रहा ट्विटर पर जवाब: राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ट्विटर के जरिए विरोध करने वाले छत्तीसगढ़ की जनता और स्वयंसेवी संस्थाओं को जवाब दे रही है. अपने ट्विटर के जरिए उत्पादन निगम यह बता रहा है कि-
- खनन शुरू होने से करीब 4000 लोगों को रोजगार मिलेगा.
- खदान वाले जिले में ही क्षेत्र के लोगों के लिए विद्युत उत्पादन निगम करीब 100 बेड का अस्पताल बना कर देगा.
- वर्तमान में 8 लाख नहीं बल्कि 8000 पेड़ काटने पड़ेंगे इसकी एवज में उत्पादन निगम 4 गुना पेड़ पौधे लगाएगा.
- कोल ब्लॉक के लिए पूर्व में 1898 हेक्टेयर भूमि दो चरणों में दी गई थी. पहले चरण में 600 हेक्टेयर भूमि पर वर्ष 2013 में खनन शुरू हुआ, इन 10 वर्षों में 80 हजार पेड़ों की एवज में 48 लाख पेड़ पौधे लगाए गए साथ ही 8946 का ट्रांसप्लांटेशन किया गया ऐसे में विरोध करने वालों का यह कहना बिल्कुल गलत है कि खनन से जंगल उजड़ रहे हैं.
- ट्विटर के जरिए यह भी बताया जा रहा है कि राजस्थान को छत्तीसगढ़ में कोयला आवंटित खदान घने वनों वाली भूमि पर नहीं है बल्कि इससे 2% हिस्सा ही प्रभावित होगा.
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अपने इस नए टि्वटर अकाउंट से जो भी ट्वीट (RVUNL tweets for Coal) कर रहा है उसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी टैग (CM Bhupesh Baghel Tagged In Tweet War) किया जा रहा है. ट्विटर पर एक दर्जन से अधिक हैशटेग का (Tweet War Over Coal) उपयोग किया जा रहा है जिसमें पावर क्राइसिस, कोल क्राइसिस, कोल शॉर्टेज, पावर कट, परसा कोल ब्लॉक आदि शामिल है.
अधिकारी बोले गहरा सकता है संकट: राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा के अनुसार सोशल मीडिया का जमाना है और जो विरोध किया जा रहा है उसे थामने और आमजन को जागरूक करने के लिए ही निगम ने ट्विटर का इस्तेमाल किया है. शर्मा ने यह भी कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया के जरिए ही छत्तीसगढ़ के लोगों को यह हकीकत पता लगे की राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम खनन वाले क्षेत्रों के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कुछ कर रहा है. तभी समस्या का समाधान हो पाएगा. उत्पादन निगम के सीएमडी ने यह भी कहा कि यदि जल्द ही कोयला खनन शुरू नहीं हुआ तो राजस्थान के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होने की आशंका है.