जयपुर. देशभर के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान काफी महंगा है. राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल भी महंगा है. वहीं अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा चालान भी किए जा रहे हैं. इससे परेशान होकर दिल्ली से एक ट्रक मालिक राजस्थान परिवहन मुख्यालय भवन पहुंचकर परिवहन आयुक्त रवि जैन को इस मामले से अवगत भी कराया है. ट्रक ऑपरेटर्स ने परिवहन आयुक्त को आए दिन चालान से अवगत करा कर राहत देने की मांग भी की है. ट्रक ऑपरेटर मालिकों का कहना है कि अभी बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम ने उनकी कमर तोड़ रखी है. ऐसे में इतने महंगे चालान से ट्रक मालिक परेशान होकर परिवहन आयुक्त से मिलकर चालनो में राहत देने की मांग भी की है.
ट्रक मालिक पेट्रोल डीजल और चालान की मार से तनाव में आ गए हैं. ट्रक मालिक इंद्रबीर सिंह ने बताया कि हमारी ट्रक दिल्ली से मुंबई तक जाते हैं. ऐसे में राजस्थान में ट्रकों के प्रवेश करते ही डबल डीजल के चालान हो रहे हैं. लंबी दूरी के कारण ट्रकों में डबल डीजल टैंक लगाया जाता है. लंबी दूरी के चलते अन्य राज्यों में डीजल की पूर्ति के लिए दूसरे पूर्ति हो जाती है. ऐसे में नई मोटर व्हीकल एक्ट में भी लिखा है कि डीजल टैंक को 400 लीटर से 700 लीटर तक करा जा सकता है, लेकिन राजस्थान सरकार को कोविड-19 में 10 महीने से परेशानी को समझते हुए ट्रक के संचालन में राहत देने की आवश्यकता है क्योंकि एक ट्रक संचालन से बहुत से लोगों को रोजगार के साधन मिलते हैं.
नए ट्रक मालिकों का कहना है कि राजस्थान परिवहन विभाग के द्वारा रोज मनमानी से चालान करना यह बर्दाश्त नहीं होता है. ट्रांसपोर्टर ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि राजस्थान से गुजरने वाले ट्रकों में चालान में राहत दें. वहीं ट्रक मालिक तनाव में आ गए हैं. कोई ट्रक मालिक और चालक सड़क पर झगड़ा कर रहा है, तो कोई परिवहन विभाग में आकर मिल रहा है. ऐसे में डबल टैंक के चालान किसी भी राज्य गुजरात मुंबई सहित अन्य राज्यों में भी नहीं हो रहे हैं.
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परिवहन आयुक्त रवि जैन का कहना है कि यातायात सुचारू बनाए रखने और मोटर व्हीकल एक्ट की पालना में कार्रवाई की जाती है. परिवहन एक्ट के अनुसार यदि कोई भी वाहन चलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. ऐसे में परिवहन विभाग मनमानी से किसी भी वाहन का चालान नहीं करता है. परिवहन विभाग की टीम और परिवहन निरीक्षक मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ वाहन चलाते हैं. उनके खिलाफ भी कार्रवाई करते हैं. सड़कों पर गाड़ी चलाई जाती है. वाहन की बॉडी को नियम अनुसार होना होता है और लोडिंग वाहन बाहर निकले होते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं. हाईवे पर कई ट्रकों में भर तक फ्री एंक्लेव होता है. ऐसे में परिवहन विभाग के निरीक्षक नियम अनुसार ही चला करते हैं. ऐसे में चलाने की संख्या तो बढ़ेगी ही.