जयपुर. प्रदेश की परिवहन विभाग को निजी हाथों में सौंपने को लेकर सरकार की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिस पर जल्द ही टेंडर प्रक्रिया कर परिवहन विभाग के कुछ डिपार्टमेंट को निजी हाथों में सौंपने का कार्य किया जाएगा.
बता दें कि कई बार परिवहन विभाग में दलाल प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं, लेकिन अब सरकार खुद परिवहन विभाग के अंतर्गत निजी लोगों को बैठाने जा रही है, जो कि विभाग के लिए कई बड़े सवाल भी खड़े कर रही हैं.
ऐसे में परिवहन विभाग को निजी हाथों में सौंपने को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यह जितना भी काम किया गया है और यह जो टेंडर प्रक्रिया थी, वह पूर्व सरकार के समय की थी. प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारा यह मानना है कि लाइसेंस प्रक्रिया को लेकर पहले ही सभी कार्य ऑनलाइन हो चुके हैं और वह पूर्ण रूप से डेवलप भी हो चुके हैं.
जिसको देखते हुए जनता को सुविधा देने के लिए गहलोत सरकार हमेशा आगे रहती है. प्रताप सिंह ने कहा कि यह हमारी बजट घोषणा थी कि प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालय के अंतर्गत पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर फ्रंट ऑफिस तैयार किया जाए, जिससे आमजन को राहत मिले. परिवहन मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारा मकसद निजीकरण को बढ़ावा देना नहीं है.
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हमारा मुख्य उद्देश्य आमजन को राहत प्रदान करना है. वहीं, प्रदेश में चल रहे ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रेक को लेकर भी परिवहन मंत्री ने कहा कि ड्राइविंग ट्रेक को पूर्ण रूप से निजी हाथों में नहीं दिया गया है. ड्राइविंग ट्रेक में परिवहन विभाग की पूर्ण रूप से भूमिका रहेगी और डिपार्टमेंट के लोग भी वहां पर रहेंगे. प्रताप सिंह ने कहा कि लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो और जिन लोगों को वाहन चलाना आता है. उन्हें ही उनके लाइसेंस मिले, यहीं हमारा मकसद है.