जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर सियासत भड़क गई है. कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर राजस्थान के साथ ऑक्सीजन दिए जाने में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं. वहीं प्रदेश भाजपा नेता इस मामले में अब तक मौन है. यही कारण है कि परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर भाजपा नेताओं पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान में मरीज तड़प तड़प के मर रहे हैं, लेकिन भाजपा का एक भी नेता केंद्र से बोलने को तैयार नहीं है.
खाचरियावास ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं एक बार फिर भाजपा के नेताओं से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वह इस मामले में कुछ तो बोले. खाचरियावास ने कहा कि आखिर ऑक्सीजन के बिना लोग कैसे जी पाएंगे और राजस्थान को ऑक्सीजन का जो हिस्सा मिलना चाहिए था वो नहीं मिल रहा है. खाचरियावास ने आरोप लगाया कि जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी, तब ऑक्सीजन का मैनेजमेंट केंद्र सरकार के पास नहीं था. इसलिए कोई दिक्कत नहीं आई थी, लेकिन पूरा मैनेजमेंट केंद्र सरकार के पास है और केंद्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभाव कर रही है. खाचरियावास ने कहा कि एक्टिव रोगियों के अनुपात में राजस्थान के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जबकि एक्टिव केस के मामले में गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अधिक ऑक्सीजन दी जा रही है. वहीं राजस्थान में कम बावजूद इसके प्रदेश भाजपा के नेता फिर भी चुप है.
ऑक्सीजन मामले में बोलते नहीं वैक्सीनेशन फ्री करने की बात करते हैं
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के सांसद नेता और केंद्रीय मंत्री राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को बोलते नहीं हैं, लेकिन 18 साल से अधिक के लोगों को फ्री वैक्सीनेशन के लिए बोलते रहते हैं. खाचरियावास ने कहा कि हम चाहते हैं देश भर में जिस तरह पोलियो का टीकाकरण निशुल्क हुआ, ठीक उसी तरह कोरोना वैक्सीन का भी निशुल्क टीकाकरण हो. खाचरियावास ने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण का खर्च कौन उठाएगा, इसकी प्रक्रिया क्या होगी यह बाद का विषय है, लेकिन आज ऑक्सीजन की कमी बड़ा मुद्दा है. इस पर तत्काल केंद्र सरकार पर दबाव डलवा कर राहत मिलना चाहिए. खाचरियावास ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार में भाजपा नेताओं को यह बात रखना चाहिए, लेकिन जब लोग मर जाएंगे तब बात रखने से क्या होगा.
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पॉलिटिकल लड़ाई लड़ें, प्रदेश के लोगों की जान से नहीं खेलें
खाचरियावास ने अपने बयान में यह भी कहा कि यदि भाजपा और केंद्र सरकार की हमारी सरकार से नाराजगी है, तो हमसे पॉलिटिकल लड़ाई लड़ें. हमें मरवा दो, लेकिन प्रदेश की जनता की जान के साथ तो खिलवाड़ मत करो. खाचरियावास ने यह भी कहा कि भाजपा मुख्यालय से ही ऑक्सीजन सिलेंडर बटवा दो, लेकिन कुछ तो बोलो और कुछ तो करो. प्रताप सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार ने काफी हद तक चिकित्सा कर्मियों के सहयोग से इस महामारी पर रोकथाम की है, लेकिन आज अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा के राजस्थान से वाले केंद्रीय मंत्री और नेताओं की जिम्मेदारी है कि वह इस बारे में बोले लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है.
कम से कम ओम बिरला जी आप तो बोलें
खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान से आने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ लोकसभा स्पीकर और मिलना भी राजस्थान से ही आते हैं. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओम बिरला से भी बात की है और मेरी भी उन से विनती है कि कम से कम वह तो इस मामले में बोले. राजस्थान के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करें क्योंकि आज प्रदेश की जनता की जान पर आ पड़ी है. इसलिए मेरी हाथ जोड़कर विनती है की बीजेपी कांग्रेस छोड़ प्रदेश की जनता की जान की परवाह करें क्योंकि यदि वैसा करेंगे तो हम भी और प्रदेश की जनता भी उन्हें दुआ देगी वरना लोगों की बद्दुआ बीजेपी को लगेगी.
भाजपा नेताओं ने धारण किया मौन व्रत
अब तक कोरोना वैक्सीन सहित अन्य मसलों पर लगातार प्रदेश गहलोत सरकार पर जुबानी हमला कर रहे प्रदेश भाजपा नेताओं ने ऑक्सीजन कमी के मामले में वस्तु स्थिति स्पष्ट होने के बाद मौन व्रत धारण कर लिया है. मौजूदा स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान को कम ऑक्सीजन दी जा रही है, जबकि राजस्थान में एक्टिव केस काफी अधिक है. यही बात पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी उठाया था, लेकिन अब इस मसले पर गहलोत सरकार के मंत्री मुखर हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली है.