जयपुर. परिवहन विभाग की ओर से 1 जनवरी को जारी किए गए फिटनेस सेंटर बंद करने के आदेश के बाद से ही लगातार ट्रांसपोर्टर्स में इसका विरोध देखा जा रहा था. जिसके बाद कई बार ट्रांसपोर्टर्स ने परिवहन आयुक्त और परिवहन मंत्री से मिलकर दोबारा से पुराने फिटनेस सेंटरों को ही चालू कराने की मांग रखी थी.
ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि जयपुर से 30 किलोमीटर दूर जाकर फिटनेस कराने पर उनका काफी समय बर्बाद होता है तो उनके 4 से 5 हजार रुपये अतिरिक्त लगते हैं और फिटनेस सेंटर पर बैठे दलाल उनसे अतिरिक्त पैसा भी मांगते हैं. जिसको लेकर उन्होंने मंत्री से मुलाकात भी की है.
वहीं इस पर परिवहन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि फिटनेस सेंटर सरकारी ही होने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट आदमी मनमानी नहीं करें, उसके लिए भी एक रणनीति बनाई जाएगी. मेरे दिमाग में हर समय यही बात उठती है कि जो हो परिवहन मंत्री होता है, उसके सामने कई चुनौतियां होती है और लोग उसकी इमेज ऐसी ही बना देते हैं.
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मंत्री ने कहा कि से हमारा फिटनेस सेंटर को लेकर कोई लेना-देना नहीं है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने यह पॉलिसी बनाई थी. लेकिन इस पर मैं जरूर रिव्यू करूंगा और सभी अधिकारियों को बुलाकर एक मीटिंग लूंगा. मंत्री ने कहा कि मुझे अभी टाइम नहीं मिल रहा है, लेकिन फिटनेस सेंटर के दूर जाने से बस और ऑटो रिक्शा वालों को काफी परेशानी हो रही है.
साथ ही मंत्री ने बताया कि मेरे पास कल एक रिक्शे वाला आया था और उसने कहा कि यदि वह बगरू फिटनेस सेंटर फिटनेस कराने जाता है, तो उसका चालान काट दिया जाता है. साथ ही परिवहन आयुक्त पर तंज कसते हुए कहा कि परिवहन आयुक्त ने हर जगह अपने इंस्पेक्टर लगा रखे हैं. ऐसे में यदि कोई 30 किलोमीटर दूर गलत रूट पर जाएगा तो उसका चालान कट जाएगा. इसके लिए मैं जल्दी ही मीटिंग बुलाकर इस पर विचार करूंगा.
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साथ ही मंत्री ने कहा कि फिटनेस सेंटर को लेकर हाईकोर्ट का एक डिसीजन भी आया हुआ है. उस पर आगे की तैयारी करके यदि हम दोबारा से फिटनेस सेंटर चालू कर सकें तो टोहास में जो ट्रांसपोर्टर्स का पैसा है, उससे दोबारा से सरकारी फिटनेस सेंटर ही चालू करेंगे.