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परिवहन मंत्री ने जिन बसों को दिखाई हरी झंडी, उनका अबतक नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन

राजस्थान रोडवेज में 876 बसों को लेकर प्रस्ताव पास हो गया है. जिनमें से 51 बसों को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने से बसें डिपो में खड़ी हैं. जिससे रोडवेज प्रशासन को लाखों का नुकसान हो रहा है.

Roadways buses without registration, बिना रजिस्ट्रेशन की रोडवेज बसे
बिना रजिस्ट्रेशन वाली रोडवेज की बसें
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Published : Feb 16, 2020, 8:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान रोडवेज में 876 नई बसों का प्रस्ताव पास हो गया है. जिसमें से परिवहन विभाग ने अभी तक 51 नई बसें खरीद ली है और उनको परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 7 फरवरी को हरी झंडी दिखाकर रोडवेज मुख्यालय से रवाना किया था. लेकिन आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण बसें सड़कों पर नहीं उतरी हैं. इससे रोडवेज को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है. साथ ही आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिना रजिस्ट्रेशन वाली रोडवेज की बसें

बता दें, कि रोडवेज को 6 साल बाद 198 करोड़ के लोन से 876 से मिली है. इनमें से 7 फरवरी को 51 बसों को मंत्री ने हरी झंडी दिखाई है. साथ ही रोडवेज को 49 बस और मिल चुकी है. ढाई सौ बसों के चेचिस की डिलीवरी हो चुकी है. बाकी वहीं बची हुई 526 बसों का चेचिस मिलना अभी बाकी है. हर बस की कीमत 21 लाख रुपये है.

7 फरवरी को 51 बसों को डिपो के लिए रवाना कर दिया गया था. लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से सभी बसें सड़कों पर नहीं उतर पा रहीं हैं. ये बसें जोधपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, धौलपुर, भरतपुर ,हनुमानगढ़, अजमेर, चूरु, झालावाड़, के बस डिपो में खड़ी हैं. बसों के नहीं चलने से रोडवेज प्रशासन को लाखों का नुकसान हो रहा है.

ये पढ़ेंः Special: राजसमंद का 'डिजिटल गांव योजना' के तहत चयन, सांसद दीया कुमारी ने जताया पीएम मोदी का आभार

वहीं रोडवेज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अबतक बसों के दस्तावेज नहीं आए हैं. जिसके चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. अगर रोडवेज प्रशासन जल्दी ही बसों का रजिस्ट्रेशन करवाता है तो रोडवेज प्रशासन के घाटे में तो कमी आएगी. साथ ही रोडवेज प्रशासन को रोजाना लाखों रुपए का राजस्व भी मिलेगा.

जयपुर. राजस्थान रोडवेज में 876 नई बसों का प्रस्ताव पास हो गया है. जिसमें से परिवहन विभाग ने अभी तक 51 नई बसें खरीद ली है और उनको परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 7 फरवरी को हरी झंडी दिखाकर रोडवेज मुख्यालय से रवाना किया था. लेकिन आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण बसें सड़कों पर नहीं उतरी हैं. इससे रोडवेज को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है. साथ ही आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिना रजिस्ट्रेशन वाली रोडवेज की बसें

बता दें, कि रोडवेज को 6 साल बाद 198 करोड़ के लोन से 876 से मिली है. इनमें से 7 फरवरी को 51 बसों को मंत्री ने हरी झंडी दिखाई है. साथ ही रोडवेज को 49 बस और मिल चुकी है. ढाई सौ बसों के चेचिस की डिलीवरी हो चुकी है. बाकी वहीं बची हुई 526 बसों का चेचिस मिलना अभी बाकी है. हर बस की कीमत 21 लाख रुपये है.

7 फरवरी को 51 बसों को डिपो के लिए रवाना कर दिया गया था. लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से सभी बसें सड़कों पर नहीं उतर पा रहीं हैं. ये बसें जोधपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, धौलपुर, भरतपुर ,हनुमानगढ़, अजमेर, चूरु, झालावाड़, के बस डिपो में खड़ी हैं. बसों के नहीं चलने से रोडवेज प्रशासन को लाखों का नुकसान हो रहा है.

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वहीं रोडवेज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अबतक बसों के दस्तावेज नहीं आए हैं. जिसके चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. अगर रोडवेज प्रशासन जल्दी ही बसों का रजिस्ट्रेशन करवाता है तो रोडवेज प्रशासन के घाटे में तो कमी आएगी. साथ ही रोडवेज प्रशासन को रोजाना लाखों रुपए का राजस्व भी मिलेगा.

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